24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ऑनलाइन कक्षाओं के असर पर पश्चिम बंगाल में SFI ने शुरू किया सर्वेक्षण

Advertisement

West Bengal, Online Classes, SFI, Students Federation of India, Survey : कोलकाता : कोरोना वायरस महामारी के कारण पश्चिम बंगाल में मार्च के अंत से ही शिक्षण संस्थानों में कक्षाएं स्थगित हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) ने आम छात्रों के बीच ऑनलाइन कक्षाओं के प्रभाव को जानने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोलकाता : कोरोना वायरस महामारी के कारण पश्चिम बंगाल में मार्च के अंत से ही शिक्षण संस्थानों में कक्षाएं स्थगित हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) ने आम छात्रों के बीच ऑनलाइन कक्षाओं के प्रभाव को जानने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया है.

- Advertisement -

एसएफआइ की राज्य समिति के नेता शुभजीत सरकार ने शनिवार (27 जून, 2020) को कहा कि माकपा की छात्र इकाई (एसएफआइ) अपने सर्वेक्षण के तहत एक महीने के भीतर राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों के कम से कम पांच हजार छात्रों तक पहुंचने की योजना बना रही है.

उन्होंने कहा कि एसएफआइ ने पहले ही ऑनलाइन सर्वेक्षण के लिए 650 छात्रों से संपर्क किया है और यहां प्रतिभागियों से उनकी इंटरनेट और स्मार्टफोन तक पहुंच को लेकर कुछ सवालों का जवाब देने को कहा गया.

Also Read: शादी के एक दशक बाद पश्चिम बंगाल की इस महिला को पता चला कि वास्तव में वह पुरुष है

शुभजीत सरकार ने कहा, ‘छात्रों से अंग्रेजी और बांग्ला में पूछा गया कि क्या उनके पास स्थायी और अच्छा इंटरनेट कनेक्शन है, क्या वे ब्रॉडबैंड वाई-फाई इस्तेमाल करते हैं या फिर मोबाइल वाई-फाई? और क्या वे इस नयी व्यवस्था को लेकर सहज हैं, जहां उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में इंटरनेट की ज्यादा प्रभावी भूमिका होती है.’

कुछ अन्य सवाल भी छात्रों से पूछे गये हैं, जिनका जवाब उन्हें हां या नहीं में देना है. जैसे- क्या इस लॉकडाउन के दौरान उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं लेनी पड़ीं, इसे लेकर उनका अनुभव कैसा था, क्या उन्हें इंटरनेट डाटा पैक खरीदना पड़ा और क्या यह डाटा पैक उन्होंने अपने माता-पिता के पैसे से खरीदा, अपने जेब खर्च से खरीदा या किसी शुभचिंतक या करीबी ने उन्हें इसे लेने में मदद की.

उन्होंने कहा, ‘हम यह आकलन कर रहे हैं कि ऑनलाइन कक्षाओं का छात्रों पर कुल मिलाकर किस तरह का प्रभाव पड़ा, क्योंकि उनमें से काफी संख्या में छात्र दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं. चार-पांच दिन पहले शुरू हुआ यह सर्वेक्षण जब पूरा हो जायेगा, तब हमारे विशेषज्ञ इस प्रवृत्ति का विश्लेषण करेंगे और उसी के अनुरूप शिक्षण संस्थानों और सरकार के समक्ष मामला उठायेंगे.’

Also Read: पीएम मोदी से ममता ने कहा : कोयला खनन में शत-प्रतिशत प्रतिशत एफडीआइ के निर्णय पर पुनर्विचार करें

जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरंजन दास ने पूर्व में कहा था कि ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ राज्य के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले ज्यादातर छात्र नहीं उठा सकते और वहां इंटरनेट कनेक्टिविटी भी एक अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा कि आर्थिक वजहों से भी बहुत से छात्र पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम के लिए जरूरी साधन नहीं जुटा सकते.

Posted By : Mithilesh Jha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें