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तालिबान के मुल्ला बरादर का बड़ा बयान, कहा- काम कर सकती हैं महिलाएं, लेकिन शीर्ष पदों पर नहीं होगी नियुक्ति

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तालिबान के सह-संस्थापक और वरिष्ठ उप नेता मुल्ला बरादर साफ कर दिया है कि, महिलाएं अपना काम जारी रख सकती हैं. हालांकि उसने यह भी कहा है कि, शीर्ष पदों पर कोई महिला काबिज नहीं होंगी.

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  • तालिबान के सह-संस्थापक और वरिष्ठ उप नेता मुल्ला बरादर का बयान

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  • महिलाएं अपना काम जारी रख सकती हैं, शीर्ष पदों पर नियुक्ति नहीं

  • इस बयान से पढ़ी-लिखी महिलाओं को लगा झटका

Afghanistan Crisis, Taliban News: अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान अब सरकार गठन की तैयारी में है. हालांकि, सत्ता में महिलाओं की भागिदारी कितनी होगी इसको लेकर कई अटकलें आ रही है. लेकिन, इस बीच तालिबान के सह-संस्थापक और वरिष्ठ उप नेता मुल्ला बरादर साफ कर दिया है कि, महिलाएं अपना काम जारी रख सकती हैं. हालांकि उसने यह भी कहा है कि, शीर्ष पदों पर कोई महिला काबिज नहीं होंगी.

बता दें, मुल्ला बरादर ने इसने पहले कहा था कि शरिया कानून के तहत महिलाओं के सभी अधिकारों का सम्मान किया जाएगा. लेकिन क्या उन्हें सरकार में शामिल किया जाएगा इसपर फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं है. टाइम्स नाऊ में छपी खबर के मुताबिक, तालिबान के मुल्ला बरादर ने इसको लेकर स्पष्ट बयान दिया है कि शीर्ष सरकारी पदों को छोड़कर महिलाएं काम जारी रख सकती हैं.

इधर, सत्ता में आते ही उच्च शिक्षा के नवनियुक्त कार्यवाहक मंत्री शेख अब्दुलबाकी हक्कानी ने घोषणा कर दी थी कि अब देश में सह-शिक्षा रोक दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया था कि, अफगानिस्तान में शरिया कानून के तहत शिक्षा दी जाएगी. उसने यह भी कहा था कि पुरूष शिक्षकों को महिलाओं को शिक्षा देने का अधिकार नहीं होगा. जाहिर है, इस फैसले के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छुक लड़कियों को ज्यादातर उनके अधिकारों से वंचित कर दिया जाएगा.

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गौरतलब है कि इससे पहले अपने पहले शासनकाल में भी तालिबान में महलाओं को शरियत कानून के तहत अधिकार मिले थे. उन्हें आधिकारिक तौर पर कमा करने से नहीं रोका गया था. शरियत कानून की आड़ में उन्हें कई नौकरियों से वंचित कर दिया गया था.

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Posted by: Pritish Sahay

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