26.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 06:33 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Prayagraj News: अमावस्या की काली रात में तांत्रिक ने की श्मशान घाट पर साधना, फिर हुई दैवीय शक्ति की प्राप्ति?

Advertisement

दीपावली की कालरात्रि अमावस्या को तांत्रिक शक्तियों की सिद्धी के लिए काफी खास बताया गया है. तंत्र मंत्र की सिद्धी के लिए तांत्रिक महाश्मशान में दीपावली की कालरात्रि में रात के 12 बजे जलती चिताओं के पास बैठकर मंत्रों की सिद्धी के लिए साधना करते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Prayagraj News: पौराणिक कथाओं की मानें तो दीपावली की कालरात्रि अमावस्या को तांत्रिक शक्तियों की सिद्धी के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया गया. तंत्र मंत्र की सिद्धी के लिए तांत्रिक महाश्मशान में दीपावली की कालरात्रि में रात के 12 बजे जलती चिताओं के पास बैठकर मंत्रों की सिद्धी के लिए असाध्य साधना करते हैं.

मान्यता है कि, तांत्रिक अमावस्या की आधी रात में शमशान घाट पर जलती चिता के पास बैठकर, महाकाली, मां तारा, मां षोडशी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिका, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता श्री बगलामुखी, मां मातंगी, मां कमला आदि की सिद्धि के लिए कठिन साधना करते हैं.

तांत्रिकों के मुताबिक, इससे सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं. आत्म-ज्ञान बढ़ता है, अलौकिक ज्ञान की प्राप्ति होती है. प्रयागराज झूंसी के छ्तानग शमशान घाट पर सिद्धी के लिए पूजा कर रहे व्यक्ति ने बताया कि, वह करीब तीस साल से यह एक तारा की सिद्धी के लिए पूजा कर रहा है. अभी उसे एक तारा के दर्शन नहीं हुए है. अभी वह छोटी मोटी परेशानियां दूर कर लेता है. एक तारा की सिद्धी होने पर उन्हें इच्छा अनुसार लाभ मिलने लगेगा. आखिर में बताया कि इसका कभी गलत प्रयोग नहीं करना चाहिए.

दिवाली की अमावस्या को क्यों कहा जाता है कालरात्रि

दरअसल, अमावस्या की रात चंद्रमा उदय नहीं होता है, क्योंकि चंद्रमा सूर्य के निकट पहुंच जाता है. अर्थात चंद्रमा गोचर होकर उस राशि में चला जाता है जिस राशि में सूर्य रहता है. इसलिए अमावस्या की अर्धरात्रि को कालरात्रि कहा जाता है. इस रात तंत्र मंत्र टोने टोटके आदि जैसे तांत्रिक कार्यों को सिद्ध किया जाता है.

कालरात्रि से जुड़ी कुछ खास बातें

दीपावली की रात को कालरात्रि कहते हैं, लेकिन पूरी रात कालरात्रि नहीं माना गया है. इसे दो भागों में बांटा गया है. दीपावली पर अर्धरात्रि से पहले लक्ष्मी गणेश और पंच देवों की पूजा की जाती है. इसलिए इसे सिद्धिदात्री कहा जाता है. अर्धरात्रि के बाद सूर्योदय से दो घड़ी पहले रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक के समय महानिशा कहा जाता है. महानिशा के साधक रात्रि 12 बजे शमशान आदि जगहों पर एकांत में सिद्धी के लिए पूजा करते है.

तंत्र साहित्य के अनुसार, दीपावली की महानिशा, होली की पूर्णिमा, नवरात्रि, सूर्य एवं चंद्र ग्रहण के काल में की गई यंत्र मंत्र तंत्र साधना बहुत जल्द फल देती है. मान्यता है कि दूसरे समय जिन यंत्र मंत्र तंत्र और साधनाओं की सिद्धि के लिए लाखों संख्या में हवन जाप और पूजन करना पड़ता है, वहीं इन विशेष अवसरों पर यह सिद्धियां कम प्रयास और कम जाप करने से ही प्राप्त हो जाती हैं.

इन सभी अवसरों में महानिशा को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि कालरात्रि की रात कुछ ऐसे महत्वपूर्ण योग बनते हैं, जिससे आद्या शक्ति की कृपा प्राप्त होती है. इस रात की गई सभी साधनाएं सिद्ध हो जाती हैं. काल रात्रि में अपना नित्य पूजन करने के बाद शाबर मंत्र, ईस्ट मंत्र आदि जो पहले से ही सिद्ध कर चुके हैं उन्हें फिर से जागृत करते हैं.

एस के इलाहाबादी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें