15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 05:41 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मोदी है तो जनता को भरोसा है

Advertisement

सवा सौ करोड़ देशवासी' शब्द हमारी क्षमता और गौरवबोध के संबल बने. नेतृत्व सक्षम हो, तो वही परंपरागत तंत्र उच्च मनोबल के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने को आतुर रहता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

जगत प्रकाश नड्डा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी

- Advertisement -

delhi@prabhatkhabar.in

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आंतरिक मोर्चे, अंतरराष्ट्रीय मंच और आमजन के विषयों पर दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. जिन संकल्पों को लेकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई थी, जिन विषयों पर पार्टी अपनी स्थापना से मुखर और सक्रिय रही और जिन कार्यों को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे मनीषियों ने आगे बढ़ाया, पार्टी के कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं ने जिन अभियानों को देश के आम जन तक पहुंचाया और जो संकल्प भारत को विश्व गुरु बनाने तथा समृद्ध, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत बनाने हेतु लिये गये, उन संकल्पों को देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज साकार होते देख रहा है.

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में छह सालों में नागरिकों में स्वाभिमान का संचार हुआ और विश्व में भारत के प्रति देखने और सोचने का नजरिया बदला. ‘सवा सौ करोड़ देशवासी’ शब्द हमारी क्षमता और गौरवबोध के संबल बने. नेतृत्व सक्षम हो, तो वही परंपरागत तंत्र उच्च मनोबल के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने को आतुर रहता है. जनता प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जिस अटूट विश्वास को जताती रही है, प्रधानमंत्री ने भी उन आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को स्पर्श करने का निरंतर प्रयास किया है.

हमारे पड़ोसियों से दो कदम आगे बढ़ कर हाथ मिलाने और विश्वास करने का वातावरण भारत ने पूरे विश्व के सामने दिखाया. अटल जी के अमर वाक्य ‘मित्र बदले जा सकते हैं, पड़ोसी नहीं’ की दृष्टि से पड़ोसियों से मित्रता को जीवंत करने के प्रयास ही नहीं किये, बल्कि दुनिया गवाह है कि भारत आत्मीयता और सम्मान से अपने संबंधों के प्रति आग्रही रहता है. पाकिस्तान की दशकों पुरानी नीति पर भारत का पुराना रवैया और वर्तमान तेवर पाकिस्तान देख चुका है. आज चीन के साथ सीमा पर बनी स्थिति में देश मोदी जी के नेतृत्व में अटूट विश्वास रखते हुए भरोसा करता है, जिससे देश का सबसे प्रभावी रुख आज चीन के सामने दिख रहा है.

‘गरीबी’ और ‘आम जनता’ अभी तक पोस्टरों और नारों में स्थायी भाव से मौजूद थे. मोदी जी ने आमजन को विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार उन्हीं की सेवा हेतु कृतसंकल्प है. प्रधानमंत्री मोदी के कालखंड में बनी योजना और नीति से गरीब तबके की मूलभूत समस्याओं का समाधान हो रहा है. शौचालय जैसे आवश्यक, किंतु उपेक्षित विषय पर लाल किले की प्राचीर से चिंता जता कर मोदी जी ने पूर्व की परंपरा ही नहीं तोड़ी, बल्कि एहसास दिलाया कि राष्ट्र के संबोधन में केवल भारी-भरकम विषयों और अलंकारों से कहने के बजाय धरातल की सच्चाई पर चर्चा होनी चाहिए. जन-धन खाते, रोजगार, आवास योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत जैसे विषय बताते हैं कि सत्ता सुख भोगने या पीढ़ियों को उपकृत करने का साधन नहीं है.

पूर्व में दलों द्वारा सत्ता को बनाये रखने के उपक्रम देश में चले. वोट बैंक के खेल के माइंडसेट से बाहर निकलकर देश के लिए सोचने का नजरिया प्रधानमंत्री मोदी का ब्लूप्रिंट है, जिसमें गरीब, जरूरतमंद की चिंता प्राथमिक है. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाकर इसी विचार को पुष्ट किया गया है कि देश के सभी नागरिक और क्षेत्र समान हैं. डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसी विचार के लिए बलिदान दिया. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का सपना भी मोदी सरकार में ही मुमकिन हुआ. मुस्लिम बहनों के लिए तीन तलाक जैसा अपमानजनक विषय समाप्त किया गया.

आजादी के बाद से ही सरकारों ने सरकारी तंत्र को अपने निजी हितों को साधने और अपने सांचे में ढाल कर जिस तरह पिंजरे में बंद रखा था, आज वही तंत्र आमजन के लिए जवाबदेह और दायित्वशील होकर विकास की नयी इबारत लिख रहा है. अभी तक जिसे भीड़ की संज्ञा और बढ़ती आबादी को सभी दिक्कतों की जड़ माना जाता था, उसे नया नजरिया देकर प्रधानमंत्री ने उसे नये मायने दिये- ‘अगर हम उपभोक्ता हैं, तो उत्पादक क्यों नहीं!’ मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसे अभियान देश की धमनियों में विकास व रोजगार का संचार करनेवाले साबित हुए.

अत्यंत निर्धन पृष्ठभूमि से आनेवाले प्रधानमंत्री मोदी ने एक नागरिक के रूप में जिन अनुभवों का जीवन में साक्षात्कार किया, वह उनके चिंतन का स्थायी उत्प्रेरक है. आम आदमी उनकी इसी मौलिकता में अपनी निकटता देखता है. शौचालय एक महिला की निजी जिंदगी में कितना महत्वपूर्ण है, उस पर संवेदनशीलता की पराकाष्ठा तक जाकर सोचना और धरातल पर उसके समाधान को उतारने का राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम लाना दुरूह कार्य था, जो जनआंदोलन बन गया. ईंधन की व्यवस्था एक नारी की दिनचर्या का जरूरी और समय खपानेवाला हिस्सा था, जिसका समाधान उज्ज्वला योजना के रूप में हुआ.

कोरोना महामारी से विश्वभर में भय और निराशा का वातावरण बना, किंतु भारत ने इन परिस्थितियों का डटकर मुकाबला किया. अस्सी करोड़ लोगों के लिए मार्च से नवंबर तक के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की गयी तथा 1.70 लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और 20 लाख करोड़ रुपये की निधि से आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की गयी. प्रधानमंत्री गरीब रोजगार योजना शुरू हुई. कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी. ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान शुरू कर प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत को नयी दिशा दी.

मोदी हैं, तो भरोसा है, यह भाव प्रधानमंत्री ने अचानक पैदा नहीं किया. साल 2014 की परिस्थितियां याद करें, तब देश केवल भ्रष्टाचार की चर्चाओं और अवसाद की स्थिति में घिरा था. प्रधानमंत्री मोदी ने इन परिस्थितियों से देश को उबारा ही नहीं, बल्कि सकारात्मक मनोबल भी दिया. कोरोना काल से पहले हमारा स्वास्थ्य तंत्र वैश्विक महामारी से निपटने में सक्षम नहीं था. लॉकडाउन जैसे ऐतिहासिक निर्णय से संक्रमण रोककर हमने अपने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत ही नहीं किया, बल्कि सैनिटाइजर और मास्क के उत्पादन से लघु उद्यम भी खड़ा किया और हमारी बाहरी आत्मनिर्भरता भी समाप्त हुई. प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में जनता को आजादी के बाद पहली बार यह अनुभूति हुई है कि गरीबों के लिए काम करनेवाली सरकार कैसी होती है, देश को आगे ले जानेवाली सरकार कैसी होती है और देश के प्रति दुनिया के नजरिये में बदलाव लानेवाली सरकार कैसी होती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें