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इतिहास में 11 सितंबर का दिन एक दुखद घटना के साथ दर्ज है. अमेरिका के न्यूयॉर्क में 9/11 आतंकी हमले के आज 21 साल पूरे हो गए. इस हमले में हजारों की संख्या में लोगों की जान चली गई थी, वहीं, भारी संख्या में लोग घायल हो गए थे. आतंकियों ने यात्री विमानों को मिसाइल की तरह इस्तेमाल करते हुए अमेरिका के विश्वप्रसिद्ध वर्ल्ड ट्रेड टॉवर और पेंटागन को निशाना बनाया था. इसे अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमले के तौर पर देखा जाता है.
हमले को ऐसे दिया अंजाम
9/11 की घटना को अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमले के तौर पर देखा जाता है. बता दें कि, 11 सितंबर की सुबह आतंकियों ने चार विमानों को हाईजैकर किया था. इसके बाद आतंकियों ने वर्ल्ड ट्रेड टॉवर और पेंटागन की बड़ी इमारतों पर विमान को टकराते हुए हमले को अंजाम दिया था. हमले में 110 मंजिला इमारत पूरी तरह से आग के चपेट में आ गए थे, जिसके कुछ देर बाद पूरी इमारत ढह गई और मलबे में तब्दील हो गई. जांच एजेंसियों की माने, तो आतंकियों ने वॉशिंगटन डीसी की कैपिटल पर भी हमले की साजिश रची थी.
19 आतंकियों ने दिया था हमले को अंजाम
इस्लामी आतंकी संगठन अल कायदा ने 9/11 हमले को अंजाम दिया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस्लामी देशों में उस समय चल रहे संघर्ष को लेकर अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन ने इस हमले की साजिश रची थी. लादेन ने इस हमले के लिए 19 आतंकियों को तैयार किया था, जो 5-5 की टीम में चार विमानों को हाइजैक करने में सफल हुए थे. 19 आतंकियों में 15 सऊदी अरब के बताए गए हैं, जबकि 4 अफगानिस्तान के आतंकी थे.
हमले में हजारों लोगों की हुई थी मौत
9/11 हमले में कुल 3 हजार लोगों मारे गए थे. जबकि 19 आतंकियों की भी मौत हो गई थी. बताते चले कि हमले के वक्त हैइजैक किए गए विमान में कुल 246 यात्री और चालक दल सवार थे, जिनकी इस हादसे में मौत हो गई. इसके अलावा, हमले में वर्ल्ड ट्रेड टॉवर में मौजूद 2 हजार से अधिक लोग मरे थे, जबिक पेंटागान में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
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अमेरिका ने ऐसे लिया था बदला
इस हमले के बाद देशभर में आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठने लगी थी और लोग अमेरिका की तरफ नजर टिकाए बैठे थे. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस हमले के बाद अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन और संगठन के कई आतंकियों को खत्म करने का निर्देश दिया था. हालांकि हमले के साजिशकर्ता खालिद शेख मोहम्मद को अमेरिकी सेना ने 2002 में पाकिस्तान से गिरफ्तार किया था, जबकि घटना के 8 साल बाद पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मारने में कामयाबी मिली थी.