24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 05:14 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पीएम कुसुम योजना: रद्द होने के बाद एक बार फिर लाभुक चयन में गड़बड़ी, बीडीओ पर किसानों ने लगाया गंभीर आरोप

Advertisement

Jharkhand News: पीएम कुसुम योजना के तहत गढ़वा जिले से 417 किसानों का चयन किया जाना है़ इन्हें 96 प्रतिशत अनुदान पर सोलर सिस्टम पर आधारित सिंचाई सुविधा का लाभ दिया जायेगा़ इस योजना का लाभ किसानों को पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाना है, लेकिन लाभुक चयन में गड़बड़ी की गयी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News: झारखंड के गढ़वा जिले गढ़वा प्रखंड में पीएम कुसुम योजना के लाभुक चयन में भारी गड़बड़ी की गयी है. पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर इस योजना के लाभुकों का चयन किया जाना था, लेकिन प्रखंडस्तर पर गड़बड़ी करते हुये इस योजना के लिये जिन किसानों ने पहले आवेदन जमा किया, उन्हें प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुये प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया, जबकि जिन लोगों ने समय बीतने के बाद आवेदन जमा किया, उनका चयन कर लिया गया. प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से की गयी इस गड़बड़ी को लेकर किसानों में आक्रोश है.

- Advertisement -

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार पीएम कुसुम योजना के तहत गढ़वा जिले से 417 किसानों का चयन किया जाना है. इन्हें 96 प्रतिशत अनुदान पर सोलर सिस्टम पर आधारित सिंचाई सुविधा का लाभ दिया जायेगा. इस योजना का लाभ किसानों को पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाता है यानी जिन किसानों ने पहले आवेदन दिया था, उन लोगों को इस योजना का पहले लाभ दिया जायेगा. गढ़वा प्रखंड के 46 किसानों को इस योजना का लाभ मिलना है, लेकिन आवेदन इससे ज्यादा किसानों ने जमा किये. प्रखंड कृषि कार्यालय में आवेदन जमा करने के साथ ही किसानों के आवेदन पर जमा होने का क्रम संख्या भी चढ़ाया गया. वैध आवेदनों को छांटते हुये जमा किये गये आवेदन के क्रम अनुसार प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी एवं प्रखंड तकनीकी पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से लाभुक किसानों का चयन किया गया.

Also Read: चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को जमानत के लिए करना होगा इंतजार, सीबीआई ने हाईकोर्ट से मांगा समय

लाभुक चयन में बीडीओ ने की मनमानी

प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमूद कुमार झा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुये इस पूरे क्रम को बदलकर नयी सूची बना दी और फिर उसमें पदाधिकारियों से हस्ताक्षर भी करवा लिया़ इसमें कई आवेदक ऐसे भी हैं, जिन्होंने तय समय तक आवेदन जमा भी नहीं किया था़ नियमानुसार जिन आवेदनकर्ताओं ने बाद में आवेदन जमा किया, उन्हें प्रतीक्षा सूची में रखा जाना चाहिए था, लेकिन इसके उलट, जिन किसानों ने रात-दिन लगकर संबंधित कागजात पूरा किया, उन्हें ही प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया़ किसानों का कहना है कि उन्होंने आवेदन समय सीमा के अंदर जमा करके कौन सा गुनाह कर दिया़ किसानों का आरोप है कि इसमें भ्रष्टाचार व रिश्वत की बू आ रही है.

चयनित सूची से इन किसानों का नाम हटाया

सरोज देवी (पति सच्चिदानंद दूबे), कांति देवी (पति विजय शंकर मेहता), रीता देवी (पति नंदकिशोर तिवारी), करिश्मा कुमारी पति उपेंद्र कुमार मेहता, देवंत देवी पति ललन पासवान, अर्चना देवी पति दिलीप तिवारी, शोभा तिवारी पति पीके तिवारी, गीता देवी पति अजय कुमार तिवारी, रीना देवी पति जीतन प्रजापति, चंदा कुमारी पति विनय कुमार तिवारी, अनीता देवी पति नंदकिशोर मेहता, रामपति देवी पति भगवान चौधरी, रेखा कुमारी पति मिथिलेश कुमार कुशवाहा, शांति देवी पति मिथिलेश कुमार, पूजा कुमारी पति ओमकुमार कुश्वाहा, सुनीता देवी पति प्रवीण कुमार तिवारी, शीला देवी पति नंदकिशोर मेहता, अर्पणा कुमारी पति अजय कुमार, राधिका कुमारी पति बीरबल कुमार, हेमंती देवी पति राजकुमार चौधरी एवं संगीता देवी पति जीतेंद्र कुमार मेहता के नाम शामिल है़ं इसी पूरी गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज प्रभात खबर के पास उपलब्ध हैं.

Also Read: झारखंड कांग्रेस में भी बगावत के सुर, विक्षुब्ध विधायकों ने राहुल गांधी से मुलाकात के लिए मांगा वक्त

समय पर दिया था आवेदन, लेकिन नाम गायब है

इस संबंध में फौजी डेयरी के संचालक अजय कुमार तिवारी ने बताया कि उन्होंने इस योजना का लाभ लेने के लिए अपनी पत्नी गीता देवी के नाम पर अंतिम समय के पूर्व आवेदन जमा किया था़ उनका क्रम संख्या 32 था, लेकिन उसे प्रतीक्षा सूची में 48 कर दिया गया़ इसके लिये वे कागजात जमा करने के लिये दो दिनों तक परेशान रहे, उनका चयन भी हो गया था, लेकिन बाद में उनका नाम गायब कर दिया गया.

बीडीओ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं

किसान नंदकिशोर तिवारी ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी रीता देवी के नाम से आवेदन जमा किया था़ उनका क्रम 13 था, लेकिन उन्हें प्रतीक्षा सूची में 53वें नंबर पर डाल दिया गया है़ श्री तिवारी ने कहा कि आखिर कैसे उनका नंबर 13 से 53 हो गया, इसकी जांच के लिये वे वरीय पदाधिकारियों से बात करेंगे.

Also Read: झारखंड में प्लस 2 शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन, 75% सीटों पर सीधी नियुक्ति

मझिआंव बीडीओ ने किसानों की सूची नहीं भेजी

गढ़वा जिले के सभी प्रखंडों से पीएम कुसुम योजना के चयनित लाभुकों की सूची बीडीओ के माध्यम से जिला कृषि कार्यालय को प्राप्त हो गयी है, लेकिन मझिआंव प्रखंड की ओर से किसानों से आवेदन लेने के बावजूद उनकी सूची जिला को नहीं भेजी गयी है़ किसानों का आरोप है कि बीडीओ ने लापरवाही व तानाशाही तरीका अपनाते हुये सूची नहीं भेजी है़ इस वजह से इस योजना से यहां के किसान वंचित रह जायेंगे़ मझिआंव से 20 किसानों का चयन करना था.

गड़बड़ी हुयी है तो जांच करायेंगे : डीडीसी

इस संबंध में उपविकास आयुक्त राजेश कुमार राय ने कहा कि इस योजना को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से संजिदा है. यदि गड़बड़ी हुयी होगी, तो वे इसकी जांच करायेंगे.

Also Read: Jharkhand News: नाव से घास लाने जा रहीं 4 महिलाएं गंगा में डूबीं, दो तैरकर बाहर निकलीं, दो की तलाश जारी

2019 में गड़बड़ी के कारण रद्द हो गयी थी योजना

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व साल 2019 में भी पीएम कुसुम योजना के तहत 400 किसानों को सोलर सिंचाई योजना का लाभ दिया जाना था, लेकिन आवेदन जमा करने के बाद इसी प्रकार से सूची बदले जाने की वजह से जिला बीससूत्री कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक में यह मामला उठा और उसके बाद इस योजना को रद्द कर दिया गया़ इस मामले में कुछ कर्मियों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ जिला कृषि पदाधिकारी के विरूद्ध प्रपत्र क भी गठित किया गया था़ इस मामले की तब जांच की गयी थी तो पाया गया था कि मेराल प्रखंड के करीब 20 लोग, जिन्होंने आवेदन भी जमा नहीं किया था, उनका भी जिलास्तर से चयन कर लिया गया था. जांच के दौरान जब आवेदन की खोजबीन की गयी तो वे मिले ही नहीं.

रिपोर्ट: पीयूष तिवारी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें