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Video : झारखंड के इस जिले में धान की फसल लगते ही बर्बाद कर देते हैं हाथी

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खेतों में गरमा धान की फसल तैयार होते ही जंगली हाथियों का उपद्रव बढ़ गया है. जंगल से निकलकर जंगली हाथी गरमा धान की फसल को रौंदकर और खा कर नष्ट कर रहे हैं.

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पूर्वी सिहंभूम में लोग हाथियों के आतंक से परेशान है. पूरा मामला पश्चिम बंगाल सीमा से सटे बहरागोड़ा प्रखंड के पूर्वांचल के इलाकों का है. जहां किसान धान की खेती करते हैं. खेतों में गरमा धान की फसल तैयार होते ही जंगली हाथियों का उपद्रव बढ़ गया है. जंगल से निकलकर जंगली हाथी गरमा धान की फसल को रौंदकर और खा कर नष्ट कर रहे हैं. इस इलाके में किसान हर साल बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती करते हैं. इस मौसम में धान की फसल पकनी शुरू हो गई है और कहीं कहीं कटाई भी हो रही है. ऐसे में शाम होते ही हाथी जंगल से निकलकर धान के खेतों में उपद्रव मचाने लगते हैं. विगत 5 साल से इस इलाके में जंगली हाथियों का उपद्रव लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रत्येक साल किसानों को हाथियों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ता है. यहां के किसानों के लिए जंगली हाथी किसी प्राकृतिक आपदा से कम नहीं हैं.

इस इलाके में जंगली हाथी पूरी तरह से हावी हो गए हैं लेकिन वन विभाग कोई सहायता नहीं कर रहा है. ग्रामीणों को वन विभाग की तरफ से हाथी भगाने के लिए कोई भी उपक्रम नहीं दिया गया. जैसे कि हाथी भगाने के लिए पठाका,मशाल जलाने के लिए मोबिल, टार्च आदि कुछ भी सामान नहीं दिया गया है. हाथियों को सही स्थान पर ले जाने के लिए वन विभाग के पास फिलहाल कोई ठोस सामान उपलब्ध नहीं है. जंगली हाथियों द्वारा खेती नष्ट करने के बाद हमेशा वन विभाग द्वारा फ्रॉम भरा जाता है ताकि मुआवजा मिल सके लेकिन आज तक ना ही मुआवजा दिया गया और ना ही कोई पैसा दिया गया. गांव के लोग हर बर्ष महाजन की उधारी में डूबे हुए हैं इसे कैसे चुकाएंगे. जो की चिंता की विषय है.

वीडियो रिपोर्ट – पूर्वी सिहंभूम से गौरब पाल

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