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Nirjala Ekadashi 2021 Today Live Updates: आज है निर्जला एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजन सामग्री और एकादशी तिथि से जुड़ी पूरी जानकारी…

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Nirjala Ekadashi 2021: आज निर्जला एकादशी का व्रत है. आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. एकादशी तिथि 21 जून की दोपहर बजकर 31 मिनट तक रहेगी. इसके बाद द्वादशी तिथि हो जाएगी. हर एकादशी तिथि का अलग-अलग मान्यताएं होती है. एकादशी तिथि महीने में दो बार आती है. वहीं, साल में कुल 24 एकादशी तिथि होती है. मान्यता है कि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है. आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि है. इस एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि को रखा जाता है. ये व्रत जल की एक बूंद भी ग्रहण किये बिना रखा जाता है. इस कठिन व्रत को करने के कई नियम हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए. अगर आप ये व्रत पहली बार करने जा रहे हैं तो इसके नियम जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. आइए जानते है इस दिन का धार्मिक महत्व...

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एकादशी पर ना करें चावल का सेवन

पद्म पुराण में यह उल्लेखित है कि एकादशी व्रत पर चावल‌ का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि जो इंसान एकादशी तिथि पर चावल का सेवन करता है उसे अगले जन्म में रेंगने वाले कीड़े का रूप मिलता है.

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निर्जला व्रत का संकल्प लेने के बाद ना पिएं पानी

एकादशी तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तथा स्नानादि करके अगर आपने निर्जला व्रत का संकल्प लिया है तो इस दिन पानी का एक बूंद भी ना पिएं. अगर आप निर्जला व्रत नहीं रखना चाहते हैं तो आप फलाहार व्रत भी रख सकते हैं.

आज एकादशी तिथि पर न करें ये काम

  • निर्जला एकादशी पर जल पीना वर्जित होता है.

  • इसलिए व्रत समाप्ति के बाद ही जल ग्रहण करना चाहिए.

  • इस दिन व्रत करते समय किसी के प्रति मन में बुरे विचार नहीं रखने चाहिए.

  • इस दिन वाद-विवाद से बिल्कुल दूर रहना चाहिए.

  • हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का बहुत महत्व है.

  • इस दिन चावल खाने से बचना चाहिए.

  • इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान कर उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए.

  • भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित कर सकते हैं.

  • इस दिन दान करने का विशेष महत्व है.

  • इसलिए किसी जरूरमंद और गरीब व्यक्ति को अन्न, जल, वस्त्र आदि दान करना शुभ होता है.

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आज एकादशी पर भूलकर न करें ये काम

  • एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति के वंश का नाश होता है.

  • एकादशी व्रत में रात को सोना नहीं चाहिए. व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु की भाक्ति, मंत्र जप और जागरण करना चाहिए.

  • एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चोरी नहीं करनी चाहिए. इस दिन चोरी करने पर 7 पीढ़ियों तक उसका पापा लगता है.

  • एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत के दौरान खान-पान और अपने व्यवहार में संयम के साथ सात्विकता भी बरतनी चाहिए.

  • इस दिन व्रती को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचना चाहिए.

  • इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और शाम के समय सोना नहीं चाहिए.

आज का अशुभ मुहूर्त

  • राहुकाल सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक

  • सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक यमगंड रहेगा

  • दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक गुलिक काल रहेगा

  • दुर्मुहूर्त काल दोपहर 12 बजकर 51 मिनट से 01 बजकर 47 मिनट तक इसके बाद 03 बजकर 39 मिनट से 04 बजकर 34 मिनट तक

  • वर्ज्य काल रात्रि 09 बजकर 48 मिनट से 11 बजकर 15 मिनट तक

  • भद्रा सुबह 05 बजकर 24 मिनट से दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक

आज का शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक.

  • विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक रहेगा

  • निशीथ काल मध्‍यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

  • गोधूलि बेला शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 32 मिनट तक

  • अमृत काल सुबह 08 बजकर 43 मिनट से 10 बजकर 11 मिनट तक

आज है निर्जला एकादशी का व्रत

इस बार एकादशी तिथि 20 जून की शाम 4 बजे से ही शुरू हो जाएगी. वहीं, 21 जून की दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. व्रत 21 जून को ही रखा जाएगा और व्रत का पारण 22 जून यानी अगले दिन किया जाएगा.

निर्जला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ 20 जून 2021 की शाम 04 बजकर 21 मिनट पर

  • एकादशी तिथि समाप्त 21 जून 2021 की शाम 01 बजकर 31 मिनट पर

  • पारण का समय 22 जून की सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 12 मिनट पर

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निर्जला एकादशी पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.

  • इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.

  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.

  • इसके बाद भगवान की आरती करें.

  • भगवान को भोग लगाएं. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें.

  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.

इन बातों का रखें खास ध्यान

निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने पर मोक्ष प्राप्त होता है और जन्मों जन्मों के बंधन से मुक्ति मिल जाता है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा की तैयारी करें. लेकिन किसी भी कारण से देर तक न सोएं. इसके बाद मंदिर को साफ करें और गंगाजल छिड़क कर भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें.

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एकादशी व्रत की कथा पढ़ें और श्री हरि का स्मरण करें

इस दिन ध्यान रखें कि आपको पानी नहीं पीना है, इसके अलावा एकादशी व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. अगले दिन व्रत का पारण सुबह 8 बजे तक कर लें. इसमें नहा धोकर भोजन बनाएं, श्री हरि को भोग लगाएं. वहीं भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु बिना तुलसी के भोग स्वीकार नहीं करते हैं.

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