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दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

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Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
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Hindi Diwas 2020: हिंदी नहीं बोलने के कारण प्रणब मुखर्जी ने ठुकराया था पीएम का पद?

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अगस्त के महीने ने हमसे भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को छीन लिया. उनके जाने के बाद भारतीय राजनीति में एक बड़ा खालीपन रह गया. खास बात यह है कि अपने पांच दशकों के राजनीतिक जीवन में प्रणब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री के पद को छोड़कर सभी बड़े पदों पर काम किया था. अंग्रेजी भाषा पर उनकी पकड़ और लेखन क्षमता शानदार थी. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर उनकी बारीक पकड़ थी. प्रणब मुखर्जी को अपनी कुछ कमज़ोरियों का अहसास था. एक बार उन्होंने कहा था कि उनका अधिकांश जीवन राज्यसभा में बीता है. हिंदी बोलने में उन्हें काफी दिक्कत होती थी. माना जाता है कि हिंदी ठीक से नहीं बोल पाने के कारण ही प्रणब मुखर्जी खुद को प्रधानमंत्री के पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं कर पाए थे. इन सबसे बावजूद प्रणब मुखर्जी को सभी पार्टियों का समर्थन मिलता था.

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अगस्त के महीने ने हमसे भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को छीन लिया. उनके जाने के बाद भारतीय राजनीति में एक बड़ा खालीपन रह गया. खास बात यह है कि अपने पांच दशकों के राजनीतिक जीवन में प्रणब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री के पद को छोड़कर सभी बड़े पदों पर काम किया था. अंग्रेजी भाषा पर उनकी पकड़ और लेखन क्षमता शानदार थी. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर उनकी बारीक पकड़ थी. प्रणब मुखर्जी को अपनी कुछ कमज़ोरियों का अहसास था. एक बार उन्होंने कहा था कि उनका अधिकांश जीवन राज्यसभा में बीता है. हिंदी बोलने में उन्हें काफी दिक्कत होती थी. माना जाता है कि हिंदी ठीक से नहीं बोल पाने के कारण ही प्रणब मुखर्जी खुद को प्रधानमंत्री के पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं कर पाए थे. इन सबसे बावजूद प्रणब मुखर्जी को सभी पार्टियों का समर्थन मिलता था.

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