11.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 06:02 am
11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सामाजिक सरोकार को पूरा करती ग्राम कचहरी

Advertisement

मिसाल : बिहार की ग्राम कचहरी देश में एक नया मॉडयूल बना विकास सिन्हा भागलपुर : गांव के झगड़े गांव में ही सुलझा लिये जायें, तो यकीनन थानों और अदालतों पर से मुकदमों को बोझ घटेगा. गांव के लोगों का मुकदमेबाजी में लगने वाला अनावश्यक खर्च भी बचेेगा. बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-90 […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

मिसाल : बिहार की ग्राम कचहरी देश में एक नया मॉडयूल बना

- Advertisement -

विकास सिन्हा

भागलपुर : गांव के झगड़े गांव में ही सुलझा लिये जायें, तो यकीनन थानों और अदालतों पर से मुकदमों को बोझ घटेगा. गांव के लोगों का मुकदमेबाजी में लगने वाला अनावश्यक खर्च भी बचेेगा. बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-90 के तहत सभी पंचायतों में ग्राम कचहरी का गठन किया गया है. बिहार की ग्राम कचहरी की सफलता देख कर इसे देश के कई राज्यों में संचालित करने पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है. पढ़िए एक रिपोर्ट.

जब देश में दो करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हों, कई मामले 30 साल से ज्यादा चले आ रहे हों, और कई ऐसे मामले जिसमें दो पीढ़ी खप जा रही हो, ऐसे में ग्राम कचहरी नयी मिसाल पेश कर रही है. बिहार की ग्राम कचहरी को देश में एक नये मॉडयूल के रूप में देखा जा रहा है. इस मॉडयूल को देश के कई राज्यों में संचालित करने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. ग्राम कचहरी से सैकड़ों मामलों का निष्पादन हो रहा है.

एक छोटा-सा उदाहरण बांका के शंभुगंज के कुर्मा पंचायत का है. 2016 में पंचायत चुनाव के बाद यहां अब तक 78 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है. पंचायत चुनाव के बाद अब तक सिर्फ दो ही मामले थाने पहुंचे. कुर्मा पंचायत में इस गुड प्रैक्टिस के लोग कायल हो रहे हैं. इसी पंचायत के आधार पर आसपास के पंचायतों में भी सुनवाई की जा रही है.

न्यायमित्र, अधिवक्ता, अतिथि व्याख्याता व समाजसेवी राजीव कुमार सिंह कहते हैं कि बिहार में पंचायत के बाद वर्ष 2007 में ग्राम कचहरी से संबंधित एक्ट पास किये गये. इसके बाद पंचायतों में न्यायमित्र की नियुक्ति की गयी. बिहार में न्यायालय में लाखों मामले लंबित हैं.

ऐसे में ग्राम कचहरी से राज्य व आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं. राजीव कहते हैं कि कुर्मा में ही चुनाव होने के बाद 78 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है. कुर्मा के अंतर्गत सात गांव आते हैं. इस पंचायत में लगभग 10 हजार की आबादी निवास करती है. सरपंच तारकेश्वर प्रसाद सिंह कहते हैं कि उनके पंचायत के लोग खुश हैं. कई सालों से चले आ रहे मामलों का निबटारा कुछ बैठकों में ही हो जाता है. वह भी कानून के अनुसार.

इस कारण लोगों को फैसले पर नाराजगी भी नहीं होती है, क्योंकि फैसले न्यायसम्मत व कानूनसम्मत होते हैं.चार साल से चले आ रहे महिला प्रताड़ना के मामलों का समाधान किया गया है. पंचायत के गढ़ीकुर्मा के रहनेवाली मोनी सिंह का मामला 2012 से चला आ रहा था.

उनका मामला महिला प्रताड़ना से जुड़ा था. इस मामले को जब पंचायत में लाया गया, तो सरपंच व उनके सदस्य और अधिवक्ता व न्यायमित्र राजीव सिंह ने मिल कर इसका निष्पादन किया. आज इस मामले के निष्पादन से मोनी सिंह भी काफी खुश हैं. इसी तरह प्रकाश सिंह का मामला जमीन बंटवारे से जुड़ा हुआ था. इसे भी पंचायती करके सुलझाया गया.

श्रीनिवास सिंह का मामला जहां सामाजिक सरोकार, वहीं अर्जुन सिंह का मामला मारपीट से जुड़ा हुआ था. ऐसे मामलों का निष्पादन ग्राम कचहरी में सफलतापूवर्क किया गया है. बरारी ग्राम कचहरी की न्यायमित्र, अधिवक्ता, अतिथि व्याख्याता डॉ सुनीता घोष कहती हैं कि अपराध, साधारण मामले, मारपीट व चोरी के कई मामलों का समाधान किया जा रहा है.

बंटवारे के कई मामलों का समाधान जारी है. डॉ घोष कहती हैं कि 2015-16 में 55 में 35 मामलों का निष्पादन किया गया है. 15 मामले लंबित हैं. इसी तरह 2017 में 12 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. इसमें अब तक दो मामलों का समाधान किया गया है. 10 मामले की सुनवाई जारी है.

वेबसाइट ‘लीगल लेंस’ से जुड़े मनीष व श्वेत कमल कहते हैं कि ग्राम कचहरी न्याय की वाटिका की नर्सरी है. इससे न्याय के मार्ग प्रशस्त हो रहे हैं. कई मामले जो कोर्ट में दर्ज हो रहे थे, उन मामलों को ग्राम कचहरी से निबटाया जा रहा है. इससे कोर्ट में मामले घटेंगे और लोगों को न्याय भी मिलेगा. न्यायमित्र की नियुक्ति से विधि स्नातक के छात्रों को भी रोजगार मिलेंगे. विधि स्नातक कर रहे मजहर कहते हैं कि ग्राम कचहरी से कई मामलों का समाधान जारी है. इसकी सफलता इसकी कहानी बताती है. धीरे-धीरे ही सही मामलों का समाधान जारी है. लोगों में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है.

क्या है ग्राम कचहरी : बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-90 के तहत ग्राम कचहरी की स्थापना का प्रावधान है.

सभी पंचायतों में ग्राम कचहरी का गठन किया गया है. ग्राम वासियों को अपने विश्वास से चुने गये जन प्रतिनिधियों के द्वारा बिना किसी उलझन व परेशानी के, बिना किसी अनावश्यक खर्च के, न्याय सुलभ हो, और ग्रामवासियों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे, इसी मुख्य उद्देश्य से ग्राम कचहरी की स्थापना की गयी है. न्यायपीठ का गठन चार पंच तथा सरपंच सहित कुल पांच सदस्यों को मिला कर किया गया है. वाद दायर होने के बाद न्यायपीठ सौहार्दपूर्ण समझौता से वाद के निष्पादन का यथासंभव प्रयास करेगी.

दांडिक मामले : ग्राम कचहरी को दांडिक अधिकारिता के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धारा- 140, 142, 143, 145, 147, 151, 153, 160, 172, 174, 178, 179, 269, 277, 283, 285, 286, 289, 290, 294(ए), 332, 334, 336, 341, 352, 356, 357, 374, 403, 426, 428, 430, 447, 448, 502, 504, 506 एवं 510 के तहत किये गये अपराधों के लिए केस को सुनने व निर्णय देने का अधिकार दिया गया है. इन क्रिमिनल धाराओं की सुनवाई के उपरांत ग्राम कचहरी को एक हजार रुपये तक जुर्माना करने की शक्ति दी गयी है.

लेकिन ग्राम कचहरी को कारावास की सजा देने का कोई अधिकार नहीं है. सिविल मामले : ग्राम कचहरी को अपनी सिविल अधिकारिता के तहत धारा-110 के अनुसार दस हजार रुपये से कम मूल्य से संबंधित निम्नलिखित सिविल मामलों में यथाः लगान की वसूली, चल संपत्ति को क्षति पहुंचाने, बंटवारे के मामलों को सुनने का अधिकार दिया गया है.

अपील : ग्राम कचहरी की न्यायपीठ के किसी आदेश या निर्णय के विरुद्ध अपील आदेश पारित होने के 30 दिनों के अंदर ग्राम कचहरी में पूर्ण न्यायपीठ के समक्ष दायर की जायेगी.

ग्राम कचहरी के पूर्ण पीठ के निर्णय के विरुद्ध आदेश पारित होने के 30 दिनों के अंदर सिविल मामले में अवर न्यायाधीश के समक्ष व आपराधिक मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष दायर की जायेगी. पुलिस एवं न्यायपालिका की धारा-113 के अंतर्गत ग्राम कचहरी के न्यायपीठ द्वारा विचारणीय कोई अपराध किये जाने की स्थिति में किसी थाना पदाधिकारी को दिये गये प्रत्येक सूचना की जानकारी ग्राम कचहरी की न्यायपीठ को, जिसके सीमा क्षेत्र में अपराध किया गया है, ऐसी सूचना की प्राप्ति के 15 दिनों के अंदर दी जायेगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें