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उत्तराखंड सुरंग से सुरक्षित निकले झारखंड के सभी 15 मजदूर, परिजनों ने मनायी दिवाली, अब एक झलक पाने की बेताबी

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड के सिमराढाब निवासी बुधन महतो के इकलौता पुत्र सुबोध वर्मा व केशोडीह निवासी हेमलाल महतो के पुत्र विश्वजीत वर्मा फंसे हुए थे. इन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.

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बिरनी (गिरिडीह),रणबीर बर्णवाल: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा व डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में फंसे झारखंड के सभी 15 मजदूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं. स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर अब ये 24 घंटे डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे. इसके बाद घर लौटेंगे. इधर, उत्तराखंड सुरंग से सुरक्षित बाहर निकलने की खबर मिलते ही परिजनों ने राहत की सांस ली और दिवाली मनायी. मिठाइयां बांटी गयीं. गिरिडीह जिले के बिरनी के दोनों मजदूरों विश्वजीत वर्मा व सुबोध वर्मा के सुरंग के सुरक्षित बाहर निकलने की सूचना मिलते ही प्रमुख रामू बैठा, मुखिया दिलीप दास, माले नेता सीताराम पासवान, गुरुदेव साव, छत्रधारी ठाकुर, बालो महतो, पंकज हिंदुस्तानी, भीम वर्मा, पंकज वर्मा, भरत बैठा, गणेश बैठा समेत काफी संख्या में लोग मजदूर सुबोध वर्मा के घर पहुंचे और सुबोध के माता-पिता को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की.

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गिरिडीह के सुबोध व विश्वजीत की एक झलक पाने को बेताब परिजन

उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड के सिमराढाब निवासी बुधन महतो के इकलौता पुत्र सुबोध वर्मा व केशोडीह निवासी हेमलाल महतो के पुत्र विश्वजीत वर्मा फंसे हुए थे. इन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. विश्वजीत वर्मा सुबोध वर्मा का मौसा है और विश्वजीत ही डेढ़ माह पूर्व मजदूरी करने के लिए सुबोध को अपने साथ उत्तरकाशी ले गया था. 12 नवंबर की सुबह इस घटना की सूचना मिलते ही विश्वजीत का भाई इंद्रजीत वर्मा 13 नवंबर को ऋषिकेश से मजदूरी का काम छोड़कर अपने भाई की सुरंग से सकुशल वापसी को लेकर उत्तराखंड पहुंच गया था. दोनों मजदूरों के परिजन काफी खुश हैं और ईश्वर के प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड व झारखंड की सरकार को धन्यवाद दिया है.

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अब इनके घर लौटने का इंतजार

मजदूर सुबोध वर्मा की मां चंद्रिका देवी, पिता बुधन महतो व उसकी बहन को भी सुबोध के सकुशल वापसी का इंतजार था. खुशखबरी से सबके चेहरे खिल गए हैं. वहीं, मजदूर विश्वजीत की पत्नी चमेली देवी भी बेहद खुश है. इनका परिवार भी बेहद खुश है. अब इनके घर लौटने का इंतजार है.

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झारखंड के सभी 15 मजदूर निकाले गए सुरक्षित

रांची, खूंटी, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम व पश्चिमी सिंहभूम जिले के मजदूरों की जान जोखिम में थी. कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इससे परिजनों में बेहद खुशी है. उनके परिजनों को उनके सुरक्षित बाहर निकलने का बेसब्री से इंतजार था. सभी उनकी एक झलक पाने को बेताब थे. जानकारी के अनुसार रांची के तीन, खूंटी के तीन, गिरिडीह जिले के बिरनी के दो, पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक और पूर्वी सिंहभूम से छह मजदूर सुरंग में फंसे हुए थे.

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झारखंड के 15 मजदूरों के ये हैं नाम

रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के खीराबेड़ा गांव के मजदूर अनिल बेदिया, राजेंद्र बेदिया एवं सुकराम बेदिया सुरंग में फंसे थे. गिरिडीह जिले के बिरनी के सुबोध वर्मा व विश्वजीत वर्मा, खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के गुमडू गांव निवासी विजय होरो, डुमारी गांव निवासी चमरा उरांव एवं मदुगामा गांव निवासी गनपाईत होरो, पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर प्रखंड के चेलाबेड़ा गांव का महादेव नायक एवं पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के मानिकपुर गांव के रवींद्र नायक, रंजीत लोहार, गुणाधर नायक, बांकीशोल गांव का समीर नायक, कुंडालुका गांव का भुक्तु मुर्मू और डुमरिया गांव का टिंकु सरदार शामिल हैं.

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