16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

शारदीय नवरात्र, पांचवां दिन : स्कंदमाता दुर्गा का ध्यान

Advertisement

जो नित्य सिंहासन पर विराजमान रहती हैं तथा जिनके दोनों हाथ कमलों से सुशोभित होते हैं, वे यशस्विनी दुर्गादेवी स्कंदमाता सदा कल्याणदायिनी हों संपूर्ण जगत् देवीमय है-5 पंचम नवरात्र को देवी स्कंदमाता के नाम से पूजी जाती हैं. इसमें चुरमा, मिश्री और केले का नैवेद्य अर्पण करें. माता की कृपा से आपकी बुद्धि का विकास […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

जो नित्य सिंहासन पर विराजमान रहती हैं तथा जिनके दोनों हाथ कमलों से सुशोभित होते हैं, वे यशस्विनी दुर्गादेवी स्कंदमाता सदा कल्याणदायिनी हों
संपूर्ण जगत् देवीमय है-5
पंचम नवरात्र को देवी स्कंदमाता के नाम से पूजी जाती हैं. इसमें चुरमा, मिश्री और केले का नैवेद्य अर्पण करें. माता की कृपा से आपकी बुद्धि का विकास होगा और आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति का मार्ग खुल जायेगा. श्रीदुर्गा सप्तशती में देवी महात्म्य का वर्णन करते हुए कहा गया है- देवी ने इस विश्व को उत्पन्न किया है और जब वह प्रसन्न होती हैं, तब मनुष्यों को मोक्ष प्रदान कर देती हैं. मोक्ष की सर्वोंत्तम हेतु वे ही हैं, वे ही ईश्वर की अधिश्वरी हैं.
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते- उस ब्रह्मरूप चेतन शक्ति के दो स्वरूप हैं- एक निर्गुण और दूसरा सगुण. सगुण के भी दो भेद हैं- एक निराकार और दूसरा साकार. इसी से सारे संसार की उत्पत्ति होती है. उपनिषदों में इसी को पराशक्ति के नाम से कहा गया है.
तस्या एव ब्रह्मा अजीजनत्। विष्णुरजीजनत्। रूद्रोरजीनत्। सर्वे मरूदगणा अजीजनन्। गंधर्वाप्सरसः किन्नरा वादित्रवादिनः समन्ताद-जीजनम्। भोग्यमजीजनत्। सर्वमजीजनत्। सर्व शाक्तमजीजनत्। अण्डजं स्वदेजमुद्रिज्जं जरायुजं यत्किच्चैतत्प्राणि स्थावर जगंमं मनुष्यमजीजनत्। सैषा पराशक्तिः।
उस पराशक्ति से ब्रह्मा, विष्णु और रूद्र उत्पन्न हुए. उसी से सब मरूगण, गंधर्व,अप्सराएं और बाजा बजानेवाले किन्नर लब और से उत्पन्न हुए. समस्त भोग्य पदार्थ और अण्डज, स्वेदज, उद्भिज्ज, जरायुज जो कुछ भी स्थावर, जंगम, मनुष्यादि प्राणिमात्र उसी पराशक्ति से उत्पन्न हुए. ऐसी वह पराशक्ति है.
श्रीदेव्यथर्वशीर्षम् में स्वयं भगवती कहती हैं-
अहं रूद्रेभिर्वसुभिश्चरामि। अहमादित्यैरूत विश्वदेवैः। अहं मित्रावरूणावुभौ विभर्मि। अहमिन्द्राग्नी अहमश्विनावुभौ।।
अर्थात्- मैं रूद्र, वसु,आदित्य और विश्वदेवों के रूप में विचरन करती हूं. मैं मित्र और वरूण दोनों का, इंद्र एवं अग्नि का और दोनों अश्विनी कुमारों का भरण-पोषण करती हूं. ब्रह्मसूत्र में भी कहा है- सर्वोंपेता तद् दर्शनात्। -वह पराशक्ति सर्वसामर्थ्य से युक्त है, क्योंकि यह प्रत्यक्ष देखा जाता है. इसलिए महाशक्ति दुर्गा के नाम से भी ब्रह्म की उपासना की जा सकती. (क्रमशः)
प्रस्तुतिः डॉ एन के बेरा

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें