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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति भाजपा के कोटे से एमएलसी बनेंगे. मुख्यमंत्री की सहमति से यूपी सरकार ने राज्यपाल के पास भेजे गए नाम में एक नाम कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर का भी शामिल है.

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अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति भाजपा के कोटे से एमएलसी बनेंगे. मुख्यमंत्री की सहमति से यूपी सरकार ने राज्यपाल के पास भेजे गए नाम में एक नाम कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर का भी शामिल है. जो इस समय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति है. हालांकि इनका कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है. एमएलसी के लिए भेजा गया यह नाम काफी चौंकाने वाला भी है. एएमयू कुलपति को एमएलसी बनाकर भाजपा बड़ा मैसेज देना चाहती है. कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को यहां तक पहुंचने में आरएसएस से नजदीकियां काम आई है. पिछले दिनों भी मोहन भागवत के कार्यक्रम में कुलपति पहुंचे थे. इस दौरान आरएसएस नेताओं से करीबी संबंधों पर एएमयू में आवाजें उठी थी.

कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर का कार्यकाल रहा चुनौतीपूर्ण

हालांकि कुलपति बनने के बाद 5 साल का कार्यकाल आसान नहीं था. इस दौरान छात्रों के कई आंदोलन की आवाज को भी दबा दिया. खासतौर से इनके ही कार्यकाल में सीएए – एनआरसी के आंदोलन कैंपस में भड़का था. जिसके बाद छात्रों के लगे धरने को हटाने में अहम भूमिका निभाई थी. एएमयू में आरएसएस और भाजपा का मुखर विरोध रहा है. लेकिन कुलपति डा तारिक मंसूर के कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हुआ. इससे पहले केवल लाल बहादुर शास्त्री ने ही प्रधानमंत्री के तौर पर एएमयू में भाषण दिया था. छात्रों के विरोध के बीच एएमयू के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 2020 में कराया गया था. इसके साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुलपति तारिक मंसूर के कार्यकाल में ही एएमयू पहुंचे. इससे पहले भाजपा का कोई मुख्यमंत्री एएमयू नहीं आया था, हालांकि 1988 में कांग्रेस के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी एएमयू आए थे.

प्रोफेसर तारिक मंसूर कुलपति के साथ ही एएमयू के रहे हैं छात्र

कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज से 1978 में एमबीबीएस किया. उसके बाद 1982 में एमएस भी यहीं से किया. इतना ही नहीं इसके बाद जेएन मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल रजिस्ट्रार के रूप में एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाया. 1983 से 1985 तक जेएन मेडिकल कॉलेज के सीएमओ बने. सऊदी अरब में भी जाकर काम किया. 2002 से 2013 तक मेडिकल कालेज में प्रोफेसर रहे. वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और सीएमएस के पद को भी सुशोभित किया. गेम्स कमेटी के भी काफी समय तक अध्यक्ष रहे. इसके बाद 2017 से अब तक एएमयू के कुलपति हैं. प्रोफेसर तारिक मंसूर कुलपति के साथ ही एएमयू के छात्र भी रहे. जिससे इनको यहां हर बात की गहरी समझ है. कहा यह भी जा रहा है कि कुलपति प्रोफेसर तारीख मंसूर दूसरा कार्यकाल भी पाना चाहते थे. लेकिन भाजपा ने उनके एमएलसी बनाने पर मोहर लगाई है.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कई हस्तियां हैं राजनीति में

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कई हस्तियां राजनीति में निकली है. जिसमें एक बड़ा नाम आरिफ मोहम्मद खान का है. इसके साथ ही एम ए फातमी केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री बने थे. वहीं सरवर हुसैन बुलंदशहर से सांसद बने थे. एएमयू के छात्रसंघ अध्यक्ष नफीस अहमद बलरामपुर से विधायक है . इसके साथ ही बड़ा नाम आजम खान का है. जो एएमयू में छात्रसंघ सचिव रहे, इसके साथ ही डॉ जाकिर हुसैन राष्ट्रपति पद तक पहुंचे. वहीं हामिद अंसारी भी यहीं से निकलकर उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचे थे. लेकिन एएमयू के इतिहास में यह पहला मौका है जब कुलपति होने के दौरान उनके नाम की शिफारिश संवैधानिक पद के लिए किया गया है. भाजपा कुलपति के मुस्लिम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट कर बड़ा फायदा चाहती है.

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