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झारखंड : अब खूंटी जिले की तरफ बढ़ रहा है हाथियों का झुंड

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पांच दिन पहले सिमडेगा जिला अंतर्गत बानो की ओर से गुमला जिला के बसिया प्रखंड स्थित आरया के ईटाम जंगल में चार बच्चों सहित 28 हाथियों का एक झुंड प्रवेश कर गया था. हाथियों का उक्त झुंड अब धीरे-धीर खूंटी जिला के जंगलों की ओर बढ़ रहा है.

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पांच दिन पहले सिमडेगा जिला अंतर्गत बानो की ओर से गुमला जिला के बसिया प्रखंड स्थित आरया के ईटाम जंगल में चार बच्चों सहित 28 हाथियों का एक झुंड प्रवेश कर गया था. हाथियों का उक्त झुंड अब धीरे-धीर खूंटी जिला के जंगलों की ओर बढ़ रहा है. फिलहाल हाथियों का झुंड कामडारा प्रखंड के पोकला कोड़ेंगसेरा जंगल में है. ईटाम जंगल में प्रवेश करने के बाद से लेकर कोड़ेंगसेरा जंगल की ओर बढ़ने के दौरान हाथियों के झुंड ने कई किसानों की फसलों धान, सब्जियां एवं फसलों की सिंचाई में उपयोग किये जाने वाले सामग्रियों को बरबाद कर चुका है.

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वन प्रमंडल गुमला के डीएफओ श्रीकांत ने बताया कि 28 हाथियों का झुंड पिछले पांच दिनों से गुमला जिला की पूर्वी क्षेत्र में अपना बसेरा बनाये हुए है. बसिया के ईटाम में घुसने के बाद हाथियों का झुंड तीन दिनों तक वहां रहा. इसके बाद हाथियों का झुंड कुरूम, करंजकेली होते हुए दक्षिणी कोयल नदी पार कर विगत दो दिन पहले पोकला रेलवे स्टेशन के क्रॉसिंग के किनारे-किनारे चलते हुए कोड़ेंगसेरा पहुंचकर रूक गया है. अब संभावना है कि हाथियों का झुंड उसी रास्ते से होते हुए खूंटी जिला के जंगल में प्रवेश करेगा.

पूर्वजों के समय से इस क्षेत्र में घुसते आये हैं हाथी डीएफओ श्रीकांत ने बताया कि पूर्वजों के समय से ये हाथी इस क्षेत्र में घुसते आये हैं. इसलिए जब भी ये हाथी घुसते हैं. अपने पुराने रास्ते का ही उपयोग गंतव्य स्थल तक आने-जाने के लिए करते हैं. एक तरह से वह हाथियों का रूट है. हाथी उक्त रूट का उपयोग करते रहे हैं.

डीएफओ ने बताया कि 28 हाथियों के झुंड द्वारा कुछ किसानों के फसल को नुकसान पहुंचाये जाने की सूचना मिली है. नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. डीएफओ ने बताया कि वन विभाग लगातार हाथियों के झुंड के पीछे लगा हुआ है. हालांकि शुरूआती दौर में हाथियों को खदेड़ने का प्रयास किया गया था. परंतु इससे हाथी उग्र हो जा रहे थे. हाथियों के उग्र होने से स्थिति विकट हो सकती थी. इसलिए हाथियों को ज्यादा परेशान करने का काम नहीं कर रहे हैं.श्रीकांत गुमला के डीएफओ ने अपील की है कि हाथियों को परेशान नहीं करे. हाथी किसी को नुकसान नहीं पहुंचायेंगे. उन्हें जहां जाना है. वह अपने रास्ते पर हैं. अगर उन्हें छेड़ा गया तो वे उग्र हो सकते हैं.

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