17.3 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 09:54 pm
17.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Teachers Day 2020 : खूंटी की बच्चियों की पढ़ाई का सारा खर्च उठाकर कामयाब बनानेवाली दिव्यांग शिक्षिका मेरी हस्सा पूर्ति

Advertisement

Teachers Day 2020 : खूंटी (चंदन कुमार) : मुरहू के इट्टी गांव की सेवानिवृत शिक्षिका मेरी हस्सा पूर्ति शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं. इस कारण वह स्वयं उठने-बैठने में असमर्थ हैं. इसके बाद भी शिक्षा देने का जज्बा उनके अंदर कभी कम नहीं हुआ. वो स्कूल में तो बच्चों को पढ़ाती ही थीं, अपने घर पर रखकर भी 23 बच्चियों की शिक्षा और भोजन का खर्च उठाती थीं. इनमें से तीन बच्चियां बड़ी होकर शिक्षिका बनीं और दो को सरकारी नौकरी लग गयी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Teachers Day 2020 : खूंटी (चंदन कुमार) : मुरहू के इट्टी गांव की सेवानिवृत शिक्षिका मेरी हस्सा पूर्ति शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं. इस कारण वह स्वयं उठने-बैठने में असमर्थ हैं. इसके बाद भी शिक्षा देने का जज्बा उनके अंदर कभी कम नहीं हुआ. वो स्कूल में तो बच्चों को पढ़ाती ही थीं, अपने घर पर रखकर भी 23 बच्चियों की शिक्षा और भोजन का खर्च उठाती थीं. इनमें से तीन बच्चियां बड़ी होकर शिक्षिका बनीं और दो को सरकारी नौकरी लग गयी.

- Advertisement -

घर पर वे खुद भी बच्चियों को सिखाती थीं. सेवानिवृति के बाद भी उन्होंने यह सिलसिला बंद नहीं किया. अब भी तीन बच्चियां उनके घर पर रहती हैं. इसमें से दो इंटरमीडिएट और एक स्नातक में पढ़ रही हैं. मेरी हस्सा पूर्ति उनकी शिक्षा का सारा खर्च अपनी पेंशन की राशि से वहन कर रही हैं.

मेरी हस्सा पूर्ति ने बताया कि पिता की मौत के बाद उनकी पढ़ाई बंद हो गयी थी. इसके बाद एक विदेशी महिला सिस्टर लिलियाटो ने उनकी शिक्षा का खर्च उठाया. पढ़ाई पूरी करने के बाद वे शिक्षिका बन गयीं. उनकी पहली पोस्टिंग मुरहू के बुरजू में हुयी थी.

Also Read: शिक्षक दिवस 2020 : कड़ी मेहनत और शिक्षा के प्रति जुनून ने सिमडेगा के स्मिथ सोनी को राष्ट्रपति पुरस्कार दिलाया

वर्ष 1986 में मां का देहांत होने के बाद वह लाचार हो गयीं. विवाह भी नहीं हुयी. इसके कारण मुरहू के सिटीडीह गांव से एक बच्ची को उनके माता-पिता की अनुमति से वे अपने घर ले आयीं. इसके बाद वे लगातार बच्चियों को अपने घर पर लाकर रखने लगीं और पढ़ाई समेत पूरा खर्च उठाने लगीं. इससे उन्हें भी मदद मिल जाती है.

Also Read: शिक्षक दिवस 2020 : लोगों के दिमाग से सरकारी स्कूलों की परिभाषा बदलने में कामयाब हुए बेलकप्पी के उत्कृष्ट शिक्षक छत्रु प्रसाद

Posted By : Guru Swarup Mishra

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें