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अमरुल्लाह सालेह को तालिबान की ओर से भारी नरसंहार की चिंता, संयुक्त राष्ट्र से मांगी मदद

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तालिबान और विपक्षी ताकतें काबुल के उत्तर में पंजशीर घाटी को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं, जो अंतिम अफगान प्रांत है जो कट्टरपंथी इस्लामी समूह के खिलाफ है.

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काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद की गुहार लगायी है. सालेह के अगुवाई में ही पंजशीर में तालिबान के खिलाफ विरोधी दलों का संघर्ष चल रहा है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से क्षेत्र में भारी मानवीय संकट का तेजी से और उदारतापूर्वक जवाब देने का आह्वान किया है.

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अमरुल्ला सालेह ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे एक पत्र में कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पंजशीर प्रांत में तालिबान के हमले को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने और हजारों विस्थापित और बंधक नागरिकों को बचाने के लिए एक राजनीतिक समाधान के लिए बातचीत को प्रोत्साहित करने का आह्वान करते हैं. सालेह को अफगानिस्तान में बड़े नरसंहार का अंदेशा है.

Also Read: अफगानिस्तान में सरकार बनने से पहले ही तालिबान-हक्कानी में टकराव, गोलीबारी में बरादर घायल

तालिबान और विपक्षी ताकतें काबुल के उत्तर में पंजशीर घाटी को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं, जो अंतिम अफगान प्रांत है जो कट्टरपंथी इस्लामी समूह के खिलाफ है. सालेह और प्रसिद्ध अफगान कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद पंजशीर घाटी में हैं और तालिबान को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों पक्षों ने दावा किया है कि पंजशीर पर उनका नियंत्रण है.

स्पुतनिक न्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा के प्रवक्ता फहीम दशती ने ट्वीट किया कि पंजशीर में लगभग 600 तालिबान मारे गये हैं और 1,000 से अधिक को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया गया है. तालिबान ने अपनी ओर से कहा है कि वे आगे बढ़ रहे हैं और उनलोगों ने पंजशीर को जीत लिया है. तालिबान ने सरकार गठन का भी एलान किया था, हालांकि बाद में उसे टाल दिया गया है.

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देश के पूर्वोत्तर प्रांत में प्रतिरोध बलों ने कहा है कि वे तालिबान से लड़ना जारी रखेंगे क्योंकि उनकी बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला. तालिबान ने कुछ ही हफ्तों में तेजी से आक्रमण करने के बाद काबुल पर कब्जा कर लिया और पंजशीर प्रांत को छोड़कर अफगानिस्तान में सभी क्षेत्रों को नियंत्रिण में ले लिया. सालेह, जिन्होंने हाल ही में पंजशीर छोड़ने की खबरों का खंडन किया था, ने कहा कि तालिबान और अन्य विदेशी समूहों ने घाटी और उत्तरी अफगानिस्तान के अन्य मुक्त क्षेत्रों के खिलाफ एक शातिर हमला किया है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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