केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज देश का आम बजट पेश किया. बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे मिडिल क्लास मायूस हो गया. इसके अलावा क्रिप्टोकरंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया गया है. गृहणियों को महंगाई और बच्चों के स्कूली फीस वृद्धि में थोड़ी भी राहत नहीं मिली. ऐसे में महिलाओं में इस बजट को लेकर भारी असंतोष है. वहीं व्यापारी वर्ग भी निराश नजर आ रहा है.
घरेलू महिलाओं का कहना है कि एक महिला होकर भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं के लिए बजट में नहीं विचार किया. इस बजट से सिर्फ 1 प्रतिशत की संतुष्टि मिली है हमे, घर चलना महंगाई की वजह से मुश्किल होता जा रहा है. पेट्रोल के दाम भी कम नहीं हुए है. हमलोगों को इस बजट से सिर्फ निराशा मिली है. बच्चों के स्कूल के फीस भी बढ़ चुके हैं. ऐसे में इस बजट से बहुत उम्मीदें थी कि इन सब चीजो में राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो सका.
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वाराणासी व्यापार मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अजित सिंह बग्गा ने इस बजट को लेकर कहा कि इस बजट में न तो व्यापारियों के हित में कुछ रहा है, न ही आम जनता के हित में, महंगाई से हमे मुक्ति नहीं मिली. इस बजट में एक अच्छा काम हुआ है कि आईटीआर भरने में 2 साल का समय दे दिया गया है. जिससे कोई त्रुटि होने पर राहत मिल सके.
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उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के वक्त जिस तरह से जनता और व्यापारियों ने सरकार का साथ दिया, उसे देखते हुए सरकार को इस बजट में 2 लाख तक का ऋण जनता और व्यापारियों को देना चाहिए था. उसे किश्तों में लेने का सुविधा उपलब्ध कराना था. कम से कम देश के 40 फीसदी लोगों को अनाज फ्री देना चाहिए था, ताकि लोवर और मिडल क्लास भी लाभान्वित हो सके.
स्वाति गुप्ता ने कहा कि वे स्वयं एक व्यापारी है, वे घर से ही व्यापार करती हैं, वे एक हाउस वाइफ भी है. मंहगाई बढ़ती जा रही है, अनाज के दाम बढ़ते जा रहे हैं, सिलेंडर के दाम में भी इजाफा हो रहा है और रही कसर कोरोना ने पूरी कर दी. वित्त मंत्री ने न तो होम लोन में रियायत दी, न ही कुछ खास स्कीम महिलाओं के लिये निकाली.
पूर्वांचल व्यापार महिला अध्यक्ष चांदनी सिंह ने बजट को लेकर कहा कि वित्त मंत्री स्वयं एक महिला है. इसके बावजूद उन्होंने महिलाओं के लिए कुछ नहीं सोचा. हमारी सारी उम्मीदे ध्वस्त हो गई. हमने सोचा था कि गैस सिलेंडर के दाम कम होंगे, एडुकेशन फीस में रियायत होगी, लेकिन किसी चीजो में हमे सुविधा नहीं मिली. महिलाओं ने कहा कि चुकीं विधानसभा चुनाव नजदीक था, इसलिए बहुत उम्मीदें थी कि ये बजट अच्छा आएगा, लेकिन बहुत ही दुखदाई बजट रहा.
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