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West Bengal News: कोलकाता में एडिनो वायरस का बढ़ता जा रहा आतंक, दो बच्चों की फिर हुई मौत

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पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एडिनो वायरस का कहर बढ़ते जा रहा है. इस वायरस के कारण दो और बच्चों की मौत हो गई है. इससे बचने के लिए पीकू और नीकू वार्ड खोलने का प्रस्ताव दिया गया है.

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कोलकाता.अब एडिनो वायरस ने राज्य स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. महानगर में फिर दो शिशुओं की मौत हुई है. इनमें से एक एडिनो वायरस से संक्रमित था, जबकि दूसरा निमोनिया की चपेट में था. पार्क सर्कस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में एडिनो वायरस से गुरुवार को ढाई साल के एक शिशु की मौत हो गयी. अस्पताल सूत्रों के हवाले से रविवार को यह जानकारी मिली. शिशु पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) में था. उसे वेंटिलेशन पर रखा गया था, लेकिन जान नहीं बचायी जा सकी. वहीं, रविवार को बीसी राय शिशु अस्पताल में भी एक शिशु की मौत हुई है. उसे एडिनो वायरस के लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया था. पर जांच में वह निमोनिया पीड़ित पाया गया.

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एडिनो वायरस से दो और बच्चों की गई जान

एडिनो वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर बेलियाघाटा आइडी अस्पताल में बच्चों के लिए पीकू और नीकू वार्ड खोलने का प्रस्ताव दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, अब तक एडिनो वायरस से छह बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 3000 से ज्यादा संक्रमित हैं. राज्य में इससे संक्रमित बच्चों की औसत उम्र 0-17 वर्ष के बीच बतायी जा रही है. वहीं, सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने बच्चों की उम्र शून्य से दो वर्ष के बीच है. कोलकाता के अलावा दक्षिण बंगाल में बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है.

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सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को स्कूल न भेजें

स्वास्थ्य विभाग ने एडिनो वायरस को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. कहा गया है कि सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को स्कूल न भेजें. यदि तीन से पांच दिनों तक बुखार रहता है और सांस लेने में तकलीफ बनी रहती है, तो तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें. डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर बुखार-खांसी, गले में खराश के साथ पेट खराब होना, उल्टी होना इस वायरस के लक्षण हैं.

एक दिन में बुखार नहीं उतरे तो डॉक्टर से दिखाएं

बुखार को नियमित अंतराल पर मापना चाहिए. अगर एक दिन में बुखार नहीं उतरता है तो डॉक्टर के पास जाये. रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को ऑक्सीमीटर के साथ नियमित अंतराल पर मापा जाना चाहिए. डॉक्टरों का कहना है कि सांस लेने में दिक्कत हो तो मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूरी है. डॉक्टर भी अभिभावकों को बच्चों के साथ भीड़ में जाने से मना कर रहे हैं. इस वायरस की चपेट में बच्चों के अलावा बुजुर्ग भी आ रहे हैं. उनको लेकर भी सतर्कता जारी की गयी है.

बचाव के लिए मास्क पहनना अनिवार्य

एडिनो वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी को सतर्कता बरतने की नसीहत दी है. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमओएच) डॉ निताई चंद्र मंडल ने कहा कि इस बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय है मास्क पहनना. उन्होंने कहा कि एडिनो वायरस की पहचान के लिए कोई जांच नहीं है. मरीज का लक्षण देखकर ही इलाज किया जाता है. पिछले कुछ दिनों से जिले में बच्चों और बुजुर्गों को इस वायरस की चपेट में आने की खबरें आ रही हैं.

मरीजों की संख्या सरकारी और निजी अस्पतालों में भी बढ़ी है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक मेडिकल टीम गठित की जायेगी. यह टीम सभी अस्पतालों में जाकर निरीक्षण करेगी और हावड़ा नगर निगम से भी इस संबंध में मदद ली जायेगी. डॉ मंडल ने कहा कि इस वायरस की चपेट में आने से मुख्य रूप से श्वाँस रोग होता है. ऐसा होने पर खुद से दवा नहीं लें और बिना डॉक्टर दिखाये एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग नहीं करें. यह घातक हो सकता है. मालूम रहे कि स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइंस जारी करते हुए जिले के सभी मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों से अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपकरण और वेंटिलेटर का स्टॉक रखने का निर्देश दिया है.

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