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यूपी पीसीएस में चयन होने के बाद भी दर-बदर भटक रहे सैकड़ों अभ्यर्थी, नियुक्ति पत्र के इंतजार में बीत गए 9 माह

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज के पद पर 243 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था. चयनित अभ्यर्थी 9 महीने बाद भी तैनाती की राह देख रहे हैं.

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Prayagraj : उत्तर प्रदेश में कड़ी मेहनत और तैयारी के बाद कहीं जाकर राज्य के प्रतिष्ठित परीक्षा प्रांतीय सिविल सेवा में चयन होता है. इस परीक्षा की तैयारी के लिए न जाने कितने गरीब परिवार के बच्चे इलाहाबाद में कई सालों से रहकर तैयारी करते हैं. फिलहाल कुछ वर्षों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें देखा जा रहा है की आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में अभ्यर्थियों का चयन तो हो जा रहा है मगर उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिल पा रहा है.

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इसके वजह से दर-बदर भटकने को मजबूर हैं. कुछ ऐसा यूपी पीसीएस परीक्षा 2021 में पास हुए अभियर्थियों के साथ हुआ है. सभी चयनित अभ्यार्थियों का मेडिकल टेस्ट, कैरेक्टर और पुलिस वेरिफिकेशन भी हो गया लेकिन 9 महीने बाद तैनाती नहीं मिली है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने यूपी पीसीएस परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट 29 अक्टूबर 2022 को जारी किया था. प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज के पद पर 243 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था, जबकि 49 पद खाली रह गए थे. रिजल्ट जारी होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया. कैरेटक्टर और पुलिस वेरिफिकेशन भी हो गया लेकिन इसके बाद भी अभ्यर्थी बेरोजगार हैं. चयन प्रक्रिया में देरी को लेकर चयनित हुए अभियार्थी अब जल्द तैनाती की मांग की है.

अभ्यर्थी मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा से भी मुलाकात की. अभ्यार्थियों को कहना है कि हम सब बहुत खुश हुए हैं जब हमारा रिजल्ट निकला था और सभी उम्मीद लगाए थे कि जल्द उनकी तैनाती होगी और अपने परिवार के लिए कुछ कर सकेंगे. लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी उनकी तैनाती नहीं हो पाई है. अभ्यर्थियों का कहना है कि तमाम समस्याएं खड़ी होने लगी हैं. हमारी मांग है कि हमें जल्द से जल्द तैनाती दी जाए.

वहीं पीसीएस 2022 के माध्यम से चयनित अभियर्थियों को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 20 जुलाई को नियुक्ति पत्र भी बांट चुके हैं. जबकि उसके समकक्ष पद पर व 2022 बैच के पहले चयनित प्रिसिंपल जीआईसी की नियुक्ति नहीं हुई है. जिससे 2021 बैच के प्रिंसिपल्स की सीनियरिटी भी प्रभावित हो सकती है. बता दें कि पीसीएस 2022 का रिजल्ट 7 अप्रैल को घोषित किया गया था. इसकी वरिष्ठता उस दिन से जोड़ी जाती है जब से कोई कार्यभार संभालता है. फिलहाल अभी भी पीसीएस परीक्षा 2021 पास कर चुके 243 अभ्यार्थियों की तैनाती अटकी हुई है.

400 नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए थे सीएम

वहीं लखनऊ के लोकभवन में 400 नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए युवाओं की हौसला अफजाई करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी के युवाओं को रोजगार के लिए कहीं भटकने की जरूरत नहीं है. आज प्रदेश दूसरे राज्यों के युवाओं को रोजगार देने की क्षमता रखता है. राज्य में 36 लाख करोड़ के निजी निवेश के जरिए युवाओं के लिए एक करोड़ नौकरियों का इंतजाम होगा.

उन्होंने आगे कहा था कि सरकार रोजगार के सृजन की दिशा में नए कदम आगे बढ़ाते हुए 18 और 20 को नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम करेगी. राज्य के माहौल को युवाओं के लिए अनुकूल बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी देने के लिए ग्रुप टू और थ्री के नॉन गजटेड पदों में इंटरव्यू की प्रक्रिया को समाप्त किया गया है, जो सरकार के हर युवा को नौकरी उपलब्ध कराने के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.

प्रदेश के युवाओं का हर जगह हो रहा सम्मान-सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सरकार की कार्यपद्धति में कोई खोट नहीं होता है तो उसके कार्यों का लाभ पूरे प्रदेशवासियों को मिलता है. आज प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में नहीं भटकना पड़ रहा है. 6 वर्षों में लगभग 6 लाख शासकीय नियुक्तियां दी गयी हैं. इन नियुक्तियों की प्रक्रिया में कोई प्रश्न खड़ा नहीं कर पाया. साथ ही किसी भी विभाग के नियुक्ति की कोई भी प्रक्रिया न्यायालय में लंबित नहीं है और ना ही न्यायालय द्वारा कोई टिप्पणी की गयी. आज निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, शिक्षा आयोग या विभिन्न विभागों के स्तर पर चयन की प्रक्रिया संपन्न की जा रही है.

वर्ष 2017 पहले युवाओं में हताशा थी- सीएम योगी

सीएम ने कहा कि 2017 से पहले युवाओं ने उन्होंने नौकरी समेत अन्य व्यवस्थाओं में भेदभाव, भाई- भतीजावाद और जातिवाद के दंश को झेला होगा. इस दौरान उन्होंने अराजकता के कारण अपने बहुमूल्य समय को खोते हुए देखा होगा, प्रदेश के युवाओं में चयन प्रक्रिया को लेकर निराशा और हताशा थी. ऐसे में उन्हें बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता था. क्योंकि उत्तर प्रदेश का नाम लेते तो लोग वहां पर चयन की बात तो दूर किराए पर कमरा भी नहीं देते थे. वहीं आज प्रदेश का युवा देश में कहीं भी जाए उसका लोग पलक बिछाए स्वागत और सम्मान करते हैं.

अब युवाओं को रोजगार के लिए भटकने की जरूरत नहीं- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर ने कोरोना काल खंड में इसी सेक्टर ने दूसरे राज्यों से आए करीब चालीस लाख कामगार और श्रमिकों को रोजगार दिया. कोरोना काल में देश के जिन राज्यों ने श्रमिकों और कामगारों से मुंह मोड़ा था, आज वह पछता रहे हैं और इन्हें अपने राज्य में बुलाने के लिए मुझसे निवेदन कर रहे हैं.

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