13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 04:32 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

स्वास्थ्य साथी : मेडिकल सर्टिफिकेट के बिना नहीं होगी निजी अस्पतालों में ऑर्थोपेडिक सर्जरी

Advertisement

सरकारी निर्देश में कहा गया है कि संबंधित निजी अस्पताल व नर्सिंग होम की ओर से सरकारी पोर्टल पर पहले से पंजीकृत ऑर्थोपेडिक सर्जन के अलावा कोई भी दूसरा चिकित्सक ऑपरेशन नहीं कर सकेगा, क्योंकि यदि सूची से बाहर का सर्जन सर्जरी करता, तो मरीज को स्वास्थ्य साथी योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पश्चिम बंगाल में अच्छे बुनियादी ढांचे वाले सरकारी अस्पतालों (Government hospitals) की कोई कमी नहीं है. इन अस्पतालों में कई निजी अस्पतालों से बेहतर सेवाएं दी जाती हैं. इसके बावजूद ज्यादातर मरीज ऑर्थोपेडिक सर्जरी या किसी सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद ऑर्थोपेडिक सर्जरी के लिए निजी अस्पतालों में जाते हैं और स्वास्थ्य साथी कार्ड पर सर्जरी करवाते हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिल रही है कि, स्वास्थ्य साथी योजना का लाभ उठाकर हड्डी की आम बीमारी के शिकार मरीज भी निजी अस्पतालों में सर्जरी करा रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य साथी से संबंधित नियमों में बदलाव करने की है.

- Advertisement -

निजी अस्पतालों में आपातकालीन इलाज के नियमों में किया गया बदलाव

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार स्वास्थ्य साथी योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में ऑर्थोपेडिक सर्जरी की संख्या बढ़ाने की पहल के साथ निजी अस्पतालों में आपातकालीन इलाज के नियमों में बदलाव किया गया है. नये निर्देश के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति सड़क हादसे में घायल होता है, तो दुर्घटना के 48 घंटे के भीतर मरीज को सरकारी अस्पताल पहुंचाना होगा. दुर्घटना से संबंधित आधिकारिक दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने के बाद निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य साथी कार्ड पर ऑपरेशन की सुविधा मिलेगी.

Also Read: West Bengal Breaking News : ईडी ने संदेशखाली हमले में संयुक्त एसआईटी गठित करने के आदेश को दी चुनौती
मेडिकल सर्टिफिकेट के बाद कराया जा सकेगा निजी अस्पताल में इलाज

यानी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को पहले सरकारी अस्पताल में दिखाना होगा. इसके बाद मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद निजी अस्पताल इलाज कराया जा सकेगा. गौरतलब है कि जिलास्तर पर लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में आर्थोपेडिक्स या सर्जरी के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा है. सरकारी निर्देश में कहा गया है कि संबंधित निजी अस्पताल व नर्सिंग होम की ओर से सरकारी पोर्टल पर पहले से पंजीकृत ऑर्थोपेडिक सर्जन के अलावा कोई भी दूसरा चिकित्सक ऑपरेशन नहीं कर सकेगा, क्योंकि यदि सूची से बाहर का सर्जन सर्जरी करता, तो मरीज को स्वास्थ्य साथी योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

Also Read: कांग्रेस पर फिर भड़कीं ममता बनर्जी,टूटा I.N.D.I.A गठबंधन ! बंगाल में भाजपा काे अकेले ही मात देने का किया ऐलान

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें