16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सुरक्षा के साथ तेज सफर की तैयारी

Advertisement

स्पेन की हाइ स्पीड ट्रेन टैल्गो के सफल ट्रायल के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यहां की मेट्रो सिटीज के बीच इस ट्रेन की सेवा शुरू की जायेगी. 250 किमी प्रति घंटे की स्पीडवाली यह ट्रेन तुम्हारी शानदार सफर की उम्मीदों को पूरा कर सकती है. दुनिया की सबसे सस्ती रेल […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

स्पेन की हाइ स्पीड ट्रेन टैल्गो के सफल ट्रायल के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यहां की मेट्रो सिटीज के बीच इस ट्रेन की सेवा शुरू की जायेगी. 250 किमी प्रति घंटे की स्पीडवाली यह ट्रेन तुम्हारी शानदार सफर की उम्मीदों को पूरा कर सकती है.
दुनिया की सबसे सस्ती रेल सेवा भारतीय रेलवे के लिए सबसे बड़ी दिक्कत अपनी रेलगाड़ियों की रफ्तार को तेज करना है. बुलेट ट्रेन जैसी हाइ स्पीड रेलगाड़ियों के परिचालन के सपने को पूरा करने की दिशा में रेल मंत्रालय द्वारा कई प्रयास किये गये हैं. उनमें स्पेन की हाइ स्पीड ट्रेन टैल्गो का ट्रायल भी शामिल है. टैल्गो कंपनी इंटरसिटी, स्टैंडर्ड और हाइ स्पीड पैसेंजर रेलगाड़ियों की निर्माता कंपनी है. यह दुनिया भर में टैल्गो ट्रेन की सप्लाइ का काम करती है. भारतीय हाइ स्पीड ट्रेन राजधानी और शताब्दी के मुकाबले यह कहीं अधिक भव्य और तेज रफ्तारवाली गाड़ी है. हाल ही में दिल्ली से मुंबई के बीच इसका सफल ट्रायल किया गया. टैल्गो कंपनी का दावा है कि भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान लगनेवाले समय को यह 25 प्रतिशत तक कम कर सकती है.
क्या है टैल्गो तकनीक
टैल्गो स्पेनिश हाइ स्पीड रेलवे तकनीक है. इसका नाम टैल्गो (ट्रेन आर्टिकुलाडो लिगेरो गोइकोसिया ओरिअल) यानी लाइट आर्टिक्युलेटेड ट्रेन, इसके फाउंडर्स गोइकोसिया और ओरिअल के नाम पर पड़ा है. इस कंपनी की शुरुआत 1941 में हुई थी. अभी टैल्गो का बिजनेस पूरी दुनिया की रेलवे के साथ है. टैल्गो रेलवे की लगभग हर तकनीक का निर्माण करती है. इसका मुख्यालय स्पेन के मैड्रिड में स्थित है. हालांकि, अब टैल्गो एक पब्लिक कंपनी बन चुकी है. इस ट्रेन की सबसे खास बात इसकी बोगी के अंदर की बनावट है. यह पूरी तरह वोल्टेज इलेक्ट्रिक ट्रेन होती है. इसके इंडिपेंडेंट व्हील और हल्के होने के कारण यह काफी तेज रफ्तार हासिल कर सकती है.
आगे नहीं होगी कोई इंजन
टैल्गो ट्रेन इएमयू जैसी ट्रेनें ही होती हैं, जिनमें बिजली से खुद चलनेवाले डिब्बों की यूनिट होती है. इएमयू में किसी अलग लोकोमोटिव यानी इंजन की जरूरत नहीं होती, क्योंकि एक या अधिक डिब्बों में बिजली से चलनेवाली ट्रैक्शन मोटर लगी होती हैं. टैल्गो ट्रेन कोच में सामान्य ट्रेन कोच में लगनेवाले आठ पहियों की बजाय सिर्फ चार पहिये होते हैं. इसमें दो पहियों को आपस में जोड़नेवाला एक्सल भी नहीं होता. इस तरह एक ही बोगी के दो पहिये स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं. इन्हें एक स्टील फ्रेम आपस में जोड़ कर रखती है. इसका सेकेंडरी सस्पेंशन एयर स्प्रिंग का बना होता है, जो कोच के गुरुत्व केंद्र के ऊपर स्थित होता है, ताकि मोड़ पर झुकाव के जरिये संतुलनवाला बल लाया जा सके और मोड़ पर भी तेज रफ्तार कायम रह सके. इस तरह यह एक ही ट्रैक पर मौजूदा ट्रेनों से अधिक औसत रफ्तार हासिल कर सकती है.
तेज रफ्तार के साथ आरामदेह
टैल्गो ने ट्रायल के लिए भारतीय रेलवे को फ्री में नौ बोगीवाली पूरी रेलगाड़ी दी है. हालांकि, इसकी अधिकतम रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटे है, लेकिन भारत के लिए इसकी रफ्तार 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित की गयी है. अभी तक दिल्ली से मुंबई रूट पर सबसे तेज गति की ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस है, जो यात्रा पूरा करने में लगभग 17 घंटे लेती है. ऐसे में टैल्गो के आने से दोनों शहरों के बीच की दूरी निर्धारित समय से घट कर महज 12 घंटे रह जायेगी. टैल्गो की कोच पर लगभग 2.25 करोड़ रुपये का खर्च आया है, जबकि आमतौर पर नॉर्मल राजधानी कोच की कीमत 3.5 करोड़ रुपये होती है. वर्तमान में भारतीय रेलवे की रेलगाड़ियां मोड़ों पर झटका देती हैं, जिसकी वजह से ट्रेन ड्राइवर इस दौरान रफ्तार कम कर देते हैं, जिससे ट्रेन को आराम से पास किया जा सके. टैल्गो की तकनीक और सस्पेंशन इन झटकों का एहसास नहीं होने देती, जिससे ड्राइवर को रफ्तार कम करने की जरूरत नहीं होगी.
सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण
टैल्गो ट्रेन के कोच आधुनिक तकनीक से बने हैं. इसमें एलुमिनियम बॉडी के कोच लगे हैं, जो बेहद हल्के हैं. इस वजह से ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटना में कमी आयेगी. इससे पैसेंजर्स को सुखद यात्रा का अनुभव होने के साथ सुरक्षा का एहसास बना रहेगा. मेट्रो के कोच की ही तरह इनमें भी ऑटोमेटिक स्लाइडिंग दरवाजे हैं, जो कि सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं. यहां ट्रायल के दौरान इसकी रफ्तार को कम-से-कम 80 किमी/प्रति घंटा और अधिकतर 180 किमी/प्रति घंटा तक रखा गया था. टैल्गो ट्रेन की कंपनी के मुताबिक, इस ट्रेन के जरिये रेलवे अपनी ऊर्जा खपत को भी 30 प्रतिशत तक कम कर सकता है.
ऑटोमेटिक मेंटेनेंस की सुविधा
यहां टैल्गो के चलनेवाले कोच में चार एसी चेयर कार, दो एक्जीक्यूटिव कार, एक कैफेटेरिया, एक पावर कार तथा एक कोच स्टाफ के लिए होंगे. इनकी कोच में मैन मेड मेंटेंनेंस की जरूरत काफी कम होगी, क्योंकि इसके कोच में मिलनेवाली सुविधाएं भारतीय हाइ स्पीड रेलगाड़ियों से कहीं बेहतर हैं. बाहर का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक होने पर भी इसके अंदर का तापमान ऑटोमेटिक 20 डिग्री सेल्सियस तक बना रहेगा. किसी भी चीज की जरूरत होने पर मेंटेनेंस स्टाफ को बुलाने के लिए खुद चल कर नहीं जाना होगा, बस एक बटन दबाने भर से यह काम हो जायेगा.
इसमें लगे हैं बायो टॉयलेट
टैल्गो में वैक्यूम टाइप मॉड्यूल बैक्टीरियोलॉजिकल आधारित बायो टॉयलेट लगे हैं. इसमें वेस्टर्न स्टाइल कमोड और वॉश बेसिन की व्यवस्था है. इस टॉयलेट में बायो-डाइजेस्टर लगा होने के कारण मानव अपशिष्ट रेल लाइन पर नहीं गिरेगा. पानी की बचत का भी ध्यान इस अत्याधुनिक टॉयलेट में रखा गया है. एक बार फ्लश के लिए केवल 200 मिलीलीटर पानी खर्च होगा, जबकि परंपरागत डिजाइनवाले टॉयलेट में एक बार फ्लश करने पर लगभग 10 लीटर पानी खर्च हो जाता है. टॉयलेट में प्रयोग के लिए 300 लीटर का वॉटर टैंक रखा गया है.
अब तक भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान कई बार तुम्हारी मोबाइल सेवा भी बाधित हो जाती होगी, लेकिन टैल्गो में ऐसा नहीं होगा. इस रेलगाड़ी में सैटेलाइट के जरिये फुल वाइ-फाइ फैसेलिटी मिल सकेगी. साथ ही फुट रेस्ट, रीडिंग लाइट, टेबुल, डिजिटल एफएम चैनल हर सीट के लिए उपलब्ध होंगे. इसके अलावा ट्रेन में टेलीविजन मॉनीटर लगे होंगे, जिस पर मनोरंजन के कार्यक्रम के साथ-साथ अगले स्टेशन तक पहुंचने के समय की जानकारी तथा आगे व पीछे चल रही रेलगाड़ियों की जानकारी मिलेगी. वहीं यात्रियों के खाने-पीने को ध्यान में रखते हुए एक पूरे कोच को कैफेटेरिया का रूप दिया गया है. यहां चाय, कॉफी, नाश्ता और लंच उपलब्ध रहेंगे. यह एक रेस्टोरेंट की तरह होगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें