11 सितंबर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के रूप में मनाने के लिए इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन 1730 में कुख्यात खेजड़ली नरसंहार हुआ था. यह दिन भारत के पर्यावरण आंदोलन के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन था .ऐसा कहा जाता है कि इस दिन, 1730 में, जोधपुर के पास एक छोटे से रेगिस्तानी गांव में, एक बहादुर महिला के नेतृत्व में लगभग 363 बिश्नोई लोगों ने राजा के आदमियों द्वारा पेड़ों की कटाई का विरोध किया था. जोधपुर के किले का निर्माण चल रहा था जिसके लिए लकड़ियों की जरूरत थी इसलिए सैनिकों को खेजड़ली गांव से लकड़ियां लाने का आदेश दिया लेकिन बिश्नोई समुदाय के लोगों ने इस आदेश का विरोध किया क्योंकि वे खेजड़ली के पेड़ों को पवित्र मानते थे. विरोध स्वरूप, अमृता देवी नाम की एक महिला ने खेजड़ली के पेड़ों को कटने से बचाने के लिए अपना सिर दे दिया हालांकि , महाराज के सैनिकों ने दोबारा नहीं सोचा और अमृता देवी का सिर काट दिया. उन्होंने उस दिन 350 से अधिक लोगों को मार डाला, जिनमें अमृता देवी के छोटे बच्चे भी शामिल थे.
BREAKING NEWS
Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.
Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.
Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement
VIDEO: जब 1730 में हुआ था खेजड़ली नरसंहार,जानें राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के पीछे का ये दर्दनाक इतिहास
Advertisement
11 सितंबर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के रूप में मनाने के लिए इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन 1730 में कुख्यात खेजड़ली नरसंहार हुआ था. यह दिन भारत के पर्यावरण आंदोलन के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन था .
ऑडियो सुनें
- Advertisement -
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition