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Post Poll Violence: ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाइकोर्ट का सख्त निर्देश, हिंसा पीड़ितों के इलाज और राशन की व्यवस्था करें

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Post Poll Violence: ममता सरकार को हाइकोर्ट का सख्त निर्देश, हिंसा पीड़ितों के इलाज और राशन की व्यवस्था करें

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले कलकत्ता हाइकोर्ट ने प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार को सख्त निर्देश दिया है. हाइकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस सरकार से कहा है कि चुनाव के बाद हुई हिंसा के शिकार लोगों के इलाज और उनके भोजन का खर्च वहन करना होगा.

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कार्यकारी चीफ जस्टिस राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की वृहत्तर बेंच ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि चुनाव के बाद हुई हिंसा में जो लोग घायल हुए हैं, उनके इलाज की जिम्मेवारी सरकार को लेनी होगी. साथ ही उनके भोजन का इंतजाम भी करना होगा.

इसके साथ ही पांच जजों की वृहत्तर बेंच ने पुलिस और प्रशासन के लिए भी कई निर्देश जारी किये. पुलिस को निर्देश दिया गया है कि जितने भी मामले हैं, उन सभी मामलों को रिकॉर्ड किया जाये. हिंसा के पीड़ित सभी लोगों के बयान पुलिस को दर्ज करने होंगे.

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इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा है कि जिन लोगों के राशन कार्ड छीन लिये गये हैं, उन सभी लोगों के लिए राशन का इंतजाम भी सरकार को करना होगा. पांच जजों की बेंच ने कहा कि जो लोग हिंसा का शिकार हुए हैं, उन सभी लोगों के राशन का इंतजाम सरकार को करना होगा. भले उनके पास राशन कार्ड न हों.

कोर्ट ने कोलकाता स्थित कमांड हॉस्पिटल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अभिजीत सरकार की फिर से ऑटोप्सी कराने के निर्देश भी दिये हैं. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच जजों की वृहत्तर बेंच ने जादवपुर के पुलिस अधिकारी और जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाये.

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मुख्य सचिव को हाइकोर्ट का आदेश

हाइकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को भी निर्देशित किया. वृहत्तर बेंच ने कहा कि चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े तमाम कागजात को मुख्य सचिव संरक्षित करेंगे. ज्ञात हो कि बंगाल में चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. भाजपा का दावा है कि इसमें उसके 30 से अधिक नेताओं और समर्थकों की मौत हो गयी, जबकि ममता बनर्जी का कहना है कि हिंसा में 16 लोगों की मौत हुई है.

बंगाल को बदनाम कर रही भाजपा- ममता बनर्जी

हालांकि, ममता बनर्जी बार-बार दावा कर रही हैं कि उनके शासन में कोई हिंसा नहीं हुई. बंगाल में शांति है. भाजपा के लोग झूठ बोलकर बंगाल को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो का कहना है कि बंगाल में जब तक प्रशासन चुनाव आयोग के अधीन था, उसी दौरान हिंसक घटनाएं हुईं. तृणमूल सरकार बनने के बाद एक-दो आपराधिक घटनाएं हुईं, जिसे चुनावी हिंसा बताया जा रहा है.

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कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच में जस्टिस आइपी मुखर्जी, जस्टिस हरीश टंडन, जस्टिस सोमेन सेन, जस्टिस सुब्रत तालुकदार शामिल थे.

Posted By: Mithilesh Jha

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