25.1 C
Ranchi
Sunday, February 23, 2025 | 07:11 pm
25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बांग्लादेश के पूर्व अंतरिम राष्ट्रपति जस्टिस शहाबुद्दीन अहमद का निधन

Advertisement

वर्ष 1990 में पूर्व सैन्य तानाशाह एचएम इरशाद को अपदस्थ करने के लिए बड़े पैमाने पर हुए विद्रोह के बीच सभी दलों के आम सहमति के उम्मीदवार के रूप में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश अहमद को देश का अंतरिम राष्ट्राध्यक्ष बनाया गया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

ढाका: बांग्लादेश के पूर्व अंतरिम राष्ट्रपति एवं प्रधान न्यायाधीश शहाबुद्दीन अहमद (Justice Sahabuddin Ahmed) का शुक्रवार को यहां स्थित एक सैन्य अस्पताल में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. अहमद के परिवार ने मीडिया को बताया कि वह पिछले कुछ समय से आयु संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और गत 23 फरवरी से वह ढाका के सीएमएच अस्पताल में भर्ती थे.

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने अहमद के निधन पर शोक व्यक्त किया

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अहमद को रविवार को ढाका के बनानी कब्रिस्तान में दफनाया जायेगा. राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अहमद के निधन पर शोक व्यक्त किया है. गौरतलब है कि वर्ष 1990 में पूर्व सैन्य तानाशाह एचएम इरशाद को अपदस्थ करने के लिए बड़े पैमाने पर हुए विद्रोह के बीच सभी दलों के आम सहमति के उम्मीदवार के रूप में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश अहमद को देश का अंतरिम राष्ट्राध्यक्ष बनाया गया था.

प्रधान न्यायाधीश अहमद को कार्यभार सौंपा गया

विपक्षी राजनीति दलों के जबरदस्त दबाव और बढ़ते विद्रोह के कारण पूर्व सैन्य तानाशाह इरशाद को करीब नौ साल लंबे शासनकाल के बाद संविधान के विशेष प्रावधान के तहत छह दिसंबर 1990 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश अहमद को कार्यभार सौंपना पड़ा था. इसके बाद वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर सरकार के प्रमुख बने थे.

Also Read: बांग्लादेश: ISKCON मंदिर पर हमले को लेकर भारत सरकार गंभीर, बांग्लादेशी अधिकारियों से किया संपर्क

अपदस्थ राष्ट्रपति इरशाद को जेल भेजा

बाद में अहमद को राजनीतिक उथल-पुथल को शांत करने के लिए अपदस्थ राष्ट्रपति इरशाद को जेल भेजना पड़ा था और भ्रष्टाचार के आरोपों में इरशाद को छह साल जेल में बिताने पड़े थे. बांग्लादेश में फरवरी 1991 में ‘स्वतंत्र एवं विश्वसनीय’ चुनाव कराने का श्रेय अहमद के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार को जाता है.

संविधान में करना पड़ा था संशोधन

अहमद ने अपने नौ माह लंबे कार्यकाल में प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के साथ ही कई कानूनों में भी संशोधन किया था. बतौर राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद अहमद को प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ पूर्व में तय वार्ता के अनुसार वापस प्रधान न्यायाधीश बनाया गया, जिसके लिए संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता पड़ी थी.

Posted By: Mithilesh Jha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें