25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

टेलीफोन के तार की खासियत करेगी आपको हैरान, भूकंप के बारे में पता लगाने . . .

Advertisement

संचार व्यवस्था के लिए सुमद्र के नीचे बिछाई गई फाइबर-ऑप्टिक केबल्स जो वैश्विक दूरसंचार नेटवर्क का निर्माण करते हैं, भूंकप की निगरानी के साथ-साथ छिपी हुई भूगर्भिक संरचनाओं का आकलन करने में मदद कर सकते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

1878 में, बेल टेलीफोन कंपनी ने प्रत्येक उपयोगकर्ता के टेलीफोन से अंतिम कार्यालयों तक दो-तार सर्किट (जिसे स्थानीय लूप कहा जाता है ) का उपयोग करना शुरू किया, जो आवाज संकेतों को अधिक दूर के टेलीफोनों तक प्रसारित करने की अनुमति देने के लिए आवश्यक विद्युत स्विचिंग करता था.

- Advertisement -

भूगर्भिक संरचनाओं का आकलन करने में मदद

संचार व्यवस्था के लिए सुमद्र के नीचे बिछाई गई फाइबर-ऑप्टिक केबल्स जो वैश्विक दूरसंचार नेटवर्क का निर्माण करते हैं, भूंकप की निगरानी के साथ-साथ छिपी हुई भूगर्भिक संरचनाओं का आकलन करने में मदद कर सकते हैं. एक अध्ययन में यह दावा किया है. साइंस नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है.

भूकंप से हुई तबाही का आकलन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले के शोधकर्ताओं ने इन केबल्स की मदद से अपने चार दिवसीय प्रयोग के दौरान 3.5 तीव्रता के भूकंप और पानी के नीचे के भूकंप से हुई तबाही का आकलन किया. इसका पता लगाने के लिए उन्होंने एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसमें एक डिवाइस के जरिये प्रकाश का पता लगाया जा सकता है और भूकंप की तरंगों की पहचान भी की जा सकती है

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि शोधकर्ताओं ने केबल के प्रत्येक दो मीटर पर हुए परिवर्तनों को मापा और 20 किलोमीटर के खंड को 10,000 व्यक्तिगत भूकंपीय सेंसरों में बदल दिया. शोधकर्ताओं ने कहा, ‘इस तकनीक के जरिये ऐसे फॉल्ट सिस्टम की पहचान भी की गई है, जिनका अब तक पता नहीं लग पाया था. इसके अलावा इसका उपयोग ज्वार और तूफान का निरीक्षण करने के लिए भी किया जा सकता है. बता दे​ कि शोधकर्ताओं ने इस तकनीक को ‘डिस्ट्रीब्यूटेड एकॉस्टिक सेंसिंग’ नामक दिया है. इसका इस्तेमाल पहले जमीन पर फाइबर-ऑप्टिक केबल के साथ परीक्षण के लिए किया गया था, लेकिन अब इसका प्रयोग उन इलाकों में समुद्र के नीचे होने वाली गतिविधियों का डाटा पाने के लिए भी किया जा सकता है, जहां भूकंप की निगरानी के लिए स्टेशन सीमित संख्या में हैं.’

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें