26.1 C
Ranchi
Thursday, March 13, 2025 | 08:49 am
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सर्व पितृ अमावस्या कब है? इस दिन लग रहा सूर्य ग्रहण, जानें इस दिन पितरों को विदाई देने का सही तरीका

Advertisement

Sarva Pitru Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. लेकिन अश्विन मास में आने वाली अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं. क्योंकि सर्व पितृ अमावस्या पर सभी पितरों को विदाई दी जाती है. पितरों का श्राद्ध करने के लिए ये दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Sarva Pitru Amavasya 2023: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का काफी महत्व है. पितृ पक्ष का समाप्ति सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगी. इस साल सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को है. शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण ये शनिश्चरी अमावस्या भी कहलाएगी. सर्व पितृ अमावस्या के दिन साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. इस दिन पितरों की शांति के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण करने की मान्यता है. पितृ पक्ष के अंतिम दिन को सर्वपितृ अमावस्या या महालया अमावस्या कहा जाता है.

कब है सर्व पितृ अमावस्या?

इस साल सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर 2023 को पड़ रही है. सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष की आखिरी तिथि होती है. अमावस्या तिथि 13 अक्टूबर 2023 की रात 9 बजकर 50 पर आरंभ होगी और अगले दिन 14 अक्टूबर 2023 की रात 11 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी. इसके साथ ही इसी अमावस्या के दिन इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी होगा. यह अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 रात 8 बजकर 34 से रात 2 बजकर 25 तक रहेगा.

सर्वपितृ अमावस्या 2023 श्राद्ध समय

श्राद्ध कर्म के लिए दोपहर का समय सबसे उत्तम माना जाता है. इसके लिए कुतुप, रौहिण समय देखा जाता हैं. सूर्यास्त से पहले श्राद्ध कर लेना चाहिए.

  • कुतुप मूहूर्त – सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक

  • रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 16 मिनट तक

  • अपराह्न काल – दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से दोपहर 03 बजकर 35 मिनट तक

पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से मिलती है पितरों की आत्मा को शांति

पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. सर्वपितृ अमावस्या तिथि को ही श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष का समापन होता है. भारत की कुछ जगहों पर सर्वपितृ अमावस्या को पितृ अमावस्या, महालया अमावस्या और पितृ मोक्ष अमावस्या जैसे नामों से भी जाना जाता है. इसी दिन भूले भटके सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है.

Also Read: Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष मे राशि अनुसार करें दान,प्रेतयोनि से पूर्वज होंगे तृप्त, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध करने का महत्व

अगर आपको किसी पितर की तिथि याद नहीं है या किसी कारण उनका सही तिथि पर श्राद्ध नहीं हो पाया हो, तो ऐसे सभी पितरों का श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या पर किया जा सकता है. ये अमावस्या पितरों को याद करने, मोक्ष के लिए दान पुण्य करने और उनकी शांति की प्रार्थना करने के लिए सबसे श्रेष्ठ होती है.

सर्वपितृ अमावस्या पर इन लोगों का करें श्राद्ध

सर्वपितृ अमावस्या पर परिवार के उन मृतक सदस्यों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि तथा चतुर्दशी तिथि को हुई हो. अगर किसी कारणवश मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करने में सक्षम न हो, तो वो मात्र अमावस्या तिथि पर श्राद्ध कर सकता है. वहीं जिन पूर्वजों की पुण्यतिथि ज्ञात नहीं है, उनका श्राद्ध भी अमावस्या तिथि पर किया जा सकता है, इसीलिए अमावस्या श्राद्ध को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.

Also Read: Pitru Paksha 2023: पूर्णिमा श्राद्ध के साथ पितृपक्ष शुरू, यमलोक से धरती पर पधारे पूर्वज, ऐसे तृप्त होंगे पितर
सर्व पितृ अमावस्या पर ऐसे करें पितरों को विदा

  • अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान कर सफेद वस्त्र पहनें.

  • स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें और नदी या झील के किनारे पिंडदान करें.

  • पितरों को दूध, कुशा, तिल, पुष्प और सुगंधित जल अर्पित करें.

  • अमावस्या के दिन भोजन में खीर पूड़ी और सब्जी ही बनाएं.

  • अपने पितरों को याद कर उनसे भोजन ग्रहण करने की प्रार्थना करें.

  • सर्व पितृ अमावस्या पर दोपहर को ही भोजन कराएं और श्राद्ध करें.

  • तत्पश्चात् ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान, दक्षिणा आदि देकर उनका आशीर्वाद लें.

  • सर्व पितृ अमावस्या के दिन पंचबली और हवन अवश्य कराएं.

  • ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद में घर के सभी सदस्यों को एक साथ भोजन करना चाहिए.

  • भोजन करने के बाद पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें.

  • सर्व पितृ अमावस्या पर गाय, कुत्ते और कोए को भोजन जरुर खिलाएं.

  • इस दिन हरे चारे का दान करें और घर के द्वार पर खाने-पीने की वस्तुएं ज़रूर रखें.

  • सर्व पितृ अमावस्या पर पीपल के पेड़ का पूजन अवश्य करें.

  • पूर्वजों के नाम पर निर्धनों को वस्त्र दान, रक्त दान, भोजन दान, वृक्षारोपण आदि अवश्य करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर