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अब साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा, धर्मेंद्र प्रधान ने दी जानकारी, जानें कब से लागू होंगे ये नियम?

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Board Exams To Be Conducted Twice A Year: शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा का नया राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (एनसीएफ) तैयार किया है जिसके तहत अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी, छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने का विकल्प होगा.

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Board Exams To Be Conducted Twice A Year: केंद्रीय शिक्षा मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने आज घोषणा की कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार नया पाठ्यक्रम ढांचा (एनसीएफ) तैयार है और 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित की जाएंगी. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. यही नहीं कक्षा 11वीं और 12वीं में विद्यार्थियों को दो भाषाओं की पढ़ाई करनी होगी. यही नहीं छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी. शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी.

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नए करीकुलम फ्रेमवर्क से होंगे ये बदलाव

  • मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, नयी शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार नया पाठ्यचर्या ढांचा तैयार है और इसके आधार पर 2024 के शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी.

  • स्कूली स्तर पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के दस्तावेज के अनुसार, कक्षा 11वीं और 12वीं में विषयों का चयन कला, विज्ञान, वाणिज्य ‘स्ट्रीम’ तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि छात्र-छात्राओं को अपनी पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी.

  • इसमें कहा गया है कि नए पाठ्यचर्या ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी और छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी.

  • दस्तावेज के अनुसार, छात्र इसमें से उस परीक्षा में उपस्थित हो सकते हैं जिसके लिए वे अपने को तैयार महसूस करेंगे.

  • इसके अनुसार, कक्षा 11 और 12 के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा और इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए.

  • नये पाठ्यचर्या ढांचे के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी. इसके तहत कक्षाओं में पाठ्य पुस्तकों को ‘कवर’ करने की मौजूदा प्रथा से बचा जाएगा और पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में कमी लाई जाएगी.

  • नये पाठ्यचर्या ढांचे के अनुसार, स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘मांग के अनुसार’ परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे.

नई शिक्षा नीति में दिया 5+3+3+4 फार्मेट क्या है?

नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को हर तरीके से खत्म करने की बात कही गई है. अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में डाला जाएगा. इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले तीन साल कक्षा 3 से 5 की तैयारी के स्टेप में विभाजित किया जाएगा. इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8वीं) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12वीं). इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो अपनी पसंद से ले सकते हैं.

अभी तक साल में एक बार आयोजित होंती हैं बोर्ड परीक्षाएं

अब तक साल में बोर्ड परीक्षाएं एक बार ही आयोजित की जा रही हैं. ऐसे में किसी भी स्टूडेंट्स को फेल होने पर सिर्फ कंपार्टमेंटल और स्क्रूटनी का रास्ता ही पास होने के लिए बचता था. हालांकि, कोरोना काल में सीबीएसई बोर्ड की तरफ से सेमेस्टर वाइज परीक्षाएं एक साल के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन कोरोना से स्थितियां सामान्य होने पर फिर से सीबीएसई की परीक्षाएं पुराने पैटर्न पर आयोजित होने लगीं. ऐसे में शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला छात्रों के हित में लिया है.

2024-25 के विद्यार्थियों पर लागू होगा ये नियम

हालांकि शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक ये नियम इस साल लागू नहीं किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार नया करिकुलम का फ्रेमवर्क तैयार कर लिया गया है और इनके अनुसार किताबें 2024 सत्र के लिए तैयार की जाएगी. ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर की गई घोषणा वर्ष 2024-25 से लागू किए जाएंगे.

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