13.6 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 04:42 am
13.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

फिर से चंदन की खुशबू से महकेगा शांति निकेतन,14 हजार से ज्यादा लगाए जाएंगे पौधे

Advertisement

शांति निकेतन एक समय बेहद कीमती चंदन के जंगल के रूप में जाना जाता था. विशेषकर सफेद चंदन के पेड़ पूरे शांतिनिकेतन में पाए जाते थे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बोलपुर, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के शांति निकेतन में वन महोत्सव या अरण्य सप्ताह के मद्देनजर एक बार फिर चंदन के पौधों की रोपाई की जायेगी. हालांकि एक समय था जब शांति निकेतन में एक से बढ़ कर एक चंदन के वृक्ष मौजूद थे. लेकिन दशकों में प्राकृतिक आपदाओं और चोरों द्वारा चंदन पेड़ों की चोरी के कारण कई मूल्यवान चंदन के पेड़ विलुप्त होने की राह पर हैं. हालांकि, एक बार फिर बोलपुर वन विभाग ने शांतिनिकेतन को चंदन के पेड़ों से भरने की पहल की है.

- Advertisement -

14 हजार सफेद और रक्त चंदन के लगाये जाएंगें पौधे

इसी तरह, बोलपुर वन विभाग द्वारा वन महोत्सव’ या ‘वन सप्ताह’ के दौरान 14 हजार सफेद और रक्त चंदन के पौधों का वितरण कर रहा है. इस खबर के बाद शांति निकेतन के लोग काफी उत्साहित हैं. बताया जाता है की जब महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर शांतिनिकेतन आए तो वे छातीम और चंदन के पेड़ों को देख मोहित हो गए थे. जो कई प्रसिद्ध लेखकों की रचनाओं में मिलता है. यहां तक ​​कि कवि सुनील गंगोपाध्याय की एक कविता में भी उल्लेख मिलता है.

Also Read: पंचायत चुनाव में हिंसा व लूट के लिये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार, बोले शुभेंदु अधिकारी व सुकांत मजूमदार
सफेद चंदन के पेड़ शांतिनिकेतन से गायब

क्योंकि शांतिनिकेतन एक समय बेहद कीमती चंदन के जंगल के रूप में जाना जाता था. विशेषकर सफेद चंदन के पेड़ पूरे शांतिनिकेतन में पाए जाते थे. लेकिन, पिछले एक-दो दशकों में प्राकृतिक आपदाओं, फ्लैटों, रिसॉर्ट्स, होटलों, बहुमंजिला इमारतों के निर्माण के कारण शांतिनिकेतन कंक्रीट के जंगल में बदल गया है.स्वाभाविक रूप से अन्य पेड़ों के साथ-साथ चंदन के पेड़ों की संख्या भी कम हो गई है. इसके अलावा, चंदन चोरों तस्करों की आक्रमण और लूट के दौरान कई मूल्यवान चंदन के पेड़ चोरी हो गए हैं.

Also Read: 2024 में इंडिया vs भाजपा की लड़ाई : ममता बनर्जी
इलाकों से लाखों रुपये के चंदन की लकड़ी की हो चुकी है चोरी

विश्व भारती और आसपास के इलाकों से लाखों रुपये के चंदन की लकड़ी की चोरी की खबरें आई हैं. हालांकि, शांतिनिकेतन को चंदन के वन में बदलने की पहल एक बार पुनः बोलपुर वन विभाग कर रही है. शांति निकेतन एक बार फिर चंदन वन में परिवर्तित होगा. अरण्य सप्ताह के दौरान बीरभूम जिले के एकमात्र बोलपुर रेंज कार्यालय से रक्त और सफेद चंदन के पेड़ों का वितरण किया जा रहा है. शांतिनिकेतन में 14 हजार से ज्यादा चंदन के पौधे लगाए जा रहे हैं.

Also Read: पंचायत चुनाव : मतदाताओं की संख्या से भी अधिक पड़े वोट, हाइकोर्ट ने बीडीओ से मांगा जवाब
शांति निकेतन में लगाये जा रहे हैं कई पौधे

इसके अलावा महोगनी, श्वेती शाल, माहुल, शिशु, बॉट, अश्वत्थ, गामा आदि जैसे मूल्यवान फल और फूलों के पौधे भी इस बार अरण्य सप्ताह में यहां के लोगों के बीच वितरित किए जायेगे. हालांकि सफेद और रक्त चंदन के पौधे लेने को लेकर लोग अधिक उत्साहित हैं.बोलपुर वन विभाग के रेंजर प्रदीप हलदर ने कहा, पौधे वितरित करना शुरू कर दिया है.यह कल तक जारी रहेगा. हमने मूल्यवान सफेद और रक्त चंदन के पेड़ों के पौधे भी तैयार किए हैं.हम उन्हें वितरित भी कर रहे हैं.हमें इन पौधों को वितरित करने का लक्ष्य दिया गया है. शांति निकेतन को पुनः चंदन के पौधों से सुसज्जित किया जाएगा.

Also Read: पंचायत चुनाव के लिये पानागढ़ वायु सेना में केंद्रीय वाहिनी उतरी, विभिन्न जिलों में हुई रवाना

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें