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जापान के स्कूलों के अजीब नियम! बच्चों के अंडरवियर के रंग भी तय करते हैं स्कूल

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जापान के स्कूलों (School of Japan) के अजीबोगरीब नियम पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां के स्कूलों के नियम (Japan School Rules) इतने शख्त हैं कि पूरी दुनिया में इसकी चर्चा होती है. शायद यही कारण है कि यहां की साक्षरता दर दुनिया में सबसे ज्यादा है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जापान (Japan) के कुछ स्कूल अपने बच्चों के अंडरवियर का रंग भी तय करते हैं. स्कूल ड्रेस से लेकर स्कूल बैग और यहां तक कि जूतों के ब्रांड भी तय करते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में...

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जापान के स्कूलों (School of Japan) के अजीबोगरीब नियम पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां के स्कूलों के नियम (Japan School Rules) इतने शख्त हैं कि पूरी दुनिया में इसकी चर्चा होती है. शायद यही कारण है कि यहां की साक्षरता दर दुनिया में सबसे ज्यादा है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जापान (Japan) के कुछ स्कूल अपने बच्चों के अंडरवियर का रंग भी तय करते हैं. स्कूल ड्रेस से लेकर स्कूल बैग और यहां तक कि जूतों के ब्रांड भी तय करते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में…

जापान में स्कूलों की सफाई के लिए कर्मचारी नहीं रखे जाते हैं. वहां बच्चे ही अपनी कक्षाओं की सफाई करते हैं. इसमें शिक्षक भी बच्चों का सहयोग करते हैं. बच्चों के खाने-पीने के लिए भी कई नियम बनाये गये हैं. बच्चों को सुबह 8:30 बजे तक स्कूल पहुंच जाना होता है. क्लास शुरू होने से पहले कमरे की सफाई करनी होती है. यहां बच्चों को बचपन से ही खुद सफाई करने सीखाया जाता है.

जापान में जूनियर स्कूलों में बच्चे क्लास में ही बैठकर लंच करते हैं. बच्चों के साथ शिक्षक भी वहीं लंच करते हैं. लंच करने के लिए सभी बच्चे अपना प्लेट और मैट लाते हैं. भोजन करने के बाद बच्चों को खुद ही अपनी प्लेट साफ करनी होती है. लड़कियों के लंबे बाल रखने पर पाबंदी है और लड़कों को हर दिन सेव करनी होती है. कोई भी बच्चा अपने बाल डाई नहीं कर सकता है.

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लड़कियों के गहने और मेकअप पर भी स्कूल में पाबंदी है. ठंड के मौसम में कोई भी बच्चा स्कूल यूनिफार्म के साथ रंग बिरंगे जैकेट या स्वेटर नहीं पहन सकता है. बच्चों को केवल नीली, भूरी और काले रंग की स्वेटर पहनने की इजाजत है. यहां के स्कूलों में जूनियर हाई स्कूल तक बच्चों को स्कूल यूनिफार्म पहननी होती है. शिक्षकों के साथ बेहद अदब से पेश आना होता है.

बच्चों के सजा के प्रावधान भी अजीब हैं. अगर कोई बच्चा पांच दिन लगातार देर से स्कूल आता है तो उसे पूरे स्कूल की सफाई करनी पड़ती है. सभी बच्चों को स्कूल में ही स्विमिंग सीखाया जाता है. जो बच्चा नहीं सीख पाता उसे गर्मी की छुट्टियों में स्विमिंग सीखनी होती है. यहां के शिक्षक काफी कम छुट्टियां लेते हैं. और अगर कोई शिक्षक छुट्टी लेता है तो दूसरे शिक्षक पढ़ाने आते हैं, वैसे शिक्षकों को विशेष आदर देने का नियम है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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