20.1 C
Ranchi
Saturday, February 22, 2025 | 10:46 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

UP: हार के बाद लंदन रिटर्न सपा उम्मीदवार रूपाली दीक्षित का छलका दर्द, भाजपा के लिए कह दी बड़ी बात

Advertisement

Up Chunav Results 2022: आगरा की फतेहाबाद विधानसभा से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विदेश से लौटकर आए रूपाली दीक्षित को अपना प्रत्याशी बनाया था. शुरू से ही बीजेपी के छोटे लाल वर्मा और रूपाली दीक्षित में कड़ी टक्कर मानी जा रही थी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Up Chunav Results 2022: ताजनगरी में फतेहाबाद विधानसभा से सपा की प्रत्याशी रुपाली दीक्षित को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन उनके हौसलों में कोई कमी नहीं आईं है. अब फिर से वह एक सामजिक कार्यकर्ता के तौर पर क्षेत्र में काम करने में जुट गईं है. 13 मार्च को उन्होंने फेसबुक लाइव आकर जहां अपने समर्थकों को हिम्मत दी है वहीं दूसरी तरफ अपने विरोधियों को बता दिया कि रूपाली दीक्षित अभी राजनीति में एक्टिव हैं. फेसबुक लाइव पर विरोधियों द्वारा किए गए कमेंट का भी उन्होंने खुलकर जवाब दिया.

3 मिनट में लिया था टिकट

आगरा की फतेहाबाद विधानसभा से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विदेश से लौटकर आए रूपाली दीक्षित को अपना प्रत्याशी बनाया था. शुरू से ही बीजेपी के छोटे लाल वर्मा और रूपाली दीक्षित में कड़ी टक्कर मानी जा रही थी. वहीं रूपाली दीक्षित को पहचान इस वजह से भी मिली क्योंकि उन्होंने मात्र 3 मिनट की बातचीत में ही अखिलेश यादव से अपने लिए टिकट प्राप्त कर ली. लेकिन 10 मार्च को हुई मतगणना के बाद रूपाली दीक्षित को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद वह आधिकारिक तौर पर किसी के भी सामने नहीं आई. लेकिन 13 मार्च को उन्होंने फेसबुक पर लाइव कर अपने समर्थकों को संबोधित किया वहीं उनके विरोधियों को भी जवाब दिया.

बड़े अंतर से हारने का है दुख

रूपाली दीक्षित ने 13 मार्च को फेसबुक पर लाइव किया, इस दौरान उन्होंने बताया कि मुझे हार का दुख नहीं है क्योंकि जीत का दूसरा पर्याय हार ही है. वह इस बात से हैरान थी कि जिस तरह से जनता ने उनका साथ दिया और सपा के तमाम वरिष्ठ नेताओं व तमाम राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा उनके जीतने के जो कयास लगाए जा रहे थे. वह 10 मार्च को असफल साबित हुए. वहीं उनको सिर्फ इस बात का दुख है कि वह भाजपा के प्रत्याशी छोटे लाल वर्मा से 54000 वोटों से हारी हैं. उनका कहना था कि मुझे हार का भले ही अंदाजा था लेकिन इतनी बड़ी हार कि मैंने उम्मीद भी नहीं की थी.

अखिलेश यादव से मिलकर पार्टी की छवि को करेंगी सही

रूपाली ने बताया कि समाज में समाजवादी पार्टी को लेकर गुंडा और माफियाओं की पार्टी वाली छवि है. इस छवि को कहीं ना कहीं पार्टी के बड़े नेता मिटाने में नाकाम रहे. मैं जब भी अखिलेश यादव से मिलूंगी तो उनसे इस बारे में बात करूंगी, कि बड़े नेताओं का छोटे कार्यकर्ताओं से जो कम्युनिकेशन गैप है उसे कम किया जाए. और यह तब होगा जब पार्टी के लिए नियत से काम किया जाएगा ना कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए.

प्रचार के लिए मिला कम समय

रूपाली दीक्षित ने कहा के मतगणना के बाद उन्होंने अपने टीम के चार पांच लोगों के साथ बैठकर बात की. और उन्हें लगा कि एक तो उन्हें समय कम मिला, सिर्फ 19 दिन ही उनके पास थे. वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टी के पास समाज के जो चेहरे होते हैं वह भी मेरे पास उपलब्ध नहीं थे. जो मेरी मदद नहीं कर पाए. पार्टी में जो संगठन था वह मेरी मदद नहीं कर पाया या फिर हम आपस में सामंजस्य नहीं बिठा पाए. इसके लिए जब भी मैं अखिलेश यादव जी से मिलूंगी तो जरूर बात करूंगी. वहीं चुनाव में जातिवाद भी पूर्ण रूप से हावी रहा.

फ्री राशन ने बीजेपी की जीत में की मदद

रूपाली दीक्षित ने सरकार के फ्री राशन के बारे में भी बात की उनका कहना था कि कोरोना की वजह से लोग बर्बाद हो गए. खाने को कुछ भी नहीं था ऐसे में सरकार ने उन्हें करीब ढाई साल तक मुफ्त में राशन दिया. तो लोगों ने सरकार के राशन के आधार पर वफादारी दिखाकर बीजेपी को वोट किया है. तो इसमें कोई भी गलती नहीं है. क्योंकि जब चुनाव आते हैं तो घर का मर्द एक दारु की बोतल और कुछ पैसे लेकर पूरे घर का वोट बेच देता है लेकिन घर की महिला को खाने के सामान से ही घर चलाना पड़ता है. और वह अनाज बीजेपी ने ही महिलाओं को दिया है. तो आप कैसे उम्मीद कर सकती हैं कि वह महिलाएं और वह लोग आपको(सपा) वोट दे देंगे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें