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WhatsApp ने क्यों दी भारत छोड़ने की धमकी? जानिए

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WhatsApp Update : व्हाट्सेएप ने कोर्ट को बताया है कि अगर उसे मैसेज के एन्क्रिप्शन को ब्रेक के लिए कहा गया तो मैसेजिंग प्लैटफॉर्म खत्म हो जाएगा. अमेरिकी कंपनी मेटा की ओर से बताया गया कि लोग इस मंच का इस्तेमाल प्राइवेसी की वजह से करते हैं.

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WhatsApp ने भारत छोड़ने की धमकी दे डाली है. कंपनी के वकील ने कोर्ट में कहा है कि अगर उन्हें जबरदस्ती एन्क्रिप्शन पॉलिसी तोड़ने के लिए कहा जाएगा, तो कंपनी भारत से चली जाएगी. आपको बता दें कि भारत सकार के आईटी एक्ट के मुताबिक व्हाट्सऐप को जरूरत पड़ने पर सरकारी एजेंसी के साथ किसी मैसेज का सोर्स शेयर करना होगा. व्हाट्सऐप का कहना है कि उसके प्लैटफॉर्म पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन है, इस वजह से किसी भी सेंडर का सोर्स नहीं बाताया जा सकता है.

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व्हाट्सऐप का पक्ष रख रहे अधिवक्ता तेजस करिया ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में कुछ ऐसा कहा, जिसने सबको हैरान कर दिया. व्हाट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक सुनवाई के दौरान कहा कि वह भारत में अपने ऐप को बंद कर सकता है. दरअसल कंपनी ने एक केस की सुनवाई के दौरान कहा ऐसा है. मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मैसेंजर प्लैटफॉर्म ने कहा कि अगर उसे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मैसेज ब्रेक करने के लिए कहा जाता है तो वह भारत में ऐप बंद कर देगा.

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व्हाट्सऐप की ओर से कंपनी का पक्ष रखनेवाले अधिवक्ता ने एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ के समक्ष कहा, प्लैटफॉर्म के तौर पर हम कहना चाहते हैं कि एन्क्रिप्शन ब्रेक करने के लिए कहा जाएगा तो व्हाट्सऐप चला जाएगा. मालूम हो कि कोर्ट में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2021 की मध्यस्थ नियमावली के नियम 4 (2) को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई हो रही है. इसे मेटा ने चुनौती दी है और कोर्ट कंपनी का पक्ष सुन रहा था.

इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2021 की मध्यस्थ नियमावली का नियम 4 (2) दरअसल सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को बाध्य करता है कि वह मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की जानकारी रखे. यानी कोई भी मैसेज पहली बार व्हाट्सऐप पर किसने शेयर किया, इसकी जानकारी व्हाट्सऐप के पास होनी चाहिए. व्हाट्सऐप ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, अगर व्हाट्सऐप ऐसा करता है तो उसे कई सालों तक लाखों डेटा स्टोर करने पड़ेंगे. विश्व में किसी अन्य देश में ऐसा कोई नियम नहीं है.

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