HMPV Virus: भारत में तेजी से बढ़ रहा एचएमपीवी वायरस का खतरा, मिल चुके इतने मरीज, जानें बचाव के तरीकें
Bangladesh Violence Hindi News: शेख हसीना सरकार ने 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ने वालों स्वतंत्रता सेनानियों के संबंधियों के लिए कई सिविल सेवा नौकरियों में आरक्षण दिया. इसी का विरोध करते हुए पिछले महीने छात्र सड़कों पर उतर आए थे. भारी विरोध बाद शेख हसीना सरकार ने अधिकांश कोटा वापस ले लिया है. लेकिन इसके बावजूद छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
मारे गए लोगों के लिए इंसाफ की मांग
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र मारे गए लोगों और घायलों के इंसाफ की मांग कर रहे. हैं. वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा दे दें. हालांकि तब प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों ने उनके इस्तीफे से साफ मना कर दिया. शेख हसीना ने इससे पहले हिंसा को समाप्त करने की इच्छा जताते हुए छात्र नेताओं के साथ बिना शर्त बातचीत की पेशकश की थी.
PM हसीना ने सेना बुलाया
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद व्यवस्था बहाल करने के लिए पिछले महीने सेना को बुलाया था. इस दौरान हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए थे. इनमें से कई लोगों की मौत पुलिस की गोली से हुई थी.
सेना प्रमुख के कहने पर शेख हसीना ने दिया इस्तीफा
बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से देश की जनता की भावना का ख्याल करते हुए इस्तीफा देने के लिए कहा है. सेना प्रमुख के चेतावनी के बाद पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा देते हुए बंग्लादेश की राजधानी ढाका को छोड़ दिया है. पीएम हसीना के साथ उनकी बहन ने भी राजधानी छोड़ दिया है. इसी बीच सूत्रों की माने तो शेख हसीना भारत आ सकती हैं.