19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Video: जब अटल बिहारी वाजपेयी ने सदन को पढ़ाया था राजनीति का पाठ, देखें पूर्व पीएम का ‘अटल’ भाषण

Advertisement

28 मई, 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जोरदार भाषण दिया था. वह भाषण अभी भी लोगों के जेहन में है और काफी याद किया जाता है. उस समय वाजपेयी जी ने सभी राजनीतिक दलों को राजनीति का धर्म और मर्म का पाठ पढ़ाया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि मनायी जा रही है. इस मौके पर उनके समाधी स्थल सदैव अटल में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे वक्ता था, जिन्हें न केवल उनकी पार्टी के लोग सुनना चाहते थे, बल्कि विरोधी पार्टियों के नेता भी उन्हें ध्यान से सुनते थे. उनकी पुण्यतिथि के मौके पर हम आज से 28 साल पहले का वो ऐतिहासिक भाषण शेयर कर रहा हूं. जिसे लोक आज भी बड़े चाव से सुनते हैं. वाजपेयी ने वह ऐतिहासिक भाषण सदन में दिया था, जब कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. वाजपेयी 16 मई 1996 को पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे. लेकिन 13 दिन बाद विपक्ष ने उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया. जिसमें वाजपेयी की अगुआई में सरकार विश्वास मत हार गई. जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी को इस्तीफा देना पड़ा था. 28 मई, 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जोरदार भाषण दिया था. वह भाषण अभी भी लोगों के जेहन में है और काफी याद किया जाता है. उस समय वाजपेयी जी ने सभी राजनीतिक दलों को राजनीति का धर्म और मर्म का पाठ पढ़ाया था. उन्होंने उस समय कहा था, ‘सत्ता का खेल तो चलेगा, सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए. इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए’. ‘देश में ध्रुवीकरण नहीं होना चाहिए. न सांप्रदायिक आधार पर, न जातीय आधार पर और न ही राजनीति ऐसे दो खेमों में बंटनी चाहिए कि जिनमें संवाद न हो, जिनमें चर्चा न हो.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें