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अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों का कोविड-19 परीक्षण कराने के नाम पर अस्पतालों में लूट  

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निजी अस्पताल अभी भी किसी भी मरीज को भर्ती करने से पहले कोविड-19 परीक्षण की प्रथा चला रहे हैं. ऐसा लगता है कि अस्पताल जानबूझकर मरीजों से अपना व्यवसाय चलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. इस प्रथा को रोकने के लिए न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार ने इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण अधिसूचना प्रकाशित की है.

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पानागढ़,मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में अस्पतालों में भर्ती होने वाले सभी मरीजों का कोविड-19 परीक्षण कराने के नाम पर अस्पतालों में पेसेंट पार्टी से लूट रोकने के लिए उधोग और व्यावसायिक संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार को पत्र भेजकर इस दिशा में उपयुक्त कदम उठाने की मांग की है. पानागढ़ बाजार चेंबर ऑफ कॉमर्स के मुख्य सलाहकार तथा दुर्गापुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रतन अग्रवाल ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया तथा राज्य की मुख्यमंत्री के साथ ही राज्य सरकार के मुख्य सचिव एच के द्विवेदी समेत अन्य संस्थानों को पत्र भेजकर इस दिशा में उपयुक्त कदम उठाने की मांग की है.

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रोकने के लिए उधोग और व्यावसायिक संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार को भेजा पत्र

रतन अग्रवाल ने बताया की इन दिनों महामारी के दौरान देश के सभी अस्पतालों में भर्ती होने वाले सभी मरीजों का कोविड-19 परीक्षण कराने की एक आम प्रथा शुरू की गई थी. यह बताने की जरूरत नहीं है कि कोविड-19 टेस्ट कराना उस समय की जरूरत थी.अब, जब विश्व स्तर पर जीवन की सामान्य स्थिति बहाल हो गई है. अधिकांश भारतीय निजी अस्पताल अभी भी किसी भी मरीज को भर्ती करने से पहले कोविड-19 परीक्षण की प्रथा चला रहे हैं. ऐसा लगता है कि अस्पताल जानबूझकर मरीजों से अपना व्यवसाय चलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. इस प्रथा को रोकने के लिए न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार ने इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण अधिसूचना प्रकाशित की है. इसलिए, केंद्र और राज्य सरकार से हमारा विनम्र अनुरोध है कि वे इसे स्पष्ट करें और आम आदमी की खातिर एक सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करें और अस्पतालों को आदेश दें. ताकि अस्पतालों में भर्ती होने वाले आम मरीजों से इस टेस्ट के नाम पर जबरजस्ती ना की जाएं.

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