18.1 C
Ranchi
Friday, February 21, 2025 | 11:59 pm
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Shani Amavasya 2021: आज है शनि अमावस्या, शनि देव की पूजा से बरसेगी कृपा

Advertisement

Shani Amavasya 2021: आज यानी 4 दिसंबर 2021, शनिवार के दिन अमावस्या है. शनिवार होने के कारण इसे शनैश्चरी अमावस्या या शनि अमावस्या कहा जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

शनि देव की पूजा से मिटेंगे दोष

इस दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने से आपको इनकी कृपा प्राप्त होगी. अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है या फिर आपकी कुंडली में पितृ दोष, कालसर्प दोष एवं शनि प्रकोप होता है, उन जातकों पर प्रेत बाधा, जादू-टोना, डिस्क-स्लिप, नसों के रोग, बच्चों में सूखा रोग, गृह क्लेश, असाध्य बीमारी, विवाह का न होना, संतान का शराबी बनना एवं कभी-कभी अकाल दुर्घटना का कारण भी बन जाता है.

शनि दोष दूर करने के उपाय

मान्यता है कि शनैश्चरी अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें और शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें. इस दिन शनि देव का सरसों के तेल और काले तिल से अभिषेक करें. शनि मंदिर जाएं और उनके दर्शन कर उनकी कृपा प्राप्त करें. इसके बाद शनि दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें.

शनि देव की पूजा ऐसे करें

इस दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें और काले रंग के कपड़े धारण करें. इसके बाद भगवान शनि की अराधना करें. भगवान शनि के नाम पर सरसों के तेल क दीपक जलाएं और भगवान गणेश के पूजन से पूजा प्रारंभ करें. सबसे पहले फूल चढ़ाएं. इसके बाद उन्हें तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद भोग में लड्डू और फल चढ़ाए। इसके बाद जल अर्पित करें. इसके बाद शनि चालीसा का पाठ करते हुए आरती करें. पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्रों का जाप करें और अंत में कपूर से आरती करें. पूरे दिन उपवास करें और शाम को पूजा दोहराकर पूजा का समापन करें.

शनि अमावस्याऔर सूर्य ग्रहण एक साथ

शनिचरी अमावस्या 4 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन संयोग से सूर्य ग्रहण भी है इसलिए इस अमावस्या का महत्व और बढ़ गया है. गुरमीत बेदी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार शनि, सूर्य के पुत्र हैं. लेकिन दोनों एक-दूसरे के विरोधी ग्रह भी हैं.

शनि दोष दूर करने के उपाय

शनिचरी अमावस्या पर पानी में गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल के साथ तिल मिलाकर नहाना चाहिए. ऐसा करने से कई तरह के दोष दूर होते हैं. शनिचरी अमावस्या पर पानी में काले तिल डालकर नहाने से शनि दोष दूर होता है.

शनि अमावस्या पर छाया दान का है अत्यंत महत्व

शनि अमावस्‍या के दिन कटोरे में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और उस तेल को कटोरे सहित शनि मंदिर में दान कर दें.

गरीबों को करें दान

कहते हैं कि गरीबों की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन गरीबों को काला तिल, वस्त्र, उड़द की दाल, जूते-चप्पल, कंबल आदि का भी दान कर सकते हैं.

शनि दोष से मुक्ति के उपाय (Shani Dosh Upay)

मान्यता है कि शनैश्चरी अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें और शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें. इस दिन शनि देव का सरसों के तेल और काले तिल से अभिषेक करें. शनि मंदिर जाएं और उनके दर्शन कर उनकी कृपा प्राप्त करें. इसके बाद शनि दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें.

काले कुत्ते को रोटी खिलाने से मिलता है विशेष फल

शनि अमावस्या के दिन काले कुत्ते को सरसों तेल से बनी रोटी खिलाने का विशेष फल मिलता है. इस दिन कौवों को भी खाना खिलाने की परंपरा है. ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं.

हनुमान चालीसा का पाठ करना

शनैश्चरी अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो इसके चमत्कारी लाभ मिलते हैं. ऐसा करने से आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियां खत्म होती हैं.

Shani dosh: ऐसा करने से दूर होता है दोष

शनिचरी अमावस्या पर पानी में गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल के साथ तिल मिलाकर नहाना चाहिए. ऐसा करने से कई तरह के दोष दूर होते हैं. शनिचरी अमावस्या पर पानी में काले तिल डालकर नहाने से शनि दोष दूर होता है.

अमावस्या में देवी कमला की जयंती

मार्गशीर्ष अमावस्या को देवी लक्ष्मी या कमला के पूजन का भी विधान है. मार्गशीर्ष अमावस्या को दस महाविद्याओं में से एक देवी कमला की जयंती भी मनायी जाती है.

शनि देव की पूजा से बरसेगी कृपा

इस दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने से आपको इनकी कृपा प्राप्त होगी. अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है या फिर आपकी कुंडली में पितृ दोष, कालसर्प दोष एवं शनि प्रकोप होता है, उन जातकों पर प्रेत बाधा, जादू-टोना, डिस्क-स्लिप, नसों के रोग, बच्चों में सूखा रोग, गृह क्लेश, असाध्य बीमारी, विवाह का न होना, संतान का शराबी बनना एवं कभी-कभी अकाल दुर्घटना का कारण भी बन जाता है.

शनिचरी अमावस्या पर करें इन वस्तुओं का दान

ये पांच वस्तुएं अनाज, काला तिल, छाता, उड़द की दाल, सरसों का तेल होती हैं. इन पांचों वस्तुओं के दान का महत्व होता है. इनके दान से परिवार की समृद्धि में वृद्धि होती है व शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. पंच दान से विपत्ति से रक्षा और पितरों की मुक्ति होती है.

एक साथ पड़ रहा है शनिचरी अमावस्या और सूर्यग्रहण

शनिचरी अमावस्या 4 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन संयोग से सूर्य ग्रहण भी है इसलिए इस अमावस्या का महत्व और बढ़ गया है. गुरमीत बेदी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार शनि, सूर्य के पुत्र हैं. लेकिन दोनों एक-दूसरे के विरोधी ग्रह भी हैं.

छाया दान करें

शनि अमावस्‍या के दिन कटोरे में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और उस तेल को कटोरे सहित शनि मंदिर में दान कर दें.

दिन के अनुसार पड़ने वाली अमावस्या के अलग-अलग नाम होते हैं

अमावस्या को धर्म ग्रंथों में  पर्व भी कहा गया है. यह वह रात होती है जब चंद्रमा पूर्ण रूप से नहीं दिखाई देता है. दिन के अनुसार पड़ने वाली शनि अमावस्या के अलग-अलग नाम होते हैं. जैसे सोमवार को पड़ने वाले अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं.

शनि अमावस्या पर अवश्य दान करें

जिन जातकों पर शनि की साढ़े-साती या ढैया चल रही है, वे शनि अमावस्या पर अवश्य दान करें। सूर्य ग्रहण के समय पंच दान करने से उनके जीवन में शनि का प्रभाव समाप्त हो जाता है और शनि उन पर प्रसन्न होते हैं.पंच दान से प्रसन्न होकर सूर्य देव सर्व बाधाओं से मुक्ति व विपत्तियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं.

शनिदेव पूजा के मंत्र

ओम शनैश्चराय विद्महे सूर्य पुत्राय धीमहि।। तन्नो मंद: प्रचोदयात।।

Shani dev puja vidhi: ऐसे करें भगवान शनि की पूजा

इस दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें और काले रंग के कपड़े धारण करें. इसके बाद भगवान शनि की अराधना करें. भगवान शनि के नाम पर सरसों के तेल क दीपक जलाएं और भगवान गणेश के पूजन से पूजा प्रारंभ करें. सबसे पहले फूल चढ़ाएं. इसके बाद उन्हें तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद भोग में लड्डू और फल चढ़ाए। इसके बाद जल अर्पित करें. इसके बाद शनि चालीसा का पाठ करते हुए आरती करें. पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्रों का जाप करें और अंत में कपूर से आरती करें. पूरे दिन उपवास करें और शाम को पूजा दोहराकर पूजा का समापन करें.

हनुमान चालीसा का पाठ करें

शनैश्चरी अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो इसके चमत्कारी लाभ मिलते हैं. ऐसा करने से आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियां खत्म होती हैं.

जरूरतमंदों को दान दें

शनि अमावस्या के दिन गरीबों की सेवा करना, उन्हें जरूरत की सामग्री दान करना अत्यंत शुभ माना गया है. ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन गरीबों को उड़द की दाल, काला तिल, वस्त्र, कंबल, जूते-चप्पल आदि का दान करना शुभ माना गया है.

पीपल के वृक्ष को जल अर्पण करें

शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पण करना अत्यंत शुभ होता है. इससे जल अर्पण करने वाले व्यक्ति के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

शनि अमावस्या के दिन करें ये विशेष उपाय

पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना : शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृ खुश होते हैं. अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृों की कृपा मिलती है. अपने पाप को घटाने और पुण्यों को बढ़ाने के लिए पीपल वृक्ष के साथ-साथ उसकी परिक्रमा करना भी शुभ अत्यंत शुभ माना गया है.

शनि अमावस्या मुहूर्त

मार्गशीर्ष या अगहन माह की अमावस्या तिथि 4 दिसंबर, दिन शनिवार को है. शनि अमावस्या तिथि 03 दिसंबर को शाम 04 बजकर 56 मिनट से शुरू हो कर 04 दिसंबर को दोपहर में 01 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. चूंकि इस दिन शनिवार है इसलिए शनैश्चरी अमावस्या का संयोग बन रहा है. इसी दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगेगा.

हनुमान चालीसा का पाठ करें

शनि के दोषों से बचने में हनुमान जी की आराधना करना बहुत लाभ देता है. साढ़े साती के दौरान रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें. खासतौर पर शनिवार और शनि अमावस्‍या के दिन ऐसा करना बहुत लाभ देगा.

पीपल के पेड़ की पूजा

शनि अमावस्‍या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना, सरसों के तेल का दीपक जलाना शनि दोषों से निजात पाने का अचूक उपाय है. शनि अमावस्‍या के दिन पीपल का पौधा लगाना बहुत ही लाभकारी माना गया है.

कुत्‍ते को रोटी खिलाएं

शनि अमावस्‍या के दिन कुत्‍ते को रोटी खिलाएं. तिल का दान दें. इससे शनि की बुरी नजर से राहत मिलेगी.

शनि अमावस्या छाया दान करें

शनि अमावस्‍या के दिन कटोरे में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और उस तेल को कटोरे सहित शनि मंदिर में दान कर दें.

सूर्य ग्रहण का समय (Surya grahan 2021 timing in India)

आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 10:59 बजे शुरू होगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगा और अधिकतम ग्रहण दोपहर 01:03 बजे लगेगा. पूर्ण ग्रहण दोपहर 01:33 बजे समाप्त होगा और अंत में आंशिक सूर्य ग्रहण दोपहर 3:07 बजे समाप्त होगा.

इन चीजों का करें दान (Surya grahan 2021 upaay)

सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या के दौरान धन लाभ के लिए के लिए अनाज, शत्रुओं के अंत के लिए काले तिल, विपत्ति से सुरक्षा के लिए छाता और शनि के प्रभाव से मुक्ति के लिए सरसों का तेल दान करें.

शनिदेव पूजा के मंत्र

ओम शनैश्चराय विद्महे सूर्य पुत्राय धीमहि।। तन्नो मंद: प्रचोदयात।।

अमावस्या तिथि का मुहूर्त

अमावस्या तिथी प्रारंभ: 3 दिसंबर शाम 4 बजकर 56 मिनट से शुरू

अमावस्या तिथि समाप्त: दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक

शनि अमावस्या का महत्व

शनिदेव को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है. मान्यता है कि शनिदेव व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर दण्ड और फल प्रदान करते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार शनिदेव का जन्म अमावस्या तिथि पर शनिवार के दिन ही हुआ था. उनके नाम के कारण ही इस दिन को शनि अमावस्या के नाम से जाना जाता है. सूर्य देव शनिदेव के पिता हैं लेकिन उनकी उपेक्षा के कारण शनिदेव उनसे नारज रहते हैं. ऐसे में शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण का संयोग अति विशिष्ट माना जाता है. इस दिन शनि पूजा करने से कुण्डली में व्याप्त शनिदोष समाप्त होता है.शनि अमावस्या का महत्व

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें