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Durga Puja: कोलकाता का उल्टाडांगा संग्रामी दुर्गा पूजा सार्वजनिन कमेटी लोगों को सिखायेगा ‘मूल्यबोध’

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Durga Puja: जीवन में ‘मूल्यबोध’ बेहद जरूरी है. इसे ही मंडप में आने वाले लोगों को सिखाने का निश्चय उल्टाडांगा संग्रामी दुर्गा पूजा सार्वजनिन कमेटी ने अपने दुर्गा पूजा आयोजन के 60वें वर्ष में किया है.

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Durga Puja: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में पूजा पंडाल अपनी खास थीम के लिये बेहद प्रसिद्ध है. ऐसे ही कोलकाता का एक पूजा पंडाल अपनी थीम जीवन में ‘मूल्यबोध’ बेहद जरूरी लेकर आया है. मंडप में आने वाले लोगों को ‘मूल्यबोध’ सिखाने का निश्चय कर उल्टाडांगा संग्रामी दुर्गा पूजा सार्वजनिन कमेटी ने अपने दुर्गा पूजा आयोजन के 60वें वर्ष में किया है. क्लब के सचिव स्वपन साहा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने पूजा आयोजन की थीम की जानकारी देते हुए कहा कि इंसान की मूलभूत जरूरत ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ की है. लेकिन जब यह जरूरत पूरी हो जाती है तो इंसान यह भूल जाता है कि इस जरूरत को किसने पूरा किया है.

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मूल्यबोध को दर्शाती नजर आएगी यह पूजा पंडाल  

रोटी मुहैया करने वाले कृषकों, कपड़ा बुनने वाले बुनकरों या मकान बनाने वाले कारीगरों को हम भुला देते हैं. हम तो सुखी हो जाते हैं लेकिन इन चीजों को मुहैया करने वालों की जरूरतें पूरी हुईं या नहीं, इसका ख्याल हमें नहीं रहता है. यह ‘मूल्यबोध’ हममें नहीं रहता. इस बार के पूजा आयोजन के जरिये वह इसी मूल्यबोध को स्थापित करना चाहते हैं. हमें मूलभूत सुविधाओं के पीछे के व्यक्ति का भी हमें ध्यान रखना चाहिए, इस आयोजन के जरिये हम यह बताना चाहते हैं. पूजा पंडाल में इसी थीम को दर्शाया गया है.

पंडाल की खुबसूरती को दर्शाया गया है

पश्चिम बंगाल के इस पंडाल की खुबसूरती को बहुत ही सुंदर तरीकें से दर्शाया गया है. मंडप के भीतर एक सिंहासन है. अगल बगल खाद्य देने वाले कृषकों का जीवन, कपड़ा देने वाले बुनकरों की जिंदगी या मकान बनाने वाले कारीगरों की दुनिया दर्शायी गयी है.  मंडप और प्रतिमा को बनाने वाले कलाकार अरिंदम दास हैं. प्रतिमा को पारंपरिक रूप दिया गया है.आयोजन में करीब 10 लाख रुपये का खर्च आया है.

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हर पूजा पंडाल कुछ खास थीम को दर्शता है 

पश्चिम बंगाल में पूजा पंडालों काे अलग-अलग थीम पर तैयार किया जाता है. हर थीम के जरिये लोगों को शिक्षा देने का प्रयास किया जाता है. मूल्यबोध की थीम आम लोगों को मूलभूत जरूरतें हम तक कैसे पहुंच रही है, उसे दर्शाने का प्रयास है.

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किया उद्घाटन

रिपोर्ट : आनंद कुमार सिंह

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