15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

इसलाम नहीं, इसलामवाद की हुकूमत

Advertisement

अब तक के दुर्दांत आतंकी संगठनों में एक है आइएसआइएस इसलाम के नाम पर जिहाद करनेवालों में तो अब तक दुनिया में न जाने कितने आतंकवादी संगठनों की पौध ने अपनी जड़ें जमायी, लेकिन बीते कुछ सालों में अलकायदा के सरगना ओसामा-बिन-लादेन के अंत के साथ ही इराक में जिस आतंकी संगठन ने पैर जमाये […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

अब तक के दुर्दांत आतंकी संगठनों में एक है आइएसआइएस
इसलाम के नाम पर जिहाद करनेवालों में तो अब तक दुनिया में न जाने कितने आतंकवादी संगठनों की पौध ने अपनी जड़ें जमायी, लेकिन बीते कुछ सालों में अलकायदा के सरगना ओसामा-बिन-लादेन के अंत के साथ ही इराक में जिस आतंकी संगठन ने पैर जमाये हैं, वह अब तक के खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक है. उसके खौफनाक चेहरा और दुर्दांतता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी हाल ही में इराकी सैनिकों द्वारा रमादी पर कब्जा करने के बाद इस आतंकी संगठन ने अपने उन सभी लड़ाकों को जिंदा जला दिया, जो इराकी सैनिकों की कार्रवाई में जिंदा बच गये थे और जिन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
वर्ष 2014 के आरंभ से लेकर अब तक दुनिया भर में दहशतगर्दी का खौफनाक मंजर पेश करनेवाले इस आतंकी संगठन की क्या है रणनीति और इसके खात्मे के लिए दुनिया के देशों द्वारा किस प्रकार के उपाय किये जा रहे हैं, प्रस्तुत है इस पर आधारित यह खास पेशकश…
इसलाम एक ऐसा धर्म है, जो अन्य धर्मों की तरह आंतरिक विविधता और अपने अनुयायियों के विश्वास पर टिका है. इसके विपरीत, इसलामवाद एक पूरे समाज पर इसलाम को थोपने की इच्छा रखता है. इसलामवाद धर्म नहीं है, जिसे दुनियाभर के मुसलमान मानते हैं, बल्कि यह उसकी एक शाखा है और यह पूरी तरह से मजहबी भी. करीब-करीब उसी तरह जिहाद एक परंपरागत मुस्लिम या इसलामिक विचार है, जिसका सीधा संबंध संघर्ष से है.
कभी-कभी जिहाद के नाम पर निजी आध्यात्मिक संघर्षों को अंजाम दिया जाता है, तो कभी व्यक्तिगत दुश्मनी साधने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है. हालांकि, जिहादवाद का अभी कोई अस्तित्व नहीं है, लेकिन इस समय इसका बलपूर्वक इसलामवाद के सिद्धांत का प्रसार करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. खाड़ी देशों, खास कर इराक और सीरिया में इसलामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) ने इसी इसलामवाद के सिद्धांत को बलपूर्वक मनवाने के लिए आतंक मचा रखा है. इराक में आइएसआइएस द्वारा तबाही मचाने से पश्चिमी देशों में खलबली मची है. इसका कारण यह है कि यह आतंकी सरगना पूरी तरह से इराक और सीरिया के तेलकूपों पर कब्जा करके दुनिया और खास कर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ही तबाह करना चाहता है.
इसके साथ ही उसने अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों में भी तबाही मचाना शुरू कर दिया है. इसका साफ मकसद वर्चस्व स्थापित करना है.
उसके इसी वर्चस्व के खिलाफ अमेरिका, रूस जैसे संपन्न देश आइएसआइएस का खात्मा करना चाहते तो हैं, मगर यह कैसे संभव हो सकता है, जब इस मुहिम में नेतृत्व करनेवाले का ही अभाव हो.
2015 में रूसी विमान को गिरा और पेरिस में हमला कर फैलाया दहशत : अक्तूबर 2015 में रूस का एक यात्री विमान जब मिस्र के रास्ते बेरुत जा रहा था, तब उसे आत्मघाती दस्ते ने मार गिराया. ऐसा बीते 25 वर्षों के इतिहास में पहली बार हुआ, जब किसी रूसी यात्री विमान को रास्ते में मार गिराया गया.
अभी रूसी विमान को गिराये जाने का मामला थमा भी नहीं था कि नवंबर महीने में एक शुक्रवार की रात फ्रांस के पेरिस शहर में एक खूनी खेल खेला गया. फ्रांस में इस तरह का खूनी खेल द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार खेला गया. इस प्रकार खूनी खेल तीन देशों के बीच खेला गया.
इस घटना में करीब चार सौ लोग मारे गये और सैकड़ों घायल हो गये. इस घटना की जिम्मेदारी एक आतंकवादी संगठन ने ली. इन घटनाओं से पूरा यूरोप थर्रा गया और आनन-फानन सीमा पार से आतंकवादी कार्रवाई से निपटने के लिए यूरोपीय यूनियन की बैठक 13 नवंबर, 2015 को बुलायी गयी. इसी दौरान इन दोनों घटनाओं की जिम्मेदारी लेते हुए आतंकी संगठन आइएसआइएस के एक प्रवक्ता की ओर से बयान जारी किया गया कि यह उसका हमला था, मगर अभी तो यह शुरुआत भर है. इसी दौरान सेंट्रल इंटेलीजेंसी एजेंसी (सीआइए) के एक पूर्व प्रमुख ने खुलासा किया कि आइएसआइएस अमेरिका की ओर बढ़ रहा है.
18 नवंबर, 2015 को हमले की जांच के दौरान पेरिस की उपनगरी में छापा मारा गया, जिसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन इनमें से एक महिला सदस्य ने खुद को पुलिस की पकड़ में आने से पहले ही उड़ा लिया. संभवत: ये दोनों आतंकी पेरिस में दोबारा आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. इस छापे के प्रत्यक्षदर्शी पेरिस के एक निवासी जिंबाबे हैदरी ने बताया कि इस घटना से हम सभी डरे-सहमे हुए थे. हम सभी इन पागलों के कभी भी शिकार हो सकते थे.
आइएसआइएस के महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी कदम : आइएसआइएस के इतिहास में दुनिया भर में आतंक का पर्याय बनने की दिशा में ये दोनों घटनाएं उसके लिए दूसरा महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी कदम साबित हो सकते थे. इससे पहले इस दुर्दांत आतंकवादी संगठन ने इराक के फैजुल्लाह में अपना वर्चस्व स्थापित करने के दौरान कई बड़े हमले किये थे.
वर्ष 2014 के आरंभिक महीनों में जब उसने इराक में तेल की लड़ाई के दौरान सौ से भी अधिक अमेरिकी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था और फैजुल्लाह के तेल कूपों पर उसने अपना वर्चस्व स्थापित करते हुए आइएसआइएस के शासन को स्थापित किया था, तब वह उसका पहला बड़ा महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी कदम था. 2015 के आखिरी महीनों में उसके द्वारा अंजाम दी गयी ये दोनों घटनाएं भी उसी दिशा में आगे बढ़ते रहने के लिए अहम कदम थीं. यह एक बेहद ही घिनौनी सोच के साथ उठाये गये घातक कदम थे.
जारी…

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें