15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Exclusive: फ्री में फ़िल्म कर लूंगा, लेकिन कम पैसों में नहीं जानिए ऐसा क्यों कहा इनामुल हक ने

Advertisement

फ़िल्म जरा हटके जरा बचके कुछ दिनों में रिलीज होने वाली है. इसमें विक्की कौशल और सारा अली खान मुख्य रोल निभा रहे हैं. मूवी में एक्टर इनामुल हक़ भी अहम रोल निभा रहे हैं, जिसकी चर्चा हो रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

फिल्मीस्तान, जॉली एलएलबी, एयरलिफ्ट जैसी सफल फिल्मों का अहम हिस्सा रहें अभिनेता इनामुल हक़ जल्द ही फ़िल्म जरा हटके जरा बचके में विक्की कौशल और सारा अली खान के साथ स्क्रीन शेयर करते नज़र आ रहे हैं. इस फ़िल्म सहित दूसरे पहलुओं पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

- Advertisement -

जरा हटके जरा बचके फ़िल्म में आपको क्या अपील कर गया ?

इस फ़िल्म में मेरा किरदार काफी हटके हैं. सरप्राइज भी है, जो आपको फ़िल्म देखने के बाद पता चलेगा. फ़िल्म से जुड़ने की वजह किरदार के साथ – साथ निर्देशक लक्ष्मण उत्तेकर भी हैं. मैं उन्हें मौजूदा दौर का ह्रषिकेश मुखर्जी करार दूंगा. वह उसी तरह की ही हल्की – फुल्की कहानियां लेकर आते हैं, जो हमारी अपनी ज़िन्दगी से जुड़ी लगती हैं. सिनेमा वैसे भी समाज का आइना होता है, हालांकि आज के दौर में वो लार्जर देन लाइफ फ़िल्में चलती हैं. वो साउथ वाली, जिनका हमारी निजी जिंदगी से कुछ लेना – देना नहीं है. जरा हटके जरा बचके एक फैमिली इंटरटेनर है. जिसमें कॉमेडी और ड्रामा सबकुछ है. काफी समय बाद ऐसी फ़िल्म आयी है.

क्या आपके किरदार ने आपको किसी चुनौती से भी रूबरू करवाया?

हर किरदार नया होता है, इसलिए नयी चुनौती लेकर आता है मैं एनएसडी से हूं, तो इस बात को और अच्छे से जानता हूं. इस किरदार का डायलेक्ट इंदौरी है, मैं एक और फ़िल्म कर रहा हूं. जिसमें किरदार का डायलेक्ट भोपाली है. इनदोनो भाषाओं में हल्का सा फर्क है, तो मुझे ये डर रहता था कि कहीं में इंदौरी में भोपाली की तरह साउंड ना करुं, तो उसपर काम करने की ज़रूरत थी. वैसे भोपाली वाले किरदार के सेट पर डायलेक्ट कोच भी थे, तो चीज़ें और आसान हो गयीं.

को एक्टर के तौर पर विक्की कौशल.और सारा अली खान के साथ को किस तरह से परिभाषित करेंगे?

को एक्टर से ज़्यादा अहम अच्छा इंसान होना होता है और ये दोनों बहुत ही अच्छे इंसान हैं. सेट पर पहले ही दिन से ही उनका व्यवहार सभी के साथ बहुत ही दोस्ताना था. आप सम्मान देंगे तो सम्मान मिलेगा।वे इस बात को अच्छे से जानते हैं. वैसे यह फ़िल्म पारिवारिक है, तो सेट पर माहौल भी बेहद पारिवारिक टाइप का ही था. एनएसडी के कई एक्टर्स फ़िल्म से जुड़े हैं. इसके अलावा शारीब हाशमी भी इस फ़िल्म का हिस्सा है. हमारी चौथी फ़िल्म साथ में है, तो सेट पर हम सभी ने ऑफ स्क्रीन भी काफी अच्छा समय बिताया.

मौजूदा समय में थिएटर में फ़िल्में बिजनेस नहीं कर पा रही हैं, क्या हिंदी सिनेमा में अब अच्छा कंटेंट नहीं बन रहा है इसकी वजह क्या आप मानते हैं?

अच्छा और बुरा सिनेमा बाद ही बात है. सबसे बड़ी वजह, जो मुझे लगती है, वो बजट है. आम आदमी की पहुंच से सिनेमा दूर हो गया है. टिकट महंगे हो गए हैं और एक पॉपकॉर्न 390 का आता है. आम आदमी इतना कहाँ से मैनेज कर सकता है. कोरोना, जीएसटी जैसी चीज़ों से पहले ही उसकी आमदनी कम हो गयी है. थिएटर्स वालों की दलील होती है कि वह इसी से कमाई करते हैं. अरे भाई फिर तो आप रेस्टोरेंट ही अलग से शुरू कर दो. टिकट के दाम भी कम होने चाहिए. आप 500 की दस टिकट बेचोगे उससे अच्छा डेढ़ सौ की दो सौ टिकट बेचो. मैं हाल ही में मकाऊ गया था. एक फ़िल्म फेस्टिवल में. हमारे यहां थिएटर कम ही रहे हैं, जबकि चीन मैं लगातार बढ़ रहे हैं. उनकी आबादी हमारी ही तरह है, लेकिन उनके टिकटों के दाम कम हैं. यूएस की कई सिटीज में तो अलग – अलग स्कीम थिएटर में चलायी जाती है कि आपने हज़ार रुपये का एक वाउचर ख़रीदा, जिसमें आप महीने में चार से पांच फ़िल्म देख सकते हैं. हमारे यहां जो लोग है, उन्हें भी कुछ अलग सोचने की ज़रूरत है.

अपनी अब तक की जर्नी को किस तरह से देखते हैं, आप बहुत कम काम करते हैं, क्या यह पहलू आपको परेशान करता है?

मैं अच्छा काम करना चाहता हूं. मेरा मुकाबला खुद से है. मैं किसी रेस में नहीं हूं. कई बार लोग मुझे कहते हैं कि अरे ये तेरे साथ आया था, कितना कुछ कर लिया. ये तो तेरे बाद आया था. मैं उस बात से परेशान नहीं होता हूं, लेकिन जब काम के बीच लम्बा गैप आ जाता है, तो परेशान होता हूं, क्योंकि मैं एक्टिंग को सबसे ज़्यादा एन्जॉय करता हूं और वही नहीं का पा रहा हूं. कई बार स्क्रिप्ट और किरदार अच्छे होते हैं, लेकिन हम जैसे एक्टर्स को देने के लिए बजट नहीं होता है. मेरा एक मार्केट वैल्यू है. मैं उसे क्यों कम करुं. मैं फ्री में कर लूंगा, लेकिन कम में नहीं. वैसे इन सब परेशानियों की वजह से ही मैं खुद ही अब फिल्मों के निर्माण से जुड़ने वाला हूं. मैं लिखता भी हूं. आगे कुछ अलग और अच्छा करने की प्लानिंग है ताकि मैं लगातार दर्शकों से जुड़ सकूं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें