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मुकुल रॉय को राज्यसभा भेजेगी तृणमूल, राष्ट्रीय राजनीति में ममता के लिए बनेंगे खेवनहार

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मुकुल रॉय की तृणमूल कांग्रेस में वापसी के बाद पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी करने लगी है.

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कोलकाता : मुकुल रॉय की तृणमूल कांग्रेस में वापसी के बाद पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी करने लगी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में मुकुल के तृणमूल में लौटने के बाद पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने स्पष्ट कर दिया कि उनके आने से पार्टी की ताकत बढ़ी है.

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सूत्रों ने बताया है कि मुकुल रॉय को राज्यसभा भेजने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय राजनीति में ममता बनर्जी की वैतरणी पार कराने के लिए मुकुल रॉय खेवनहार की भूमिका निभायेंगे.

मुकुल के लौटने के बाद भाजपा की दूसरे दलों से नेताओं को इम्पोर्ट करने वाली राजनीति पर सवाल खड़े होने लगे हैं. मुकुल रॉय दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रहकर ममता बनर्जी की केंद्रीय राजनीति में भूमिका की जमीन तैयार करेंगे.

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मुकुल रॉय बंगाल के उन चंद नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने वर्ष 1998 में ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस को अलविदा कहकर तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की थी. उस समय ममता बनर्जी खेमे की मांग थी कि कांग्रेस नेतृत्व ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में पार्टी का नेता बनाये. उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाये.

कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व ने ममता बनर्जी और उनके समर्थकों की इस मांग को खारिज कर दिया. इसके बाद ममता ने कुछ विधायकों और पार्टी के कई नेताओं के साथ कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और तृणमूल कांग्रेस की स्थापना कर ली. इसके बाद ममता बनर्जी ने अकेले लेफ्ट के शासन से लोहा लिया.

लेफ्ट से ममता ने अकेले लिया लोहा

इतिहास साक्षी है कि कांग्रेस से टूटकर बनने वाली तृणमूल कांग्रेस ने न केवल वाम मोर्चा से अकेले लोहा लिया, बल्कि लगातार तीन बार प्रदेश की सत्ता हासिल की. ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी हैं. इस दौरान कांग्रेस और लेफ्ट दोनों बंगाल में शून्य हो गये.

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Posted By: Mithilesh Jha

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