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काहिरा : मिस्र ने विशेष बल के पूर्व अधिकारी से इस्लामी आतंकवादी बने हिशाम अश्मावी को बुधवार को फांसी दे दी. सेना ने बताया कि कई बड़े हमलों में संलिप्तता को लेकर अश्मावी को फांसी दी गयी. सेना के प्रवक्ता तमर अल रिफई ने कहा कि सभी जरूरी न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सेना की अदालत की तरफ से दिये गये फैसले के अनुरूप फांसी दी गयी.
स्थानीय मीडिया द्वारा मिस्र का सबसे वांछित व्यक्ति करार दिया गया अश्मावी मिस्र के विशेष बलों का पूर्व में अधिकारी रहा है. यह बल अलकायदा से संबद्ध संगठनों के खात्मे के लिए काम करता था. काहिरा की एक अदालत ने सोमवार को अश्मावी समेत 36 अन्य को मौत की सजा सुनायी थी. यह सजा पुलिस अधिकारियों की हत्या करने और कई सुरक्षा प्रतिष्ठानों को उड़ाने जैसे 54 अपराधों को लेकर सुनायी गयी.
अश्मावी को सेना की एक अदालत ने 2014 में सीमा चौकी पर किये गये हमले में 22 सैनिकों की जान लेने और 2013 में पूर्व गृह मंत्री की हत्या की कोशिश समेत 14 अपराधों में उसकी भूमिका के लिए पिछले साल नवंबर में दोषी ठहराया था. उसे अशांत सिनई क्षेत्र में अनसर बेत अल मकदिस इस्लामी चरमपंथी संगठन की अगुवाई करने का भी दोषी पाया गया था.
इसके अलावा, उसके खिलाफ अन्य आरोपों में लीबिया की सीमा में घुसपैठ करने और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठन अल मुराबितोन का गठन करना भी शामिल था. अक्टूबर, 2018 में खलीफा हफ्तार के नेतृत्व में लीबिया की नेशनल आर्मी ने देरना शहर में अश्मावी को पकड़ लिया था. उसे मई में मिस्र प्रत्यर्पित कर दिया गया था.