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कोयंबटूर के उदय कृष्ण ने गुरबत के बीच बनायी सफलता की राह बचपन में हम सपने कई तरह के देखते हैं. कभी कुछ बनने का, तो कभी कुछ और. लेकिन हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम उन सपनों को पूरा करने के लिए किस हद तक कोशिश करते हैं. पढ़ें ‘माइप्रोमोवीडियोज’ […]

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कोयंबटूर के उदय कृष्ण ने गुरबत के बीच बनायी सफलता की राह

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बचपन में हम सपने कई तरह के देखते हैं. कभी कुछ बनने का, तो कभी कुछ और. लेकिन हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम उन सपनों को पूरा करने के लिए किस हद तक कोशिश करते हैं. पढ़ें ‘माइप्रोमोवीडियोज’ के संस्थापक उदय कृष्ण की प्रेरक कहानी़

तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के रहनेवाले उदय कृष्ण बचपन से उद्यमी बनने का सपना देखते थे. आज 28 साल की उम्र में वह इंटरनेट स्टार्टअप ‘माइप्रोमोवीडियोज’ और एक गौशाला ‘पाल डॉट को’ के संस्थापक हैं, लेकिन यहां तक यूं ही नहीं पहुंचे.

एकाएक कोई स्टार्टअप शुरू नहीं किया, बल्कि परिस्थितियाें से मुकाबला करते हुए अपने लिए राह बनायी. आठ साल की उम्र में सिर से पिता का साया छिन जाने के बाद उदय कृष्ण और उनके छोटे भाई विष्णु के लिए मां के अलावा कोई और सहारा नहीं बचा था़ दाेनों बेटों के लिए अच्छी शिक्षा का प्रबंध करने की खातिर मां ने दिन-रात एक कर दिया़ गुरबत और जगह-जगह अपमान के बीच किसी तरह उदय ने दसवीं की परीक्षा पास की़ सिर पर जिम्मेदारियों का बोझ था़ इसलिए वह जल्द से जल्द पैसा कमाना चाहते थे.

पर, महज मैट्रिक पास युवक को ढंग का काम नहीं मिल पायेगा, यह सोच कर मां ने उन्हें पढ़ाई जारी रखने की सलाह दी. तब उदय ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले लिया. मां के अलावा उदय और उनके भाई को गुजर-बसर करने में मौसी का बड़ा सहारा मिला. उन्होंने कुछ गायें पाल रखी थीं.

उदय को जब भी मौका मिलता, वह मौसी के घर जाकर गायों को चारा खिलाते और गोशाला की साफ-सफाई करते. यह काम उन्हें अच्छा लगता था़ गायों के प्रति समर्पण को देखते हुए मौसी ने उन्हें एक गाय और उसकी बछिया दे दी. वह उन्हें अपने घर ले आये और गाय का दूध निकालकर बेचना शुरू कर दिया. इससे दोनों भाइयों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च निकलने लगा. इस काम से उत्साहित होकर उदय ने भविष्य में एक गौशाला शुरू करने का इरादा बनाया. लेकिन फिलहाल उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करनी थी. बहरहाल, पैसे कमाने का धुन उदय पर हमेशा से सवार रहा.

कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने अपने कुछ साथियों संग मिलकर रोटरी क्लब के तहत अपने जिले के स्कूल-कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियां आयोजित करायीं, जिससे क्लब को अच्छी-खासी आय हुई और नयी पहचान मिली़ इसी क्रम में उदय ने ‘टीम वर्क’ का महत्व भी समझा़ कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद उदय और उनके कुछ साथियों ने कोयंबटूर की एक कंपनी में नौकरी की शुरुआत की़ यह कंपनी लोगों के इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का काम करती थी़

यह दौर मंदी का था, इसलिए उदय ने सोचा कि जो भी नौकरी मिले, कर लेनी चाहिए. कंपनी के काम के सिलसिले में उदय को अपने साथियों संग कई शहरों की अक्सर यात्राएं करनी होती थीं. इस दौरान इन शहरों में स्थित कंपनियों में काम करनेवाले लोगों से मिलने-जुलने, उनके काम करने का तरीका समझने-सीखने को मिला़

इसी दौरान उन्हें एक एनिमेशन कंपनी शुरू करने का आइडिया आया. इस प्रस्ताव को अपने दोस्तों – संतोष और अनिल के समक्ष रखा़ दोस्तों को यह आइडिया पसंद आया और इस तरह शुरुआत हुई ‘माइप्रोमोवीडियोज’ की. तीनों दोस्तों ने अपनी नौकरियां छोड़ीं.

एक छोटे से कमरे में कुछ कंप्यूटर्स के साथ नौ सितंबर, 2009 को अपने उद्यम की शुरुआत की. अनिल को एनिमेशन अच्छे से आती थी, उदय वेबसाइट डिजाइनिंग में एक्सपर्ट थे और संतोष ने मार्केटिंग का जिम्मा उठाया़ पहला प्रोमो वीडियो बनाकर अपलोड करने का बढ़िया रिस्पॉन्स मिला और इस स्टार्टअप को ऑर्डर मिलने शुरू हो गये़ पहला ऑर्डर पांच डॉलर का था़ एक साल के भीतर उदय और उनके दोस्तों की मेहनत रंग लाने लगी. उनकी कंपनी हर महीने 3000 डॉलर का कारोबार करने लगी़

2010 के मध्य में उदय और उनके दोस्त अपनी कंपनी को नये ऑफिस में शिफ्ट किया़ यहां आने के बाद कंपनी का बिजनेस भी बढ़ा और उदय ने अब बड़ी एनिमेशन क्लिपिंग्स बनाने का इरादा किया़

‘एक्सप्लेनर वीडियोज’ के नाम से प्रसिद्ध इन वीडियोज से किसी कंपनी के उत्पाद के बारे में तफसील से बताने में सहूलियत होती है और मार्केट में इनकी मांग भी अच्छी होती है़

बहरहाल, उदय की कंपनी को इन वीडियोज के लिए फ्लिपकार्ट, एचसीएल, एचडीएफसी, आदित्य बिड़ला मनी जैसी जानी-मानी कंपनियों के ऑडर्स मिले़ ‘एक्सप्लेनर वीडियोज’ ने ‘माइप्रोमोवीडियोज’ को सफलता की नयी ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया़

इस कंपनी का टर्नओवर 2012 में जहां महज 70 लाख रुपये का था, वहीं 2014 में यह 1.6 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका था़ यही नहीं, उदय काे उम्मीद है कि आनेवाले कुछ वर्षों में उनकी कंपनी 20 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर जायेगी. फिलहाल संतोष ने ‘माइप्रोमोवीडियोज’ से अलग होकर अपने भाई गोपालकृष्णन के साथ एक नयी कंपनी शुरू की है. इससे अब ‘माइप्रोमोवीडियोज’ को उदय कृष्ण और अनिल कुमार 15 कर्मचारियों के साथ मिलकर चला रहे हैं.

‘माइप्रोमोवीडियोज’ के अलावा उदय कृष्ण ने गो-पालन के अपने शौक को भी उद्यम का रूप दिया है़

इस क्रम में उन्होंने 26 जनवरी, 2015 को ‘पाल डॉट को’ की स्थापना की़ बताते चलें कि पाल एक तमिल शब्द है, जिसका मतलब दूध होता है़ लोगों को ताजा और शुद्ध दूध मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू किये गये उदय के इस उद्यम को ऑनलाइन पेश किया गया है़ इसके लिए कोयंबटूर में उन्होंने 1़ 5 एकड़ की भूमि लीज पर ली है़

चार गायों और चार बछड़ों के साथ शुरू की गयी यह गौशाला अब 10 गायें और 10 बछड़ों के साथ धीरे-धीरे समृद्ध हो रही है़

इस तरह जीवन पथ पर धीरे-धीरे चलते हुए उदय कृष्ण ने अपने लिए लक्ष्य तय किये और उन्हें अपने दृढ़निश्चय और काबिलियत के सहारे पाते चले गये़ वह कहते हैं कि सफलता के लिए सिर्फ और सिर्फ कड़ी मेहनत की जरूरत होती है़ आपको हर दिन कुछ नया सीखना होता है़

मेरी सफलता में सिर्फ मेहनत का योगदान है, क्योंकि बचपन से लेकर आज तक मुझे कोई भी चीज आसानी से नहीं मिली़ भावी उद्यमियों के लिए उदय कृष्ण की सलाह है कि जितना जल्दी हो सके अपने आइडिया पर काम शुरू कर दें. देश में उद्यमियों के लिए अच्छा माहौल तैयार हो रहा है़ कड़ी मेहनत के साथ आगे बढ़ते जायें. गलतियाें से सबक लेें. सफलता जरूर मिलेगी़

(इनपुट : रेडिफ)

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