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Sakat Chauth 2021: सकट चौथ व्रत पर इन बातों का रखें ध्यान, जानें किस शुभ मुहूर्त में करना होगा अर्घ्य, क्या है इसकी विधि, देखें पूरी जानकारी

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Sakat Chauth 2021, Sankashti Chaturthi, Vrat, Puja Vidhi, Importance, Arghya Vidhi, Shubh Muhurat: संकटों का नाश करने वाले गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत का पर्व रविवार को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही यह व्रत पूरा माना जाता है. इस दिन तिलकूट का प्रसाद बनाकर भगवान गणेश (Lord Ganesh) को भोग लगाया जाता है. इस दिन तिल के लड्डू भी प्रसाद में बनाए जाते हैं. आइये जानते हैं इस पर्व का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

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सकट चौथ व्रत से संकट का नाश होता है

संकष्ठी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से से संकट का नाश होता है. संतान की समस्याएं खत्म होती हैं. और हर तरह की बाधा दूर होती हैं.

चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पूरा होता है सकट चौथ व्रत

सकट चौथ व्रत में भगवान गणेश की पूजा होती है. इसमें व्रत करने से संतान निरोगी और दीर्घायु होती है. सुख-समृद्धि भी प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही यह व्रत पूरा होता है.

संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi)

  • स्नान करके साफ कपड़े पहन लें

  • अब गणेश भगवान की प्रतिमा को पवित्र गंगा जल से स्नान कराएं.

  • विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें.

  • सूर्यास्त के बाद संभव हो तो दोबारा स्नान करें या गंगा जल से छिड़काव कर लें, स्वच्छ वस्त्र भी पहनें.

  • गणेश जी की मूर्ति के पास कलश में जल भर दें

  • उन्हें धूप-दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, शकरकंद, अमरूद, गुड़ आदि चढ़ाएं.

  • सूर्यास्त के बाद चंद्रमा की पूजा करें

  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए आपको शहद, रोली, चंदन और दूध की जरूरत पड़ेगी

सकट चौथ व्रत के दौरान भूल कर भी न करें ये काम (Sakat Chauth Rules)

  • तुलसी न चढ़ाएं: सकट चौथ व्रत के दौरान भूलकर भी भगवान गणेश को तुलसी का भोग न चढ़ाएं. इससे आप पर उलटा असर पड़ सकता है. पूजा के दौरान व्रती महिलाएं उन्हें दुर्वा चढ़ाएं.

  • जमीन के अंदर उगने वाले खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें: इस दिन भूल कर भी जमीन के अंदर उगने वाले खाद्य सामग्रियों का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसे में मूली, प्याज, चुकंदर, गाजर जैसे सामग्रियों को न खाएं.

  • चांद का अर्घ्य दिए बिना न तोड़ें व्रत: सकट चौथ व्रत तब पूरा होता है जब चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. ऐसे में बिना अर्घ्य दिए व्रत तोड़ने की भूल न करें.

  • आज काले रंग के कपड़े ना पहनें: किसी भी पूजा में काले वस्त्र का पहनना अशुभ माना जाता है. ऐसे में आज भी पूजा के दौरान आप काले वस्त्र धारण करने से बचें. पूजा के दौरान पीले या सफेद वस्त्र धारण करें.

  • शरीर पर जल चढ़ाते समय छींटे न पड़ने दें: भगवान गणेश की पूजा के दौरान अर्घ्य देते समय आपको जल चढ़ाने का तरीका मालूम होना चाहिए. दरअसल, इस दौरान कोशिश करना चाहिए कि शरीर पर छींटे आपके पैर पर बिलकुल भी न पड़ें.

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जपें भगवान के ये 12 नाम

  1. सुमुख

  2. एकदंत

  3. कपिल

  4. गजकर्णक

  5. लंबोदर

  6. विकट

  7. विघ्न-नाश

  8. विनायक

  9. धूम्रकेतु

  10. गणाध्यक्ष

  11. भालचंद्र

  12. गजानन

जानें सकट चौथ व्रत का महत्व

  • सकट चौथ व्रत रखने वालों के संतान दीर्घायु होते हैं.

  • संतान को लंबी उम्र की प्राप्ति होती है साथ ही साथ वे निरोग जीवन व्यतित करते हैं.

  • यही नहीं ग्रह-नक्षत्र मजबूत स्थिति में लाने के लिए भी यह व्रत जरूरी.

  • कुंडली के अशुभ प्रभावों को कम करता है ये व्रत

  • केतु के बुरे प्रभावों को भी इस व्रत से कम किया जा सकता है.

Sakat Chauth 2021: आज 8 बजकर 24 मिनट से संकष्टी चतुर्थी व्रत, ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, जानें अर्घ्य का तरीका व शुभ समय

व्रत तोड़ने के इन नियमों का भी करें पालन

  • सूर्यास्त के बाद संकष्टी चतुर्थी व्रत में चंद्रमा की पूजा करें. इसका बड़ा महत्व है.

  • आप पहले शहद, रोली, चंदन और दूध की ले लें.

  • इन सामग्रियों से चंद्रमा को अर्घ्य दें, तब व्रत तोड़ें.

Sakat Chauth Vrat के दौरान हो सकती है ये गलतियां, भूल कर भी न करें ये काम, जपें गणेश जी के ये 12 नाम, जानें व्रत समाप्ति का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

संकष्टी चतुर्थी आज 8 बजे से कल शाम 6 बजे तक

आज 8 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा संकष्टी चतुर्थी व्रत. जो 1 फरवरी, 2021 शाम 6 बजकर 24 मिनट तक

इस दिन है संकष्टी चतुर्थी

इस बार संकष्टी चतुर्थी 31 जनवरी (Sankashti Chaturthi 31 January) को है. इस दिन तिलकूट का प्रसाद बनाकर भगवान गणेश (Lord Ganesh) को भोग लगाया जाता है. इस दिन तिल के लड्डू भी प्रसाद में बनाए जाते हैं.

ऐसे करें पूजा

फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्री गणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें.

इस तरह से करें मंत्र का जाप

विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: का 108 बार अथवा एक माला करें.

गणेश भगवान को लगाएं भोग

श्री गणेश को फल, तिल से बनी वस्तुओं, लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं और प्रार्थना करें कि 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है. नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है.'

गणेश जी के 12 नाम का जाप

सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन.

अर्घ्य अर्पित करने की विधि

पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, तिथि की अधिष्ठात्री देवी तथा रोहिणीपति चंद्रमा को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश-पूजन के पश्चात अर्घ्य प्रदान करना चाहिए. गणेश पुराण के अनुसार, चंद्रोदय काल में गणेश के लिए तीन, तिथि के लिए तीन और चंद्रमा के लिए सात अर्घ्य प्रदान करना चाहिए. इस व्रत में तृतीया तिथि से युक्त चतुर्थी तिथि ग्राह्य है. तृतीया के स्वामी गौरी माता और चतुर्थी के स्वामी श्रीगणेश जी हैं.

सकट चौथ व्रत पूजा विधि

1. सुबह स्नान ध्यान करके भगवान गणेश की पूजा करें

2. इसके बाद सूर्यास्त के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें

3. गणेश जी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भर कर रखें

4. धूप-दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, शकरकंद, अमरूद, गुड़ और घी अर्पित करें

5. तिलकूट का बकरा भी कहीं-कहीं बनाया जाता है

6. पूजन के बाद तिल से बने बकरे की गर्दन घर का कोई सदस्य काटता है

गणेश चतुर्थी पूजन विधि

पंडित राकेश पांडेय के अनुसार, सुबह स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प करके दिन भर गणेशजी का स्मरण एवं भजन करें.चंद्रोदय होने से पूर्व गणेश मूर्ति या सुपाड़ी के द्वारा निर्मित सांकेतिक गणेश देवता को चौकी या पीढ़े पर स्थापित करें. इसके बाद षोडशोपचार विधि से भक्तिभाव से पूजन संपन्न करें. पुन: मोदक और गुड़ में बने हुए तिल के लड्डू का निवेश अर्पित करें. आचमन कराकर प्रदक्षिणा और नमस्कार करके पुष्पांजलि अर्पित करें. चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को विशेषार्घ्य प्रदान करें.

संकष्टी चतुर्थी के दिन ऐसे दें चंद्रमा को अर्घ्य

सूर्यास्त के बाद संकष्टी चतुर्थी व्रत में चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है. ऐसे में उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही व्रत तोड़ें. इसके लिए आपको शहद, रोली, चंदन और दूध की जरूरत पड़ेगी. व्रत तोड़ने के बाद महिलाओं का शकरकंदी खाने की परंपरा भी है.

तिल का है बड़ा महत्व

सकट चौथ व्रत में तिल (Sesame) का भी बहुत महत्व है इसलिए जल में तिल मिलाकर भगवान गणेश को अर्घ्य दें और साथ ही तिल का दान भी करें और तिल का सेवन भी.

कंद मूल वाली चीजें न खाएं-

वैसे तो सकट चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं बावजूद इसके अगर आप फलाहार करने की सोच रही हों तो इस दिन जमीन के अंदर उगने वाले कंद मूल का सेवन नहीं करना चाहिए. यही कारण है संकष्टी चतुर्थी के दिन व्यक्ति को मूली, चुकंदर, गाजर, जिमीकंद, शकरकंद आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

सकट चौथ व्रत शुभ मुहूर्त-

सकट चौथ व्रत तिथि- जनवरी 31, 2021 (रविवार)

सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय – 20:40

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 31, 2021 को 20:24 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त – फरवरी 01, 2021 को 18:24 बजे।

चांद देखे बिना व्रत न खोलें

जिस तरह करवा चौथ के व्रत के दिन चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है ठीक उसी तरह सकट चौथ व्रत के दिन भी चंद्रमा को अर्घ्य (Moon Arghya) देना बेहद जरूरी होता है. चांद को अर्घ्य दिए बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता.

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