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Lebanon Israel War: जिस बम ने नसरल्ला की खोद दी कब्र, जमीन पर कर दिया 30 फीट गड्ढा

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Lebanon Israel War: चरमपंथी समूह हिजबुल्ला का सरगना हसन नसरल्ला 27 सितंबर को इजराइली हवाई हमले में मारा गया. जिसमें बाद पूरी दुनिया से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है.

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Lebanon Israel War: इजराइल ने अपने फाइटर जेट्स ने 80 से 85 बंकर बस्टर बम गिराकर हसन नसरल्ला को दफन कर दिया. इजराइल ने जिस बम से हवाई हमला किया था, वो कितना शक्तिशाली था, इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नसरल्ला जिस इमारत में था, वहां इजराइली बम से करीब 30 फीट गहरा गड्ढा हो गया है. इसका वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है.

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क्या है बम की खासियत

जिस बम से नसरल्ला को इजराइल ने मार गिराया, उसका जीबीयू 72 ग्रुप के बम थे. जो बेहद खतरनाक माने जाते हैं. यह पहले जमीन के अंदर घुस जाते हैं और फिर विस्फोट करता है. नसरल्ला के साथ भी ऐसा ही हुआ. जहां वह रह रहा था, वहां इजराइल ने 80 से 85 बम गिराए. बम के गिरने से भारी तबाही हुई. बेरूत के दक्षिणी उपनगर हरेत पर इजराइली हवाई हमले में वहां कई बहुमंजिला इमारतें ढह गईं.

नसरल्ला ने हिजबुल्ला को शक्तिशाली अर्धसैनिक एवं राजनीतिक ताकत में किया तब्दील

हसन नसरल्ला लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्ला को पश्चिम एशिया में एक शक्तिशाली अर्धसैनिक एवं राजनीतिक ताकत में तब्दील करने में अहम भूमिका अदा की थी. नसरल्ला ने 2006 में इजराइल के खिलाफ हिजबुल्ला के युद्ध का नेतृत्व किया था. उसी के नेतृत्व में समूह पड़ोसी देश सीरिया के क्रूर संघर्ष में शामिल हुआ था. नसरल्लाह ने 1992 में इजराइली मिसाइल हमले में अपने पूर्ववर्ती की मौत के बाद हिजबुल्ला की कमान संभाली थी और तीन दशक तक संगठन का नेतृत्व किया. उसके नेतृत्व संभालने के पांच साल बाद अमेरिका ने हिजबुल्ला को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था.

Lebanon Israel War 1
Lebanon israel war: जिस बम ने नसरल्ला की खोद दी कब्र, जमीन पर कर दिया 30 फीट गड्ढा 2

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हिजबुल्ला ने नसरल्ला को दिया शहीद का दर्जा

हिजबुल्ला ने एक बयान में कहा, हिजबुल्ला के महासचिव सैयद हसन नसरल्ला अपने साथी महान शहीदों में शामिल हो गए हैं, जिनका उन्होंने 30 वर्षों तक एक जीत से दूसरी जीत तक नेतृत्व किया था. समूह ने कहा, वह यरूशलम के रास्ते पर शहीद हो गए.

नसरल्ला ने इजराइल को दी थी पेजर और वॉकी-टॉकी हमले की जवाबी कार्रवाई की धमकी

लेबनान के विभिन्न हिस्सों में हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाके कर मुख्य रूप से हिजबुल्ला के सदस्यों को निशाना बनाया गया, जिनमें 39 लोगों की मौत हो गयी थी और लगभग 3,000 लोग घायल हो गए थे. लेबनान ने इसके लिये इजराइल को दोषी ठहराया, लेकिन इजराइल ने न जिम्मेदारी ली न ही इसका खंडन किया. नसरल्ला ने जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया था. लेबनान के अधिकारियों के मुताबिक लेबनान पर इजराइली हमलों में पांच दिनों में 700 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें कम से कम 150 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. नसरल्ला ने धमकी दी थी कि उसकी ओर से बमबारी जारी रहेगी और इजराइली उत्तर में अपने घरों को तब तक वापस नहीं लौट सकेंगे जब तक कि गाजा में इजराइल का अभियान समाप्त नहीं हो जाता.

नसरल्ला को मिली थी सैय्यद की उपाधि

नसरल्ला को उसके समर्थक करिश्माई और निपुण रणनीतिकार मानते थे. उसने हिजबुल्ला को इजराइल के कट्टर दुश्मन के रूप में परिवर्तित किया और ईरान के शीर्ष धार्मिक नेताओं और हमास जैसे फलस्तीनी आतंकवादी समूहों के साथ गठबंधन को मजबूत किया. वह अपने लेबनानी शिया अनुयायियों का आदर्श तथा अरब एवं इस्लामी जगत के लाखों लोगों के बीच सम्मानित था. उसे सैय्यद की उपाधि दी गई थी जो एक सम्मानजनक उपाधि थी जिसका उद्देश्य शिया धर्मगुरु के वंश को दर्शाना था, जो इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर मुहम्मद तक जाती है.

कौन था नसरल्ला

नसरल्ला नौ भाई-बहनों में सबसे बड़ा था और उसका जन्म बेरूत के उत्तरी उपनगर शारशाबूक में एक गरीब परिवार में हुआ था. वह 16 साल की उम्र में इराक के पवित्र शिया शहर नजफ गया, जहां ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति के नेता दिवंगत अयातुल्ला खुमैनी उस समय निर्वासन में रहते थे और धर्म की शिक्षा देते थे. बाद में नसरल्लाह ने कौम शहर में पढ़ाई की थी. नसरल्ला हिजबुल्ला के संस्थापकों में से एक था. पार्टी का गठन ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के सदस्यों द्वारा किया गया था, जो 1982 की गर्मियों में इजराइली सेना से लड़ने के लिए लेबनान आए थे. नसरल्ला के परिवार में उसकी पत्नी फातिमा यासीन, तीन बेटे जवाद, मोहम्मद-महदी और मोहम्मद अली और एक बेटी जैनब हैं. साथ ही कई पोते-पोतियां भी हैं.

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