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Reliance JIO ने उत्तराखंड सुरंग में फंसे श्रमिकों के लिए रिकॉर्ड समय में दी कनेक्टिविटी

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Reliance JIO Connectivity Uttarakhand Tunnel Rescue - उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के राहत और बचाव कार्य के लिए देशभर की कई एजेंसियां और संगठन 17 दिनों तक जुटे रहे. देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभायी. आइए जानें कैसे -

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Uttarakhand Tunnel Rescue : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के राहत और बचाव कार्य के लिए देशभर की कई एजेंसियां और संगठन 17 दिनों तक जुटे रहे. देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभायी. आइए जानें कैसे –

उत्तरकाशी के जिस हिस्से में ऑपरेशन जिंदगी को चलाया गया, वहां मोबाइल और डेटा कनेक्टिविटी बड़ी चुनौती थी, लेकिन तमाम चुनौतियों के बीच जियो नेटवर्क ने यह काम रिकॉर्ड समय में पूरा किया. जियो के मोबाइल नेटवर्क से रेस्क्यू टीम को लगातार मदद मिली ही, सुरंग में फंसे मजदूर भाइयों से संपर्क कर उनका सूरत-ए-हाल देश और विदेश तक पहुंचाना संभव हुआ.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के काम में मदद के लिए जियो ने टनल के पास मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया और रेस्क्यू के काम में अपनी बड़ी भूमिका निभायी.

बचाव अभियान की इस मुश्किल घड़ी में कनेक्टिविटी एक बड़ी जरूरत थी. प्रशासन औरव शासन ने जब जियो से मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की जरूरत सामने रखी, जियो ने सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए पहली बार इतनी तेजी से मोबाइल कनेक्टिविटी और डेटा के लिए 100mbps की लीज लाइन उपलब्ध करायी.

Also Read: Uttarkashi Tunnel Rescue: हजारों साल पुरानी देसी तकनीक के आगे फेल हुईं हाई-टेक मशीनें

सुरंग धंसने के बाद सबसे पहले जियो नेटवर्क ने मोबाइल और डेटा कनेक्टिविटी को तैयार कर दिया और लगातार जियो नेटवर्क रेस्क्यू टीम की मदद कर रहा है. बताते चलें कि उत्तराखंड का यह क्षेत्र राज्य के बिल्कुल उत्तरी हिस्से में स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए देहरादून से 8 घंटे का समय लगता है.

उत्तरकाशी टनल के मजदूरों के बचाव में जियो का क्‍या रहा योगदान?

सिल्क्यारा सुरंग धंसने के 18 घंटे के भीतर जियो ने कनेक्टिविटी नेटवर्क तैयार किया

NHIDCL की रेस्क्यू कमांड साइट को 100mbps लीज लाइन कनेक्टिविटी दी

जियो कनेक्टिविटी से डेटा के साथ-साथ बातचीत करने में मदद मिली

हर रोज जियो नेटवर्क पर 700gb डेटा का इस्तेमाल किया गया

दो दिनों तक पूरा प्रशासन जियो की कनेक्टिविटी पर निर्भर रहा

बचाव कार्य पूरा होने तक हर दिन 1200 यूजर्स ने किया जियो नेटवर्क का इस्तेमाल.

रिलायंस जियो ने सिल्क्यारा में क्षतिग्रस्त सुरंग के अंदर 12 घंटे के अंदर कॉल और इंटरनेट सेवा शुरू कर दी. इससे उसमें फंसे 41 श्रमिकों के बचाव कार्य में मदद मिली. उत्तराखंड के इस दूरस्थ क्षेत्र में मोबाइल सेवा कमजोर है और लगभग दो सप्ताह पहले क्षतिग्रस्त हुई निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए दिन-रात काम कर रहे प्रशासन ने दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी को नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए कहा था.

रिलायंस ने सोशल नेटवर्किंग मंच एक्स पर मोबाइल टावर की तस्वीरें पोस्ट करते हुए कहा कि उसे कॉल और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने में खराब सड़क कनेक्टिविटी के अलावा बिजली और खंभों की कमी की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उसने कहा, हमारी जियो टीम बचाव कार्यों में लगे लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है. यह बताते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि जियो की इंटरनेट और कॉल सेवाएं इस दुर्गम स्थान पर 12 घंटे के भीतर प्रदान की गई हैं.

कंपनी ने कहा कि कोई भी वाहन पहाड़ी स्थान पर नहीं जा सकता है. वहां कोई खंभा और बिजली नहीं है और साथ ही कोई फाइबर कनेक्टिविटी भी नहीं है. उसके अनुसार, इन सभी चुनौतियों पर काबू पा लिया गया है और जरूरी कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई है.

मालूम हो कि निर्माण कार्यों में लगे श्रमिक 12 नवंबर को भूस्खलन के बाद निर्माणाधीन सिल्क्यारा-बारकोट सुरंग का एक हिस्सा धंसने के बाद से उसके अंदर फंस गए थे. 17 दिनों की मशक्कत के बाद निर्माणाधीन टनल में मजदूरों को मंगलवार 28 नवंबर को सकुशल बाहर निकाला जा सका.

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