20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

विश्व स्तनपान सप्ताह: 75% है झारखंड में विशेषस्तनपान दर, इन बीमारियों का खतरा होता है कम

Advertisement

आज से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जायेगा. अगर हम पूरे राज्य की स्तनपान दर की बात करें तो ये 75 फीसदी है. शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार है. इससे कई प्रकार की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची : आज से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जायेगा. उद्देश्य है : स्तनपान को बढ़ावा देना़ क्योंकि मां का दूध शिशुओं के लिए अमृत समान होता है. शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार और मौलिक अधिकार है़ मां का दूध शिशु के लिए मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया, कुपोषण से सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है़ मानसिक और शारीरिक विकास होता है़ स्तनपान से महिलाओं को भी फायदा मिलता है. चिकित्सकों के अनुसार वर्तमान में मां स्तनपान कराने को लेकर जागरूक हो रही है. जागरूकता के कारण ही अस्पताल में प्रसव करा रही हैं. पेश है पूजा सिंह की रिपोर्ट.

- Advertisement -

खिरसापान से मिलती है बीमारी से मुक्ति

आंगनबाड़ी सेविका रेशमा केेरकेट्टा ने बताया कि माताएं अपने बच्चे को जन्म के एक घंटे के अंदर खीरसा दूधपान कराती हैं. इससे बच्चे पांच जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं. इसको लेकर आंगनबाड़ी केंद्र में जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाते हैं. बच्चे का पहला टीकाकरण खिरसापान ही होता है. बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. स्तनपान सप्ताह के दौरान गर्भवती माताओं, धात्री माताओं और बच्चों के लिए पोषक तत्वयुक्त भोजन की जानकारी दी जाती है.

रोजाना 500 कैलोरी बर्न होती है

विशेषज्ञों के अनुसार यदि मां ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) कराती हैं, तो रोजाना 500 कैलोरी बर्न होता है. ह्रदय रोग और डायबिटीज की आशंका कम हो जाती है. साथ ही डिप्रेशन का स्तर भी कम होता है. इसके लिए यह बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद है. मां के दूध में हर जरूरी पोषक तत्व होता है. पेट में गैस नहीं बनती. दूध में एंटीबॉडी के कारण संक्रामण बीमारियों का खतरा कम रहता है.

75% है झारखंड में विशेष स्तनपान दर

22% है राज्य में शुरुआती स्तनपान दर

40% बच्चों की लंबाई उम्र की तुलना में कम है

22% बच्चों का वजन लंबाई की तुलना में कम है

झारखंड के संदर्भ में एनएफएचएस-5 (2019-21) के आंकड़ों को समझिए

राज्य में तीन साल से कम उम्र के 21.5 प्रतिशत बच्चों ने ही जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान किया है

छह महीने से कम उम्र के 76.1 प्रतिशत बच्चे ही हैं, जिन्हें विशेष रूप से स्तनपान कराया गया है

10 प्रतिशत स्तनपान करनेवाले छह से 23 महीने की उम्र के बच्चे पर्याप्त आहार प्राप्त करते हैं

16.3 प्रतिशत छह से 23 महीने की उम्र के गैर स्तनपान करने वाले बच्चे पर्याप्त आहार प्राप्त कर रहे हैं

10.5 प्रतिशत (जिनकी आयु छह से 23 महीने है) बच्चों को मिलता है पर्याप्त आहार

यहां जानिए स्तनपान कितना जरूरी

बच्चों के लिए

बच्चे की इम्युनिटी बढ़ती है

डिहाइड्रेशन से मुक्ति

मां और बच्चे के बीच अच्छा बॉन्डिंग

एलर्जी, ओबेसिटी से बचाव

ब्रेन के विकास में मददगार

बच्चों का सही मानसिक विकास, सीखने की क्षमता बढ़ती है

रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है

मां का दूध आसानी से पच जाता है

मां का दूध साफ-सुथरा व जीवाणु रहित होता है

सांस और दमा की बीमारी, एलर्जी व त्वचा संबंधी रोगों से बचाता है

मां के लिए

ब्रेस्ट कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव

स्वास्थ्य बेहतर रहता है, अंडाशय व स्तन कैंसर का खतरा कम

गर्भाशय तुरंत अपनी पूर्ण अवस्था में आ जाता है

शरीर में खून की कमी नहीं रहती

परिवार नियोजित रखने और दोबारा गर्भधारण में देरी करने में मदद करता है

माताओं को स्तन में भारीपन की समस्या नहीं रहती

बेफिक्र और अधिक प्रसन्न रहती है.

स्तनपान कराने वाली मां का ऐसा हो भोजन

स्टार्चयुक्त भोजन : चावल, ब्रेड, पूर्ण अनाज से बनी रोटी, आलू, जई (ओट्स), सूजी और पास्ता

डेयरी उत्पाद : एक ग्लास दूध, घी, दही या योगर्ट.

प्रोटीन के लिए : दाल-दलहन, अंडे, मछली और वसा रहित मांस, पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां.

स्नेक्स के तौर पर : मेथी, जीरा, सौंफ व गोंद के लड्डू और मेवे.

अन्य सप्लीमेंट : आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन डी.

पांच साल से कम उम्र के बच्चे हो रहे मोटापे का शिकार

झारखंड में पांच साल से कम उम्र के बच्चों का वजन बढ़ रहा है. यानी बच्चे मोटापा के शिकार हो रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाके में रहनेवाले बच्चों में मोटापा बढ़ा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच (एनएफएचएस-5) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 में मोटे बच्चों की संख्या 1.5 फीसदी थी, लेकिन वर्ष 2020-21 में बढ़कर 2.8 फीसदी हो गयी है. शहर और ग्रामीण दोनों का आंकड़ा 2.8 फीसदी है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें