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जयंती विशेष: पंडित नेहरू की जन्मस्थली पर कभी था रेड लाइट एरिया, इस तरह मिटा दाग

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पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों के बीच चाचा नेहरू के नाम से भी लोकप्रिय हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म तत्कालीन इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के मीरगंज मोहल्ले में हुआ था.

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Pandit Jawahar Lal Nehru Jayanti: हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है. इसी दिन 1889 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था. पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों के बीच चाचा नेहरू के नाम से भी लोकप्रिय हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म तत्कालीन इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के मीरगंज मोहल्ले में हुआ था.

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मीरगंज मोहल्ला पहले जिस्मफरोशी के लिए बदनाम था. लोग इसे पंडित नेहरू के नाम से कम और रेड लाइट एरिया के नाम से ज्यादा जानते थे. मीरगंज मोहल्ले पर लगे दाग को खत्म करने के लिए लंबा संघर्ष चला. इसको लेकर काफी समय तक आंदोलन भी चलाया गया. जिसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर मीरगंज मोहल्ले में प्रशासन ने कार्रवाई की. मीरगंज मोहल्ले में जारी जिम्मफरोशी को बंद कराया.

दस साल तक मीरगंज मोहल्ले में रहे नेहरू

पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बचपन के 10 साल मीरगंज मोहल्ले में बिताए थे. वो एक किराए के मकान में रहते थे. उनके पिता पंडित मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत करते थे. शुरुआती संघर्ष के दिनों में वो मीरगंज में ही किराए के मकान में रहते थे. यहीं पर मकान नंबर 77 में 14 नवंबर 1889 को पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. इस मकान को 1931 में नगर पालिका ने गिरा दिया था.

बताया जाता है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और समाजसेवी सुनील चौधरी ने पंडित नेहरू की जन्मस्थली को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कराने और मीरगंज से जिस्मफरोशी खत्म कराने के लिए 2014 में आंदोलन शुरू किया था. वो नौ महीने तक घंटाघर के पास अनशन पर भी बैठे थे. इसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया. उन्हें जान से मारने की धमकी मिली, मारपीट भी की गई. उन्होंने हार नहीं मानी.

सुनील ने 2015 में मीरगंज को जिस्मफरोशी के धंधे से मुक्त कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की. जिसके बाद हाईकोर्ट ने प्रशासन को रेड लाइट एरिया हटाने का निर्देश दिया. इस मामले पर सुनील चौधरी ने सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था. आज तक पत्र का कोई जवाब नहीं आया.

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