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पंडित हरिशंकर तिवारी की शव यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, मुक्तिधाम पर होगा अंतिम संस्कार

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Pandit Hari Shankar Tiwari: अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के संस्थापक और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे पंडित हरिशंकर तिवारी का आज गोरखपुर के बड़हलगंज स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार होगा. उनका मंगलवार शाम 7:30 बजे निधन हो गया.

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Hari shankar Tiwari: उत्तर प्रदेश की राजनीति में दशकों तक अपनी छाप छोड़ने वाले बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार को गोरखपुर में निधन हो गया. उनके निधन की सूचना मिलते ही धर्मशाला स्थित उनके आवास पर हजारों समर्थकों की भीड़ जुट गई. हरिशंकर तिवारी को पूर्वांचल ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति को बदलने वाला नाम माना जाता रहा है. उत्तर प्रदेश में बाहुबली राजनीति या कहें सियासत के अपराधीकरण की शुरूआत हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र शाही की अदावत से ही मानी जाती है. कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में पहली बार माफिया शब्द का इस्तेमाल भी पूर्वांचल के इसी बाहुबली के लिए किया गया.हरिशंकर तिवारी गोरखपुर के बड़हलगंज क्षेत्र के टांडा गांव के रहने वाले थे. बात 80 के दशक की है, जब छात्र राजनीति में दो युवाओं ने पूर्वांचल की राजनीति पर अपनी छाप छोड़नी शुरू की. एक थे वीरेंद्र शाही, जो ठाकुर लॉबी के अगुवा माने गए और जिन्हें गोरक्षपीठ का समर्थन माना जाता था वहीं दूसरी तरफ हरिशंकर तिवारी ब्राह्मणों का नेता बनकर उभरे। दोनों नेताओं में अदावत ने देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में ब्राह्मण-ठाकुर लामबंदी शुरू करा दी दोनों ही अपराध की दुनिया में भी अपनी धाक जमाते गए और इसी के साथ शुरू हुआ गैंगवॉर का सिलसिला.

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