27.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 12:12 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Pitru Paksha 2020: पितृ पक्ष में पितरों को ऐसे करें प्रसन्न, जानिए विधि

Advertisement

पितृ पक्ष शुरू हो चुका है. पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने वालों को लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही 15 दिनों तक दाढ़ी-बाल बनाने से परहेज करना चाहिए. खास बात यह है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का खास महत्व होता है. हर महीने की अमावस्या की तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है. पितृ पक्ष के 15 दिनों में श्राद्धकर्म, पिंडदान और तर्पण का अधिक महत्व माना गया है. 15 दिनों में पितर धरती पर किसी न किसी रूप में अपने परिजनों के बीच में रहने के लिए आते हैं. पितृ पक्ष में श्राद्ध करने के कुछ खास तिथियां भी होती हैं. बिहार के गया में पितृ पक्ष पर श्राद्ध और तर्पण करने का विशेष महत्व बताया गया है. हालांकि, इस साल कोरोना संकट के बीच नदी किनारों पर जाकर पितरों को जलदान करने से परहेज करें. इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर तक है. पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण करना बहुत ही अच्छा होता है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है जिन प्राणियों की मृत्यु के बाद उनका विधिनुसार तर्पण नहीं किया जाता है उनकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है. पितृपक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है. धर्मग्रंथों के मुताबिक पितरों को तर्पण नहीं करने वाले को पितृदोष लगता है. ऐसे दोष की स्थिति में परिजनों को धन, सेहत और अन्य कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है.  

Audio Book

ऑडियो सुनें

पितृ पक्ष शुरू हो चुका है. पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने वालों को लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही 15 दिनों तक दाढ़ी-बाल बनाने से परहेज करना चाहिए. खास बात यह है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का खास महत्व होता है. हर महीने की अमावस्या की तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है. पितृ पक्ष के 15 दिनों में श्राद्धकर्म, पिंडदान और तर्पण का अधिक महत्व माना गया है. 15 दिनों में पितर धरती पर किसी न किसी रूप में अपने परिजनों के बीच में रहने के लिए आते हैं. पितृ पक्ष में श्राद्ध करने के कुछ खास तिथियां भी होती हैं. बिहार के गया में पितृ पक्ष पर श्राद्ध और तर्पण करने का विशेष महत्व बताया गया है. हालांकि, इस साल कोरोना संकट के बीच नदी किनारों पर जाकर पितरों को जलदान करने से परहेज करें. इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर तक है. पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण करना बहुत ही अच्छा होता है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है जिन प्राणियों की मृत्यु के बाद उनका विधिनुसार तर्पण नहीं किया जाता है उनकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है. पितृपक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है. धर्मग्रंथों के मुताबिक पितरों को तर्पण नहीं करने वाले को पितृदोष लगता है. ऐसे दोष की स्थिति में परिजनों को धन, सेहत और अन्य कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें