19.1 C
Ranchi
Friday, February 14, 2025 | 09:51 pm
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

UPSC की परीक्षा में आगे आ रहे ओडिशा के छात्र, एक्सपर्ट ने NIT के छात्रों को दिये सफलता के मूल मंत्र

Advertisement

डॉ विजेंद्र सिंह चौहान देश में इसके सबसे बड़े एक्सपर्ट माने जाते हैं. इंटरव्यू को कैसे क्रेक करना है, इसकी बारीकियों को समझाते हुए इनका मॉक इंटरव्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल रहता है और पसंद किया जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC), सिविल सर्विसेज एग्जाम (Civil Services Exam) क्रेक करना युवाओं का सपना होता है. इस परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं में जाना पहचाना नाम है डॉ विजेंद्र सिंह चौहान. इस परीक्षा में प्रतिभागियों के लिए सबसे बड़ी बाधा ‘इंटरव्यू’ का सामना करना और इसे क्रेक करना होता है. चौहान देश में इसके सबसे बड़े एक्सपर्ट माने जाते हैं. इंटरव्यू को कैसे क्रेक करना है, इसकी बारीकियों को समझाते हुए इनका मॉक इंटरव्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल रहता है और पसंद किया जाता है.

इसके लाखों फ्लोअर हैं. वे दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में हिंदी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं. वे बीते दिनों एनआइटी आये थे. यहां के विद्यार्थियों से मुखातिब हुए. उनसे प्रभात खबर के वरीय संवाददाता मुकेश कुमार सिन्हा ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम से जुड़ी विषयों पर बातचीत की. पेश है उसके प्रमुख अंश.

यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम के प्रति युवाओं में इतना रूझान क्यों है? किसी अन्य क्षेत्र में इतनी आपाधापी क्यों नहीं है?

इसके पीछे फ्यूडल माइंडसेट (सामंती मानसिकता) और पावर है. वेतन के लिहाज से बहुत ज्यादा अट्रैक्टिव नहीं है. लेकिन जो पावर इस नौकरी से मिलता है, वह युवाओं को आकर्षित करता है. इसलिए सभी यूपीएससी कर आइएएस-आइपीएस बनना चाहते हैं.

यूपीएससी की परीक्षा को लेकर ओडिशा में कितना क्रेज है. देश में ओडिशा अभी कहां है?

बहुत कुछ बदला है. यह सही है कि यूपीएससी की परीक्षा को लेकर अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार-यूपी, राजस्थान में ज्यादा क्रेज रहा है. लेकिन अब ओडिशा में भी इसका क्रेज नजर आता है. पिछले दिनों कई उम्मीदवारों ने इस एग्जाम को क्रेक कर नयी उम्मीदें पैदा की है. लिहाजा कह सकते हैं कि ओडिशा तेजी से उभर रहा है.

हिंदी या किसी अन्य भाषा के मुकाबले अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए यह परीक्षा पास करना आसान है?

इसके कई पहलू हैं. हिंदी माध्यम के उम्मीदवार पास होते हैं. होते रहे हैं. इसलिए यह कहना गलत होगा कि हिंदी माध्यम के छात्रों को बहुत मुश्किल होती है. लेकिन यह जरूर कह सकते हैं कि अंग्रेजी माध्यम को थोड़ी बढ़त रहती है. इसके बैकग्राउंड में जाएं, तो सुविधाओं का अंतर तो है ही, इससे इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन इस बार यूपीएससी के जो परिणाम आएंगे, वे चौंका सकते हैं. हिंदी माध्यम के छात्र इस बार बढ़त ले सकते हैं.

इसकी तैयारी के लिए दिल्ली ही पहली पसंद क्यों है? दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है, क्यों?

इसे एक वाक्य में कहें तो इको सिस्टम विकसित करना कह सकते हैं. जैसे राजस्थान का कोटा शहर. यहां इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारियों को ध्यान में रखकर सभी तरह की व्यवस्था है. मसलन रहना, खाना, स्टडी मैटेरियल, पढ़ाई के लिए माहौल, आवागमन आदि. कोटा कोई अलग तरह की जगह नहीं है, लेकिन इको सिस्टम विकसित हुआ, तो माहौल बन गया. यही बात दिल्ली के साथ है. दिल्ली के मुखर्जीनगर का दौरा करने पर पता चलता है कि यहां पर सबकुछ उसी तरह से डिजाइन है. यह कहीं भी हो सकता है.

अचानक से शिक्षकों की बाढ़-सी आ गयी है. सोशल मीडिया शिक्षकों के क्लासेज से भरा पड़ा है, ऐसा क्यों?

कोरोना काल में कुछ हद तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ा. इसके बाद लोगों ने इसे देखना शुरू किया. रुचि बढ़ी, तो आकर्षण आया.

यूपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कई बड़े नाम आ गये हैं?

नये सेलिब्रिटी शिक्षक हैं, इसे मानना होगा. इसमें बड़ा ग्रोथ हुआ है. इसके कई कारणों में एक ऑपरच्यूनिटी की कमी मान सकते हैं. इसकी वजह से शिक्षक अब सेलिब्रिटी बन चुके हैं. केवल नेम-फेम के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि पैसे के दृष्टिकोण से भी. इस पेशे में काफी पैसा भी नजर आ रहा है. करोड़ों रुपये की इंडस्ट्री खड़ी हो चुकी है.

भविष्य में क्या दृष्टि आइएएस जैसे संस्थान ओडिशा में प्रवेश करेंगे?

मौजूदा दौर में यह साफ देखा जा रहा है कि हर संस्थान दिल्ली से निकलकर थ्री या टू टीयर शहरों का रुख कर रहे हैं. संभावना हर समय है.

राउरकेला शहर कैसा लगा?

पहली बार राउरकेला आया. जब आमंत्रण मिला, तो थोड़ी जानकारी बटोरी, तो लगा कि कोई माइनिंग दबंगई से भरपूर इलाका होगा. लेकिन यहां आकर पता चला काफी विकसित समाज है. हरियाली आकर्षित करती है. सबकुछ व्यवस्थित है, तो बहुत अच्छा लगा.

Also Read: ओडिशा में 10वीं बोर्ड परीक्षा प्रश्न पत्र लीक के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा, सदन स्थगित

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें