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उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर के मोचपोल गांव में रविवार को एक अवैध पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो चुकी है. घटनास्थल से एक किलोमीटर के दायरे में एक और अवैध पटखा फैक्ट्री पायी गयी है. बेरुनान पाकुरिया गांव स्थित इस फैक्ट्री में ईंट-भट्ठे की आड़ में पटाखे बनाये जा रहे थे.
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स्थानीय लोगों का दावा है कि इस फैक्ट्री में काम करने वाले ज्यादातर मजदूर मुर्शिदाबाद के हैं. पटाखा बनाने के लिए इन्हें बाहर से कार से लाया जाता था. लेकिन फैक्ट्री का मालिक कौन है, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है. कुछ लोगों का कहना है कि मालिक पास के गांव का है, तो कुछ बता रहे हैं कि मालिक भी मुर्शिदाबाद का है.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि दत्तपुकुर की घटना के बाद इस फैक्ट्री के मजदूर रातोंरात भाग गये. उधर, पुलिस ने कारखाने से भारी मात्रा में पटाखा बनाने की सामग्री एवं मशीन जब्त किये हैं. लोगों का आरोप है कि इस फैक्ट्री में पटाखा पर शोध भी चल रहा था. लोगों की यह भी शिकायत है कि इलाके के आसपास ऐसी और भी अवैध फैक्ट्रियां हो सकती हैं.
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सूत्रों का कहना है कि उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पश्चिम मेदिनीपुर, बर्दवान समेत कई जिलों में कई जगहों पर अवैध तरीके से कई पटाखा फैक्ट्रियां चल रही हैं. ये नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीके से पटाखे बना रहे हैं.
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लेकिन घटना होने के बाद ही पुलिस की सक्रियता देखी जाती है. कई बार इन कारखानों में आग लगने से मजदूरों की जान जाती है, तो कई बार विस्फोट में लोग जान गंवा बैठते हैं. पुलिस व सत्तारूढ़ दल के खिलाफ आक्रोश स्थानीय लोगों ने दत्तपुकुर की घटना को लेकर पुलिस और सत्तारूढ़ दल के खिलाफ नाराजगी जातायी है.
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लोगों का कहना है कि पुलिस और स्थानीय नेताओं के सहयोग से दत्तपुकुर के उक्त ठिकाने पर अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी. मुर्शिदाबाद समेत अन्य जगहों से भी श्रमिकों को लाकर यहां काम कराया जाता था.
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राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अवैध पटाखा फैक्ट्री की शिकायत मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई की जाती है.दत्तपुकुर की घटना को लेकर भास्कर मुखोपाध्याय ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. आखिर कैसे व किस तरह से वहां अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी.